मेरा नाम नविन है. में अभी कॉलेज के आखरी साल में पढ़ रही हु. मेरे घर में अभी मेरे पापा, मेरी बड़ी बहन जिसका अभी डिवोर्स हुआ है और में रहता हु. मेरी माँ नहीं होने के वजेसे घर में पापा और बहन ही घर संभालती है.
बड़ी बहन का नाम कोमल है. कोमल दीदी की शादी एक साल पहले ही हुई थी. भागकर शादी करि थी उसने. लेकिन शादी के बाद पता चला की उन दोनों की जमती नहीं है. बार बार उनके घरमे झगड़े होने लगे थे. आखिर कार दोनोने डिवोर्स ले लिया. अभी कोमल दीदी हमारे घर में रहती है. वो सब घरका काम देखती है.
जिस दिन से कोमल दीदी वापस आई है में बहोत कुछ रहने लगा हु. सच कहु तो मुझे पहलेसेही कोमल दीदी अश्चि लगती है. में स्कूल के दिनों से उसकी पैंटी के साथ बाथरूम में खेला करता था. ब्रा को सूंघता था. बहोत बार मेने उसकी पैंटी पर अपना पानी भी गिराया था. शादीके पहले वो दुबली पतली थी.
लेकिन अभी १ साल के बाद उसका शरीर बढ़ गया है. उसके मम्मे काफी बड़े हो चुके है. गोलाकार आकर के मम्मे उठकर दीखते है. ऐसे लगता है उसके पति ने मम्मे दबा दबाकर चूसा है. और पीछे गांड भी बहार निकल आई है. ऊपर से निचे तक कोमल दीदी माल दिख रही थी.
जैसे जैसे दिन आगे बढ़ने लगे. में और कोमल दीदी नजदीक आने लगे. वो मुझे अभी भी बच्चा समझती थी. इसलिए में भी उसका फायदा उठा लेता था. वैसे हम दोनों के बिच करीब ५ साल कर फरक है. में २० साल का हु और वो २५ की है. इसलिए में उसके सामने काफी छोटा बच्चा दीखता हु.
एक दिन वो घर में बैठके टीवी देख रही थी. में कॉलेज से आया. देखा की घरमे कोई नहीं. तो जानबूझकर में निचे जमीन पर बैठे कोमल दीदी के जांघ पे सिर रखके सो गया. दीदी ने भी मुझे कुछ नहीं कहा. खुश देर बार में पलट्कर सोया ताकि मेरा मुँह उसकी जांघ पे रगड़े. पलट कर सो कर मेने कोमल दीदी को कमर पे पकड़ लिया. मुझे बहोत प्यार आ रहा था आज दीदी पे. उसकी जांघ काफी मुलायम थी. मुझे महसुसु हुआ की दीदी की चुत मेरे होठोंसे कुछ ही दूरीपर है. ऐसे लगरहाथा की अपना मुँह घुसेडू दीदी के पैरोंके बिच और चुत को सूंघ लू.
लेकिन तभी बहार से पापा की आने की आवाज आई. में तुरंत उठ गया. दीदी भी सीधी बैठ गई. मेने जाके दरवाजा खोला. पापा हमेशा गलत वक्त पेही आते थे. पापा जभी घर पे होते थे. हम दोनों दूर दूर ही रहते थे. पापा को कभी हमने पता नहीं चलने दिया.
में जानबूझकर दीदी के करीब रहनी की कोशिस करता. कभी उसे मेरे सिर पे तेल लगाकर मालिश करने कहता, तो कभी मेरी पीठ दबाने कहता. दीदी ने बूटी पार्लर का कोर्स किया था तो वो मेरा फेसिअल भी घर में करती थी. उसके मुलायम हातो का स्पर्श मेरे शरीर पे मुझे बहुत भाता था. में भी उसको कुश करने के लिए उसके कंधे दबा देता था. वो खुर्ची पे बैठती थी और में पीछे खड़े होके उसके कंधे दबा देता था. मुझे उसकी स्तन के बिच की दरार ऊपर से देखने मिलती थी.
धीरे धीरे मेरी इछाये बढ़ने लगी. एक दिन दीदी सुभह मटर छीलते हुए खुर्चीपे बैठी थी. वो टीवी देख रही थी. में कॉलेज जाने के लिए निकला. तभी में जाते समय उसके पीछे आया और झुकके उसके गालो पे पप्पी ली और तुरंत दीदी कुछ बोले इसकेपहले,,, में जा रहा हु कतेहुए घर से बहार निकल आया.
पुरादिन मुझे डर लगरहा था. की मेने क्या किया आज. दीदी घुसा तो नहीं होगी. लेकिन जब में घर आया दुपहर को. दीदी ऐसे व्यवहार कर रही थी जैसे कुछ हुआ ही नहीं. तभी मुझे पता चला की दीदी को भी ये सब अच्छा लग रहा है. में फिर हररोज कॉलेज में जाते समय दीदी के गालो पे पप्पी लेके जाता था. दोनो गालो पे पप्पी लेना सुरु कर दिया था मेने.
ये करीब एक हफ्ते चला. जैसे दूसरा हफ्ता सुरु हुआ. सुबह उठतेही मेरा लंड तन गया. में नींद मेही लंड को हातोंसे मसल रहा था. मन में कोमल दीदी का नाम ले रहा था. सुभह सुबह ठण्ड की वजसे मुझमे वासना भर गई थी. ऐसे लगरहा था की जाके कोमल दीदी को चोद दू अभी.
कुछ देर लंड को सहलाने के बाद में उठके नाहा लिया. दीदी किचेन में थी. दीदी ने आज नारंगी रंग की कमीज सलवार पहनी थी. ऊपर से निचे तक कमीज सलवार कोमल दीदी के शरीर पर कसकर लिपटी हुई थी. पीछे उसकी गांड काफी बड़ी और रसीली दिख रही थी.
पर में कुछ कर नहीं पाया. क्यूंकि पापा घर में थे. दीदी ने मुझे चाय नास्ता दिया. में खा रहा था तबतक पापा काम पे निकल गए. अभी हम दोनों ही थे घर पे. हर रोज की तरह, दीदी सब्जिलेके हॉल में आके बैठ गई. वो खुर्सी पे बैठकर सब्जी साफ कर रही थी. में भी कॉलेज के लिया निकला.
लेकिन आज में बहोत मूड में था. लंड अभी खड़ा था. मुजसे रहा नहीं गया और में हमेशा की तरह दीदी को गाल पे पप्पी लेने पीछे से झुका लेकिन इस बार मेने एक हात उसके मम्मे पर रखे और दाया स्तन जोर से दबाया और भागकर बहार निकल आया.
दीदी के मम्मे काफी मुलायम लगे हातोंको. और दबाते समय पता चला वो मेरे हातोंसे भी बड़े है. आज फिर डर लग रहा था घर जाने को. में जानभूझकर घर शामको आया. दीदी खाना बना रही थी. दीदी ने मुझे देखा घर आया हुवा. लेकिन कुछ बोली नहीं. मेने नाहा लिया और खाना खानेकेलिए आ गया. दीदी ने पूछा इतनी देर कहा था. मेने कहा मैच थी आज तो वहा पे था पूरा दिन. दीदी की बाते सुनकर तो मुझे लगा दीदी को कोई फरक नहीं पड़ा मेने जो सुभह उसके मम्मे दबाए थे उससे. वो हररोज की तरह बाते कर रही थी.
खाना खाते समय दीदी ने बताया आज पापा शामको कंपनी के काम से दूसरे सहर में गए है. दो दिन बाद आएंगे. वो सुनके में बहोत खुश हो गया. मतलब रातको में और दीदी अब अकेले हे घरमे. मेरा पेट तो बात सुनकेहि भर गया.
हमने खाना ख़तम किया. थोड़ी देर दीदी हॉल में जमीन पर बैठके टीवी देख रही थी. मेने सोचा यही मौका है. में गया और हमेशाकीतरहा उसकी जांघ पे सिर रखके सोया. दीदी ने भी मुझे अपने नजदीक ले लिया और टीवी देखते हुए मेरे बालोमे उंगलिया घुमाने लगी. मेरे मूह के सामनेही दीदी के बड़े बड़े आम थे. में उनकी तरफ देख रहा था की तभी दीदी ने मुझे देख लिया.
कोमल दीदी ने तुरंत पूछा, क्या देख रहा है. मेने घबराके कहा, कुछ नहीं देख रहा दीदी….
दीदी को पता चल गया की में डर रहा हु. तभी अचानक से दीदी आगेकी और झुकी और सामने रखा टीवी का रिमोट लेने लगी. लेकिन तभी उसके मम्मे मेरे मुँह पे दब गए. दीदी ने अपने मम्मे जानबूझकर मेरे मुँह पे दबाए. बहोत मजा आया मुझे. कुछ देर बाद उसने फिर आगे झुकके अपने मम्मे दबाये मूह पे. लेकिन इस बार मेने अपने हत्तोसे उन्हें जकड लिया. में दीदी के मम्मे दबाने लगा.
जांघ पे सोतेहुए दोनों मम्मे को हातोंसे दबाकर देखने लगा. अहहह आहह हहहहहह हहहहहहह… बहोत ही ज्यादा मुलायम थे कोमल दीदी के आम. मेरा तो लंड ही खड़ा हो. में जब जोर जोर से दबाने लगा, दीदी मुँह से आवाज करने लगी. अहहह अहा इस्स्स्सस्स शशः स अहहह आहह हाहाहाहा अहहहहह आह्हः.
दीदी का आवाज सुनके मुझे रहा नहीं गया और मेने उसका कमीज़ ऊपर उठाया. दीदी ने मुझे कमीज़ उतारनेमे मदत की. कमीज़ जैसेही हटी. दीदी ने पहना हुआ काले रंग का ब्रा मेरे सामने आ गया. दीदी के गोरे गोरे मम्मे अंदर फसे हुए थे. मेने फिर से दबाना सुरु किया. देखते ही देकते मेने ब्रा को पीछे से खोला और मम्मो को आजाद कर दिया. ब्रा हटतेहि जो दृश्य मेरे सामने आया. मेरी आँखे चकाचौंद रह गई. गोरे स्तन पे भूरे रंग की चूचियों को देखके मेरे मूह में तो पानी आ गया. मेने तुरंत चूचियों को मुँह में लिया और चूसने लगा. अहा है मू मु ु मां ुमुमुमुम ुम मूम ….
जोर जोर से मम्मे दबाकर चूचिया खींच रहा था. एक अलग ही आनंद मिल रहा था. दोनों चूचियोंको मेने ऊंगलीमे धरलिया और जोर जोर से दबाने लगाया. दीदी चिल्लाने लगी. आहह हां आह्हः हहह…अहहह अहा हहहह अहःअहः हां मुमुमुउ उफ्फ्फ्फफ्फ्फ़ ,,,,,
काफी देर तक में मम्मो को दबाकर चूसता रहा. फिर में उठकर पास में बैठ गया. दीदी ने मेरी टीशर्ट ऊपर उठाकर उतार दी. फिर हम दोनों ने एक दूसरे को गले लगाया और होठोंको चूमने लगे. बहोत प्यार से दीदी मेरे होठोंको चूमने लगी. दीदी को चुम्बन लेते हुए मेने उसके मम्मे मसलना सुरु किया. एक हात उसकी नेगी पीठ पे घूम रहा था और दूसरे से उसके मम्मे दबा रहा था. जीभ से जीभ मिलकर हमने चूमना सुरु किया.
चुम्बन लेते हुए दीदी की उत्तेजना देखके लगा की दीदी बहोत दिन से तड़प रही थी. मेने फिर जोर जोर से चूमना सुरु किया. कुछ देर बाद में पीछे हुआ और दीदी के सामने खड़े होकर अपनी शार्ट पैंट निकाल दी. अंदर की चड्डी पे खड़ा लंड दिख रहा था. ऐसेही दीदी के मुँह के सामने आके खड़ा हो गया.
दीदी ने एक नजर मेरी अंडरवेर की तरफ देखा. और दोनो हातोंसे मेरी अंडरवेर खींचकर निचे उतार दी. जैसे ही मेरा लंड बहार निकला, दीदी चौक गयी. मेरा तनाहुवा लंड काफी बड़ा था. अंडरवेर निकाल के दूर फेक दी. फिर दीदी ने मेरे लंड को अपनी मुठी में मजबुतीसे पकड़ लिया. और जोर जोर से आगे पीछे हिलाने लगी. अहहह आहह हहह हहहहह अहहहहहहह…
कोमल दीदी ने लंड हिलाते हुए अपने मूह में लेलिया और चूसने लगी. अहहह हाहा उफ्फ्फफ्फ्फ़ आहहह हहह उम्म्म्म …. दीदी को मुँह में लंड लेके चूसते हुए देखकर मुझे उसपे बहोत प्यार आने लगा. लंड उसकी मुँह में अंदर तक जा रहा था. काफी बड़ा होने की वजसे वो पूरा तो नहीं ले पाई. लेकिन दीदी ने जीभ से लंड चाटना सुरु किया. पूरे लंड को मुठी में जकड कर अपनी जीभ ऊपर से निचे तक घुमाने लगी.
फिर मेरी दोनों गोटिया चूसने लगी. जीभ उसपे घुमाके दोनों गोटिया चाट के गीली कर दी. जोर जोर से लंड हिलाकर जो मजे दिए मुझे दीदी ने, कभी ना भूलने वाला अनुभव था.
फिर दीदी ने लंड छोडा. मेने दीदी को निचे सुला दिया. उसका सलवार खींच कर निकाला. अंदर उसकी पैंटी थी उसे पकड़ा और जोर से खींचकर निकाल दिया. जैसे मेरे सामने उसकी चुत आई. में तो पागल हो गया. कोमल दीदी की चुत पूरी गोरी थी. एक भी बाल नहीं था चुत पे. बिच की दरार देखकर मेरे मूह में पानी आगया. मेने दीदी के पाव फैलाये तो गुलाबी रंग की चुत मुझे आकर्षित कर गयी. मेने तुरंत अपनी जीभ चुत में डाली और रगड़ना सुरु किया. जीभ चुत के अंदर डालके ऊपर से निचे तक दरार में घिसता रहा. चुत से गाढ़ा अपनी नीकल रहा था. मेने वो चाट चाट के पि गया. फिर एक ऊँगली चुत में डाली जोर जोर से अंदर बहार हिलने लगा.
दीदी बहोत आवाज कर रही थी. आहह हां हां अहह हां अह्ह्ह्ह..ा..आ..आहह हहह हहहह हहहहहह …
कही देर मेने चुत के साथ खेला. फिर में दीदी के ऊपर आके सो गया. निचेसे लंड घुसेड़ा चुत में और दीदी को चोदने लगा. आहह है हाहा अहहहहह हहहहहहहहहहह हहहहहहह……लंड पूरा अंदर चुत में डालके उसे चोद रहा था. दीदी की चूचिया मुँह में ले ली थी. अहहह हहहहह हहहह.. लंड को चुत में डालने के बाद बहोत मजा आता है. ऐसे लग रहा था की लंड को चुत में ही घेसेड के रखु….
कही देर तक चोदा. फिर में दीदी के पास सो गया. दीदी को लंड पे बैठने के लिए कहा. दीदी उठी और लंड पे आके बैठ गई. उसीने लंड को पकड़कर चुत में डाला और फिर उछल उछल कर चुदवाने लगी. मेरे सामने उसके मम्मे ऊपर निचे उड़ रहे थे. लंड चुत में अंदर जाके बहार आ रहा था. दीदी मदहोश हो चुकी थी. अपने बालोंको सहलाते हुए लंड पे कूद रही थी. अहह आहह हां अहहहह हहहहह्ह हहहहहहहहह…. वो दृश्य काफी मनमोहित करनेवाला था.
फिर मेने दीदी को घोड़ी बना दिया. उसके पीछे चला गया और घुसेड़ा लंड उसकी चुत में. गांड पे हात से दो फटके मारे और कोमल दीदी को चोदने लगा. आहह अहहहहह हहहहहहहहहहह…. दीदी का पूरा शरीर हिल रहा था. उसकी कमर मेने दोनों हातोंसे पकड़ी और जोर जोर से धक्के देके दीदी को चोदना सुरु किया. अहह अह्हह्हह हहहहहह अहहहहह……
लंड को पूरा अंदर डालके चोद रहा था. कही देर तक चोदा फिर मेरा लंड पानी छोडनेकेलिए तैयार हो गया. मेने तुरंत लंड बहार निकाला और दीदी को सीधा बिठाके लंड उसके मुँह में दे दिया. कोमल दीदी ने मुठीमे लंड जकड कर हिलना सुर किया. दीदी का मुलायम हात लंड पे लगतेहि, लंड ने जोर से पानी निकाला. सारा पानी दीदी ने मुँह में लेलिया और वो पि गयी. पूरा लंड चूसचूस के पानी पि गयी. हिला हिला के बचाकूचा पानी निकाल रही थी. फिर लंड को जीभ से चाट के साफ किया और छोड़ दिया.
दोनों हाफ रहे थे. थोड़ी देर ऐसे ही जमीन पर लेटे रहे. फिर अपने अपने कमरेमे जाके सो गए. उस दिन मुझे बहोत अछि नींद मिली. कोमल दीदी और हम दो दिन पति पत्नी की तरह साथ रह रहे थे. दीदी को बहोत चोदा. एक दूसरेका शरीर का उपयोग करके मन शांत किया.
दोनों को भी इसकी बहोत जरुरत थी.