दोस्तों ये जो कहानी में आपको सुनाने जा रहा हु ये मेरे जीवन का एक काला सच है जो मेने इसके पहिले किसी को नहीं बताया।
ये बात उन दिनों की है जब में स्कुल जाया करता था. तब मेरे घर पापा के एक दोस्त आया करते थे. उनका नाम अनुभव था. में उनको अनुभव अंकल कहके पुकारता था.
अनुभव अंकल का आनाजाना घर लगा रहता था. पापा और मम्मी दोनों काफी खुलके उनसे बात किया करते थे. कई बार तो रात को पापा और अनुभव अंकल दारू पिने बैठते और देर हो जाये तो हमारे घर ही सो जाया करते थे.
मुझे अनुभव अंकल इसलिए पसंद थे क्यूंकि वो मुझे हमेशा पैसे दिया करते थे. स्कुल के लिए मुझे घर से पैसे नहीं मिलते थे. इसलिए अनुभव अंकल से मिलने वाले पैसो से मेरी खाने पिने की जरूरते पूरी हो जाती थी. इस कारन में हमेशा अनुभव अंकल के घर अनेका इंतजार करता था.
लेकिन एक दिन सुभह ११ बजे जब में अपने क्लास के लिए निकल रहा था. तभी मेने अनुभव अंकल को रसोई घर में देखा। मुझे लगा वो माँ से कुछ बात कर रहे होंगे. क्यूंकि बातोकि आवाजे आ रही थी. तो पहले तो मेने ज्यादा ध्यान नहीं दिया और में अपने क्लास के बैग में किताबे भरने लगा.
तभी माँ की धीरेसे आवाज मुझे सुनाई दी.
आह्हः। ..क्या कर रहे हो.
में थोड़ा चौक गया. धीरेसे उठकर मेने बहार से रसोई घर में झाका। तब जो मेने अपनी आखोसे देखा, मेरे तो रोंगटे खड़े हो गए.
सामने माँ आटा गुंड रही थी. और अनुभव अंकल ने माँ को पिछेसे पकड़ रखा था. उनके दोनों हात माँ के मम्मो पर थे. और वो पिछेसे माँ को कसके पकड़कर उनके मम्मो को जोर जोर से दबा रहे थे.
में तभी छोटा था. मे थोड़ा सहम गया और जल्दी से पीछे हटकर अपनी बैग उठाई और बहार निकल गया.
उस दिन के बाद मुझे इतना पता चल गया था की कुछ तो घर में चल रहा है जिसका मुझे पता नहीं।
धीरे धीरे जैसे में बड़ा होने लगा. मुझे इन सब चीजोंकी समाज आने लगी.
अभी तो मेरा लंड भी खड़ा होने लगा था. अनुभव अंकल अभी भी घर आया करते थे. वो मुझे पैसे दिया करते थे.
लेकिन अब मुझे घर में क्या चल रहा है ये जाननेमे ज्यादा उत्सुकता थी.
मेने घर में अनुभव अंकल पे ध्यान रखना सुरु किया. काफी दिन तक मेने कोशिश की के कुछ पता चले लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हो रहा था.
कुछ दिन बाद मुझे इतना पता चला की जब में घर पर नहीं रहता तब अनुभव अंकल घर आते है.
मेरी जिन्यासा बढ़ रही थी. में मोके के तलाश में था.
एक दिन वो मौका मिल ही गया. पापा और अनुभव अंकल रातको दारू पिने बैठे थे.
देर रात उनका कार्यक्रम चल रहा था. में अपने कमरे में जगा हुआ था. आज मुझे देखना था की रातको होता क्या है.
जैसे ही रातके दो बजे, मुझे कमरे पे बहार हलचल महसूस हुई.
पापा और अनुभव अंकल बात कर रहे थे. पापा ने अनुभव अंकल से कहा आज इधर ही रुक जाओ.
मेने अंदरसे दरवाजेपे कान लगाकर सारी बाते सुन रहा था. बिच बिच में माँ की भी आवाज आने लगी.
कुछ देर बाद सब शांत हो गया. तो मेने धीरेसे अपना दरवाजा खोला। और बाहर झाकने लगा. बहार देखा थो पापा उठकर कमरेकी और जा रहे थे. उन्होंने बहोत पि रखी थी और पापा को ठीक से चलने भी नहीं हो रहा था. वो दीवार के सहारे चलते हुए अंदर की और जा रहे थे.
उनके पीछे माँ और अनुभव अंकल खड़े थे. अंकल माँ के पीठ पर हाट घुमा रहे थे. माँ ने तब नायलॉन की मैक्सी पहनी थी. अनुभव अंकल का हात माँ की पीठ से होकर निचे की और आया और माँ की गांड पर आते ही उन्होंने माँ की गांड दबाई। माँ की बड़ी गांड का बड़ा हिस्सा उनके हातो में था और वो माँ की गांड दबाये जा रहे थे.
उनको ऐसे करता देख में चौक गया. समज नहीं आ रहा था की ये सब क्या हो रहा है.
जैसे ही पापा गए अपने रूम में पिछेसे माँ और अंकल भी अंदर चले गए. वो जैसे ही अंदर गए में दबे पाव बहार निकला और पापा के रूम के बाहर आकर खड़ा हो गया. बहार पूरा अँधेरा था.
धीरेसे जब पापा के रूम के पास आया तो अंदर से माँ की सिसकनेकी आवाजे आ रही थी.
मुजसे रहा नहीं गया तो में दरवाजे पे कान लगाकर सुनाने गया तो पता चला दरवाजा खुला ही है. मेने धीरेसे दरवाजे को धकेला और अंदर झाकने लगा.
और तब जो मेने अंदर देखा मेरे तो होश ही उड़ गए.
अंदर कमरेमे टेबल पे रखी पिली लाइट चालू थी. उसी लाइट का उजाला था. फिर भी कमरेमे काफी अँधेरा था.
सामने पापा बेड पर सोये थे. वो गहरी नींद में थे.
दूसरी तरफ माँ को अंकल ने कसकर जकड लिया था और दोनों एक दूसरे के होठोंको चुम रहे थे. गले लगाकर चूमते हुए अनुभव अंकल का हात माँ की पीठ पर घूम रहा था.
माँ को ऐसे देख मेरा तो गाला सुख गया.
कुछ देर बाद दोनों ने एक दूसरे के कपडे उतरना सुरु किये. माँ ने तो सिर्फ मैक्सी पहनी थी. जैसे मैक्सी ऊपर से निकली। अंदर से माँ का रसीला बदन दिखाई देने लगा. माँ ने ब्रा भी नहीं पहना था तो उनके मम्मे तुरंत उछलकर बाहर आगये। निचे माँ ने सिर्फ चड्डी पहनी थी.
अनुभव अंकल ने भी तुरंत अपने कपडे उतारदिए और पुरे नंगे हो गए. जैसे उनका लंड बहार आया. माँ ने बिना किसी झिजक के उनका लंड हातोंसे पकड़ लिया और उसे आगे पीछे हिलने लगी. जैसे ही अनुभव अंकल ने अपना शर्ट निकल दिया वो पुरे नंगे हो गए.
माँ पीछे की और रखे खुसी पे बैठी और अनुभव अंकल का लंड खींचकर उनको नजदीक लिया और लंड को मुँह में लेकर चूसने लगी.
अनुभव अंकल के मुँह से आवाज निकलने लगी. अहह अहहह ा.. ष्ष्स सहस अहहहह अहहह।।।।
यहाँ मेरा लंड भी उछलने लगा. मेरा हात अपने आप पैंट में चला गया. और लंड को कसकर पकड़के में भी उसे हिलने लगा.
माँ को कोई फरक नहीं पड़ रहा थी की उनका पति पास ही सोया है. वो बहोत ही मजे लेकर अनुभव अंकल का लंड चूस रही थी.
काफी देर लंड चूसने के बाद फिर सुरु हुआ चुदाई की क्रिया।
अनुभव अंकल ने माँ को खड़ा किया. और पास ही बेड पर माँ को सुलाके माँ के पैर फैलाये। और सीधा अपना खड़ा लंड माँ की चुत में धकेल दिया।
अंकल ने लंड माँ की चुत में दाल उसे पेलना सुरु किया. माँ मदहोश होकर आह भरने लगी.
अहह अहा। स शश श्शश शश.. अहहस ष्ष्स..
अंकल निचे से लंड घुसेड़कर ऊपर माँ के निप्पल चूसने लगे.
यहाँ मेरा भी हाल बेहाल था. मेने अपनी पैंट निचे उतारी और गीले लंड को जोर जोर से हिलाने लगा. माँ को चुदवाते देख में पागल हो रहा था.
वहा अनुभव अंकल काफी जोश में माँ को चोद रहे थे. उनकी आँखे नशीली हो चुकी थी.
दोनों इतनी जोर से चुदवा रहे थे की पूरा बेड हिलने लगा. इतनी जोर से बेड हिल रहा था की पापा की नीद खुल गयी.
उनको जागते हुए देख मेरी हालत पतली हो गई. अब क्या होगा। पापा ने मम्मी को चुदवाते देखा तो तहलका मच जायेगा.
डर के मरे मेने अपना लंड कसकर पकड़ रखा था. तभी पापा को उठते हुए देख अनुभव अंकल ने अपना लंड माँ की चुत से बहार खींचा। माँ को इशारा किया की पति उठ रहा है.
माँ तुरंत खड़ी हुई. और बेड के किनारे झुक गई. झुककर माँ ने पापा की पैंट खोली और उनका लंड निकाल कर चूसने लगी… पीछे अनुभव अंकल ने माँ की गांड जैसे देखि वो प्यार से गांड पे हाट घुमाकर माँ की गांड को चूमने लगे
आगे पापा, पीछे अनुभव अंकल और बीचमे झुकी हुई मेरी माँ. वो दृश्य आज भी मेरे नजरोके सामने आता है तो मेरा लंड उछलने लगता है.
अनुभव अंकल ने गांड के पुरे मजे लिए, फिर खड़े होकर पिछेसे चूत ढूंढ़कर अपना लंड माँ के अंदर घुसेड़ा और फिर से माँ को पेलने लगे. माँ पापा का लंड चूसते हुए चुदवाके ले रही थी.
वहा अनुभव अंकल ने माँ को जोर जोर से चोदना सुरु किया। यहाँ में लंड को जोर जोर से हिलाने लगा.
कुछ देर बाद अनुभव अंकल ने माँ को चोदते हुए लंड बहार खींचा और माँ के गांड पे पानी फैला दिया। वह पापा ने भी अपना पानी माँ के मुँह में छोड़ दिया।
और यहाँ मेरे लंड ने पिचकारी उड़ाई।
सभी एकसात शांत हो गए.. मेने तुरंत अपनी पैंट ऊपर खींची और दबेपाव रूम में आगया।
उस दिन से मुझे पता चला की पापा को भी पता है के अनुभव अंकल माँ को चोदते है.
कुछ महीनो बाद मुझे पता चला की पापा ने अनुभव अंकल से पैसे लिए थे. वो अब दे नहीं पा रहे है. तो उसका मुवावजा समझकर अनुभव अंकल माँ को चोदते है.
आज भी अनुभव अंकल हमारे घर आते है और माँ को चोद के चले जाते है.
कैसी लगी कहानी जरूर बताना