मेरे ही बेटे ने मुझे फिर से जवानी का आनंद दिया

मेरा नाम कविता है. मेरा २२ साल का एक बेटा है. कुछ दिनों पहले मेरे पति ने ऑफिस से घर आतेहि कहा की इस शुक्रवार को हम झरने को देखने चलते है. बारिश का मौसम था. काफी दिनों से लगातार बारिश हो रही थी.

इस वक्त पहाडोपे काफी जगह पानी के झरने बन गए थे. बहोत सारे लोग उस झरनोमे नहाने के लिए जा रहे थे. तो जैसे ही पति ने कहा की हम भी चलते है, तो में बहोत कुछ हो गयी. काफी दिनों से बहार कही घूमने नहीं गए थे.

मेने दूसरे दिन जाने की सारी तैयारियां कर ली. मेरा बेटा अनुज भी हमारे साथ आने वाला था. शुक्रवार की सुभह का दिन था. हम अपनी गाड़ी से निकल पड़े. रात भर बारिश गिरी थी. बहार सुहाना मौसम था. ठंडी ठंडी हवा चल रही थी. करीब ४ घंटे का रास्ता था. हम मौसम का पूरा लुप्त उठाते हुए, रस्ते में आने वाले ढाबे पे नास्ता करते हुए आगे बढ़ रहे थे.

करीब ४ घंटे बाद हम पहाड़ो में पहोचे. जिस होटल में हम रुकने वाले थे वो पहाड़ के ऊपर बसा हुआ था. गाड़ी पहाड़ के ऊपर तक ले आये.

जब होटल के पास हम पोहचे, में बहार का नजारा देख चौक पड़ी. उचे उचे पहाड़ो के बिच वो होटल बसा हुआ था. एक छोटेसे गांव की तरह माहौल था. कुछ दुकाने, गलिया, होटल और बहार से आये लोग घूमते हुए दिख रहे थे.

हमने तुरंत जाकर होटल में अपना सामान रखा. एक ही कमरा हमने लिया था जिसमे एक बड़ा बेड था और बड़ा सोफा था. दो ही दिन की बात थी तो हमने सोचा ज्यादा पैसे क्यों खर्च करे.

कुछ देर आराम करने के बाद करीब ११ बजे हम होटल से निकले. झरना होटल से कुछ दुरी पर था. वह गाड़ी नहीं ले जा सकते थे. तो वहा की ऑटो रिक्शा में हम चल पड़े.

करीब २५ मिनिट बाद हम झरने के पास पोहचे. जैसे में ऑटो से उतरी मेने देखा सामने पहाड़ से झरना बह रहा था. काफी परिवार थे जो झरने में नाहा रहे थे. उस सुहाने दृश्य को देख मेरा मन बाग बाग हो गया.

में मेरे पति और अनुज हम भी तीनो झरने के पानी में नहाने के लिए उतरे. पानी थोड़ा ठंडा था. लेकिन काफी साफ था. कोई पानी में छलांग मार रहा था, तो कोई पानी के अंदर जाकर तैर रहा था. हम तीनो भी मौज करने लगे.

अब तक तो सब ठीक चल रहा था. लेकिन अचानक सब कुछ बदलने लगा. में पानी के अंदर खड़ी थी तभी पानी के निचे से किसी ने मेरी गांड पे हात लगाया. मेने पीछे मूड के देखा तो अनुज और आसपास बहोत सारे और भी लड़के थे. भीड़ ज्यादा होने की वजे से में समज नहीं पाई की किसने मेरी गांड पे हात लगाया.

मेने सोचा जाने दो और फिर से पानी में नहाने लगी. इस बार उस बंधे ने पानी के निचे से फिर से गांड पे हात लगाया. इस बार वो बहोत ही प्यार से मेरी गांड पे हात घुमा रहा था और गांड दबा रहा था.

में कुछ देर ऐसे ही बिना कुछ कहे खड़ी रही और उसे मेरी गांड से खेलने दिया. वो जो भी कोई था बड़ी प्यार से मेरी गांड दबा रहा था.

तभी अचानक से सामने एक लड़की की चिल्लाने की आवाज सुनाई दी. सारी भीड़ सामने देखने लगी. वह पे कुछ लड़के एक परिवार की लड़की को छेड़ ने की कोशिश कर रहे थे. भीड़ की नजर सामने थी, हम सब भी वह देखने लगे. तभी पीछे खड़ा अनुज मेरे करीब आया और मेरे कंधो पे हात रख खड़ा हुआ.

अब वो मेरा बेटा ही है तो मेने कुछ कहा नहीं. लेकिन थोड़ी देर बढ़ मुझे अपनी गांड पे कुछ लंबी चीज चुबने लगी. पहले तो मुझे समज नहीं आया की वो चीज क्या है. लेकिन थोड़ी देर बाद मुझे समज आया की वो और कुछ नहीं, अनुज का तना हुआ लंड है.

अनुज अपना लंड मेरी गांड पे दबा रहा था. में थोड़ी चौक गई. लेकिन ज्यादा कुछ कर नहीं पायी. जब तक सारे लोग सामने की लड़ाई देख रहे थे. यहाँ अनुज पानी के निचे अपना लंड मेरी गांड पे घिस रहा था. कभी आगे पीछे करता तो कभी दाये बाये कार लंड को मेरी गांड पे घिस रहा था.

उसकी ये हरकत देख मुझे विस्वास हो गया की कुछ देर पहले मेरी गांड दबाने वाला और कोई नहीं अनुज ही था.

हम फिर पानी में नहाने लगे. इस बार मेरी नजर अनुज पर ही थी. मेने देखा वो बार बार मेरे मम्मो को देख रहा था. मेने जो पंजाबी ड्रेस पहना था, वो पानी में गीले होने के बाद मेरे शरीर से चिकप गया था. जिस वजसे मेरे मम्मो का आकर स्पस्ट रूप से दिखाई दे रहा था.

अनुज की आँखे मेरे शरीर पर घूमते हुए देख में भी मदहोश हो गई. चुपके छुपाते हुए में जानबूझकर पानी में झुक के अपने मम्मो की बिच की दरार अनुज को दिखाने लगी. अनुज मेरे स्तन को देख चकाचौंद हो गया था. उसके चेहरे के बदले हुए भाव मुझे स्पस्ट दिख रहे थे.

काफी देर झरने में नहाने के बाद हम घर की और निकल पड़े. शाम भी होने आयी थी तो जल्दीसे होटल पोहच गए. फिर होटल में ही शाम का खाना खा लिया. मेरे पति का पिने का मूड था तो वो बोतल लेके कमरेमे ही बैठ गए.

आज वो बहोत खुश लग रहे थे. ख़ुशी में उन्होंने ज्यादा ही पि ली. इतनी पि ली के कुछ देर बाद उन्हें खड़े रहने की ताकत नहीं थी.

जब सोने की बरी आई तो मेने उनको सोफे पे ही सुला दिया और उनके ऊपर चादर डाल दी. अनुज बेड पे ही दूसरी तरफ मोबाईल पे गेम खेलते हुए बैठा था. मेने कमरे की लाइट बंद की और रूम में पूरा अँधेरा हो गया.

सिर्फ अनुज के मोबाईल का प्रकाश था. में तुरंत आकर बेड पर अनुज से कुछ ही दूर पीठ कर सो गयी. मेने तब सिल्क की गुलाबी रंग की मैक्सी पहनी थी. ब्रा पहले ही निकाल दिया था.

अनुज ने शायद मौके को समजा और तुरंत अपने मोबाईल को बंद कर वो मेरे पास सो गया. में जगी हुई थी. सोच में थी की अनुज अब आगे क्या करेगा. तभी अनुज ने पिछेसे मुझे जकड लिया. वो मुझे पीछे से पकड़ कर अपना लंड को मेरी गांड पे टिकाकर सोया था. मुझे अपनी कोमल गांड पे अनुज का तना हुआ लंड महसूस हो रहा था.

अनुज ने पहले अपनी कमर हिलाकर अपने लंड को मेरे गांड पे घिसना सुरु किया. में बिना कुछ बोले उसे वो जो कर रहा है वो करने दिया. जैसे अनुज को पता चला की में कुछ नहीं कह रही हु. तो उसने एक हातोंसे मेरे मम्मे दबाना सुरु किया.

अनुज ने जैसे ही मेरे मम्मे दबाये, मुजसे रहा नहीं गया और मेरे मुँह से सुसकारे.. निकलने लगे. अहह अहह. श्श्श श्श्श्श. अहहहहहहह… शशःशस.

मेरी आवाज सुन अनुज और जोश में आ गया और मेरे मम्मो को जोर जोर से दबाने लगा. पिछेसे अपने लंड को और जोर से मेरी गांड पे दबाने लगा. अहह अहहह अहहह…..

देखते ही देखते उसका जोश हवस में बदल गया और उसने मुझे अपनी और किया और मेरे ऊपर आकर सीधा मेरे होठोंको चूमने लगा. जैसे ही अनुज के होठ मेरे होठोंसे टकराये, मेरे दिमाग ने काम करना बंद कर दिया. में अनुज के प्यार में बह गयी.

हम दोनों भी पागलो की तरह एक दूसरे को चूमने लगे. में उसके बालो में हात घुमाने लगी. उसकी पीठ पर हात घुमा रही थी.

वैसे था तो वो मेरा ही बेटा लेकिन काफी दिनों बाद किसी नौजवान लड़के के शरीर को अपने बदन पर महसूस कर मेरी चुत को बहोत आनंद मिल रहा था.

होठोंको चूमते हुए अनुज ने मेरे मम्मे दबाना सुरु किया. धीरे धीरे वो मेरे गालो को चूमते हुए निचे जाने लगा. उसने मेरी गर्दन से होकर मम्मो तक का सफर आसानी से पार किया फिर जैसे वो मम्मो पर पोहचा, उसने मेरी मैक्सी उठाकर ऊपर कर दी.

मेने अंदर ब्रा नहीं पहनी थी. मेरे खड़े निप्पल देख उसे रहा नहीं गया. पहले उसने अपने हातोंसे मेरे दोनों निप्पल मसले. फिर तुरंत अपना मुँह मेरे निप्पल पर रखा और दोनों मम्मे दबा दबा कर चूसने लगा. अहहहा.अहहह अहःअहः. श्श्श ष्ष्स ष्ष्हशस…. अनुज ष्ष्हशश ष्ष्श.. धीरे श्शश ष्षष..

में सिसकती रही लेकिन अनुज रुका नहीं. उसके दोनों हातोंके पंजे मेरे दोनों मम्मो को जोर जोर से दबा रहे थे. निप्पल को मुँह में लेकर अनुज खींचने लगा. अहह अहह….. धिरे अहहह हाहाहाहा…

काफी देर मम्मो का दूध पीकर अनुज निचे फिसला. पहले उसने मेरी नाभि पर जीभ घुमाकर चाट लिया. मेरी कमर को टटोलने लगा. अपने होठ मेरे पेट पर घिसने लगा. चूमते हुए जैसे वो निचे जाने लगा, मेरे तो आनंद का कोई ठिकाना नहीं रहा.

अनुज ने मेरी निक्कर देखि. वो निकर पर अपना मुँह रगड़ने लगा. फिर देखते ही देखते दोनों हातोंसे निक्कर को पकड़ा और धीरेसे निचे खींच उसने मुझे पूरा नंगा कर दिया.

में नंगी बेड पर अपने ही बेटे के सामने तड़पने लगी. मुझे बहोत शर्म आ रही थी. अनुज ने मेरी हलचल देखि और उसने तुरंत मेरे पैर फैलाये और चुत पे अपने होठ रख चाटने लगा.

अहह अहहह….. मर गयी,,, अह्ह्ह्ह हाहाहा..ा आह्हः .. यही तो मुझे चाहिए था. हां अहहहहहह

अनुज बेटा चाटो….अहहह अह्हह्ह हहह…. बहोत दिन से तड़प रही थी. अनुज की जीभ मेरे चुत के अंदर घूमने लगी. चुत से निकलने वाला पानी वो पूरा चाट चाट के पि गया. अहह हहह अहह…..

फिर अनुज ने अपनी एक ऊँगली मेरे चुत में डाली और वो चाटने लगा. जोर जोर से ऊँगली चुत में घिसने लगा. अहहह हहह… और भी ज्यादा आनंद मिलने लगा.

अहह अह्ह्ह्ह… अनुज अहहह हहहहह आह्हः…….

काफी देर चुत चाटने के बाद अनुज पीछे हटा, उसने तुरंत अपनी पहनी हुई टीशर्ट और पैंट उतार दी. मेरे ही सामने उसने अपनी निक्कर भी निचे खींच ली और अपने तने हुए लंड को बहार निकाला.

अनुज का लंड देख में बहोत कुछ हुई. उसका लंड काफी बड़ा था. तना हुआ और लम्बा लंड ऊपर निचे हिल रहा था.

जैसे ही अनुज नंगा हुआ, वो सीधा आकर मेरे सिनेपे बैठ गया. मेरे ममो पर बैठे उसने अपने लंड को मेरे मुँह में दे दिया. मेने भी तुरंत लंड को अपने मुँह में ले लिया और चूसने लगी.

अहह हाहाः… काफी मीठा था अनुज का लंड. मेरे ही बेटे का लंड कभी में मुँह में लुंगी ऐसा कभी मेने सपने में भी नहीं सोचा था. उमम अमममम अम्म्मा….. लंड काफी बड़ा था इसलिए पूरा मुँह में नहीं जा रहा था.

तो अनुज ने अपनी कमर ऊपर उठाई और जोर से धक्का देके मेरे मुँह में पूरा लंड डालने की कोशिश करने लगा. में डर गयी क्यूंकि लंड अब मेरे गले तक जाने लगा. आधे से ज्यादा लंड मुँह में चला गया था. अनुज और जोर जोर से धक्के देते हुए मेरे मुँह को अपने लंड से चोदने लगा.

उमूमम ुमुमुम ुमुमुम अहममम ाममममम ा

काफी देर लंड को चूसने के बाद, अनुज ने लंड मेरे मुँह से बहार कीचा. फिर उसने मेरे मम्मो के बिच लंड को फसाकर घिसना सुरु किया. मेने अपने मम्मे दोनों हातोंसे दबाके पकडे और अनुज अपने लंड को मेरे मम्मो के बिच घिस रहा था.

फिर अनुज मेरे निचे सरक गया और मेरे दोनों पेरो के बिच बैठ गया. उसने मेरे पैर फैलाये और लंड को आगे ले आया. धीरेसे लंड को चुत में डालने लगा. अहहहहह.. लंड की नोक चुत में जाने लगी तो शरीर की गर्माहट और बढ़ने लगी.. धिरे धिरे अनुज ने लंड को चुत में धकेल दिया और जैसे आधा लंड चुत में घुसा, वो मेरे उपर आकर सो गया.

मुझे कसकर जकड कर होठोंपे चूमने लगा और निचेसे मेरी चुत को अपने लंड से चोदने लगा. जोर जोर से लंड को चुत में अंदर बहार करने लगा. अहह हः हां अहहह..अह्हह्ह्ह अहहह…..

तने हुए लंड को चुत में लेकर बहोत मजा आ रहा था. मेरे पुरे शरीर में एक तरह की तेजी आ गया था.

अनुज ने मुझे जोर जोर से चोदना सुरु किया. अहहह हहहह अहह . .. अनुज अहःअहः स्सश्श्श हहहसहषश……..अहह अहह…. वो काफी हवस से भरा हुआ लग रहा था. अभी उसे रोकना मुमकिन नहीं था. उसने लंड को पूरा चुत में घुसा दिया था. और जोर जोर से चुत पे धक्के देकर लंड जो जितना अंदर जा सके दाल रहा था.

धक्के के सात उसके दोनों गोटे मेरी चुत पर पटक रहे थे. अनुज ने अपनी गति बघाई और कुछ देर वो पुरे जोश के साथ मुझे चोद रहा था. अहह आह्हः हहहह ः.. अनुज अहहह अह्हह्ह्ह्ह… पूरा बेड हिलने लगा. अहह हहहहह.. मुझे डर था की अनुज के पापा न उठ जाये आवाज सुनकर.

अहह अहा हां अहह हहहा.. अनुज अहह अहहहहह हहहह हाहाहा चोद …. मेरे बेटा,,आह्हः हहहह चोद…अह्ह्ह्ह

फिर काफी देर चोदने के बाद अनुज ने लंड को चुत से बहार खींचा. मुझे उल्टा सोने कहा. जैसे में पलटी, मेरी गांड देख वो पागल सा हो गया. मेरे गांड पे दोनों हात रख दबाने लगा. मेरी गांड काफी बड़ी थी. वो दोनों हातोंसे मेरी गांड को मसलने लगा.

फिर अचानक से मेरे ऊपर सो गया और अपना लंड मेरी गांड के बिच फसाकर जोर जोर से धक्के देकर मेरी गांड में लंड घिसने लगा. अनुज के मुँह से सिसकने की आवाजे आने लगी. अहह अहहहह अहह श्शश ष्षष हश्श…….

उसका खड़ा लंड सीधा मेरी गांड की दरार में अंदर तक जा रहा था… लंड से निकलने वाले चिप चिपे पानी से गांड की दरार पूरी गीली कर दी थी. लंड को गांड में घिस घिस कर अनुज गांड मारने का आनंद लेने लगा.

कुछ देर बाद वो अनुज मेरे ऊपर से हटा. फिर सीधा मेरे पेरो के पास बैठ उसने मुझे घोड़ी बना दिया. में घुटने के बल बेड पर बैठी थी. अनुज पीछे आया और पिछेसे उसने धीरेसे अपने लंड को मेरी चुत में फिर से सरका दिया. लंड धीरे धीरे मेरी चुत में अंदर जाने लगा. धक्के देकर लंड को अंदर डाल उसने मेरी कमर को दोनों हातोंसे पकड़ लिया.

लंड पूरा चुत में डालकर अनुज ने मुझे फिर से चोदना सुरु किया. इस बार लंड और भी अंदर जा रहा था. अनुज बहोत ही उत्तेजित हो गया. जिस तरह से वो धक्के दे रहा था, शायद वो भूल गया की वो अपनी ही माँ को चोद रहा था. अहह ाहः हहहहह हहह अहहहहहहह…

मेरी कमर को दोनों हातोंसे पकड़ कर जोर जोर से अपने लंड को मेरी चुत पे पटकने लगा. मेरी गांड पे अनुज की जांघ जोर जोर से पटक रही थी. में बड़ी मुश्किल से अपनी आवाज को रोक पा रही थी. अहह अहह यह. श्श्श ष्षष.. अनुज अश्श ष्ष्स हष ष्ष्हसशश स… बेटा धीरे से करो अहह हहहहह हहहह….

गांड पे पटकने की आवाज पुरे कमरे में घूम रही थी. अहह अहह हहहहहह हाहाहा….. अहहहह…

लंड के इतनी बार चुत में रगड़ने के बाद मेरी चुत ने पानी छोड दिया… चुत से पानी बहार आने लगा. लंड को गिला कर लंड को और भी जोश में ला दिया. अनुज अभी भी मुझे जोश में चोद रहा था. कुछ देर बाद अनुज ने अपनी गति बधाई…. मुझे महसूस हुआ की शायद अब अनुज का पानी निकलने वाला है. वो जोर जोर से धक्के देने लगा.

कुछ ही देर बाद अनुज ने झट से अपना लंड बाहर कीचा और मेरी चुत पे और गांड पे लंड का गरम पानी उड़ा दिया. गांड पे मुझे गरम पानी की बौछार महसूस हो रही थी.

काफी देर तक लंड से पानी निकल रहा था. फिर आख़िरकार लंड को मेरी गांड पे घिसकर पीछे हट गया. में कुछ देर ऐसे ही सोई रही.

फिर जब उठी तो देखा की अनुज अपने कपडे पहन के पास ही में सोया था. और में पूरी नंगी बेड पर सोइ थी. मेने तुरंत अपनी मैक्सी पहनी और फिर से सो गयी.

उस दिन के बाद अनुज और मेरे बिच में एक गहरा नाता बन गया था. जब भी मौका मिलता अनुज मुझे आकर चोदता था.

हम माँ और बेटे की चुदाई की कहानी आपको कैसे लगी जरूर कमेंट करके बताना.

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