मौसी और पापा की मस्ती देखि

नमस्ते दोस्तों, मेरा नाम अदिति है और मेरी उम्र 26 साल है। आज मैं एक ऐसी कहानी सुना रही हूँ जो छह साल पहले हुई थी जब मेरी माँ को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उन्हें बच्चा होने वाला था, इसलिए घर में काम करने के लिए मेरी मौसी को बुलाया गया था। उनकी उम्र उस समय लगभग 34 साल की थी। वे मोटी और गोरी थीं और उन्होंने घर का काम शुरू कर दिया।

एक दिन बीत गया और अगले दिन वो काम निपटाकर रात में सोने के लिए मेरे बगल में आकर लेट गई। मेरे पीछे पापा और आगे मौसी सोती थी। मैं हमेशा किनारे की तरफ सोती थी। मैंने मौसी से कहा कि आप बीच में आ जाओ, मैं किनारे पर सोती हूँ वरना मैं सो नहीं पाऊंगी। मौसी मान गईं। मौसी थोड़ी मोटी हैं तो उन्हें सोने के लिए ज़्यादा जगह चाहिए होती है। शायद इसी कारण वो पापा के करीब तक पहुँच गई थीं।

फिर मौसी कुछ देर सोती रहीं। फिर वे जाग गईं और 5 मिनट बाद वापस आकर माँ की Maxi पहन रखी थी। वो साड़ी बदल आई थी और अपनी जगह पर लेट गई तो मैं भाग-भाग सोने वाली थी। तभी मुझे मौसी की एक हल्की आवाज सुनाई दी। वो कह रही थी कि हाथ थोड़ा हटाओ। मैंने चुपके से देखा तो पापा का हाथ उनकी कमर पर था। पापा ने हाथ हटा लिया। कुछ देर बाद वो फिर बोलीं ये सब क्या है जीजा? आप क्या कर रहे हैं? बार-बार की आवाजों से मेरी नींद उड़ गई थी। मैं ध्यान से देखने लगी कि क्या हो रहा है।

कुछ ही देर में पापा ने अपनी टांग आगे करके मौसी को फंसा लिया और मौसी कांपने लगी। वो कुछ कहने के लिए पापा की तरफ मुड़ी तो पापा जैसे इस की प्रतीक्षा में थे। उनके मुड़ते ही पापा ने उन्हें चूमा। मौसी उन्हें खुद से दूर करने लगीं लेकिन पापा ने मजबूती से पकड़ रखा था। पापा ने Maxi को ऊपर किया तो मौसी ने उनके हाथ को पकड़ लिया। पापा बोले रेनू तुम जानती हो 2 महीने हो गए हैं। तुम्हारी दीदी ने करवाने नहीं दिया तो तुम थोड़ा सा कर लने दो। फिर तुमको भी उसकी कॉपी लग रही होगी। मौसी ने कुछ नहीं कहा, जीजा ये गलत है तो पापा बोले कुछ गलत नहीं है। हमें अपनी ज़रूरत पूरी करनी है। हम लोग को फिर कौन सा रोज़ रोज़ करना है।

मौसी ने कुछ नहीं कहा, आप समझो तो पापा बोले मैं समझ रहा हूँ। तभी तो कह रहा हूँ और इतना कहकर वो मौसी के ऊपर चढ़ गए और चूमने लगे तो मौसी अपना मुंह यहाँ-वहाँ कर रही थी और वो चुप हो गई और पापा ने उन्हें चूमना जारी रखा।

अचानक मौसी पापा के साथ किस करने लगी। पापा ने Maxi को पूरी तरह से पलट दिया और उनकी पैंटी उतार दी। मौसी नीचे से नंगी हो चुकी थी। पापा ने उनकी चूत को हाथ से सहलाया तो वो उनके हाथ को पकड़ने लगीं। पापा बोले हाथ हटा, हाथ हटा रेनू। तुम्हारी चूत कितनी मोटी है तो मौसी बोली कि आपका लंड भी तो कितना बड़ा है तो पापा ने पूछा तुमको किसने बताया? मौसी बोली दीदी ने बहुत पहले बताया था कि उनका काफी बड़ा है। मैं तो झेल नहीं सकती। ऊपर से काफी देर तक करते हैं। पापा हँसे और बोले ओह, ये बात है। वैसे रेनू तुम पीछे से क्या किया है? मौसी बोली मतलब? तो पापा ने कहा कि तुमने गांड़ मारवाई है। मौसी बोली हाँ वो अक्सर गांड़ चोदते हैं।

पापा बोले तो मज़ा आएगा। मैं भी गांड़ मारूंगा। मौसी कुछ नहीं बोली और पापा ने उनकी चूत में अपना लंड डालकर चटना शुरू कर दिया तो मौसी ने उन्हें अपनी जांघों में लगा लिया और कुछ देर तक चूमने के बाद पापा ने उनकी चूत में उँगलियां डाल दी और हिलाने लगे। मौसी आ आ आ करके बोली। पापा उठे और उनका ऊल्टा कर दिया। कुल्हा को पकड़कर जोर-जोर से धक्का दिया और बोले कि रेनू तुम्हारे कुल्हे कितने जबर्दस्त हैं और उनके कुल्हे को बीच से खोलकर पापा ने उनकी गांड़ को चटना शुरू कर दिया।

मौसी बोली ये क्या कर रहे हो? उन्होंने कभी यहाँ इस तरह नहीं चूमा। बस सीधा डाला है। पापा हां उह उह उह ss ss ss कहते रहे और ऊपर से हाथ और उनके मुंह के पास आकर अपना लंड निकाल कर बोले, चूसो इसे। मौसी बोली कि ये इतना बड़ा है तो दीदी जैसे सोती होंगी। पापा बोले सब लेती है। तुम जरा मुह में लो। फिर वो बोली नहीं। मुझे ये पसंद नहीं। पापा ने कहा कृपया थोड़ा सा लो ना। ऊपर से किस ही कर लो मौसी किस करने लगी। बीच में एक बार तो वो चूसते भी जा रही थीं। फिर पापा ने गद्दे के नीचे से कंडोम निकाला और पहनना शुरू किया और मौसी की टंगो के बीच जाकर उनकी चूत में उंगली डाल दी। मौसी कुछ नहीं कह रही थी।

अचानक पापा ने लंड डाला तो वो आईआई करके बोली। पापा ने कहा इतना ठीक है या और अंदर करूं और मौसी बोली थोड़ा और अंदर कर लो। पूरा नहीं ले पाऊंगी। उनकी तो आँखें बंद थीं। लाइट जलने के कारण सब साफ़ दिख रहा था। उनको यह एहसास ही नहीं था कि मैं वहाँ लेटी हूँ और उनको देख रही हूँ। कुछ देर बाद पापा ने पूछा थोड़ा और डालूं तो वो बोली हाँ डाल दो तो पापा ने कहा अब नहीं क्योंकि तुमने पूरा ले लिया है।

मौसी चौंक गई और नीचे की तरफ देखने लगी। पूरा लंड अंदर देखकर वो शर्मिंदा हो गई और मुंह मोड़ लिया तो पापा ने चोदना शुरू कर दिया। टाट टाट टाट चप चप चप चप की आवाज आने लगी। मस्त चुदाई हो रही थी। मौसी को मजा आने लगा तो वो हा हा हा हा और करो कहने लगी। पापा दाना दन चोद रहे थे। मौसी भी ऊपर उठ-उठकर चुदावा रही थी। पापा ने अपना लंड निकाला और मौसी को पलट दिया। उनके मोटे-मोटे कुल्हे को खोलकर बीच में थूक दिया। तभी मौसी बोली कि बहुत बड़ा है आराम से करो तो पापा बोले लंड कितना भी बड़ा हो रानी, गांड़ में उसकी जगह बन जाती है।

पापा ने गांड़ में लंड डालकर फिर हटाया फिर डालकर और दबाते चले गए। मौसी के कुल्हे बड़े-बड़े थे तो पूरा लंड अंदर नहीं जा पा रहा था। पापा ने उन्हें पकड़ा और थोड़ा ऊपर किया तो मौसी बिलकुल खरगोश जैसी बन गई। फिर पापा ने इस बार ढंग से लंड लगाया और धक्का मारा। मौसी ने अपना सर ऊपर की तरफ किया और जोर से आह बोली। अगले ही पल एक और जोरदार झटका दिया और पापा ने पूरा लंड उनकी गांड़ में डाल दिया।

पापा ने उन्हें चोदना जारी रखा। वो आह आह आह आह uhm muhmuhh कहने लगी। अब बस पापा कह रहे थे और वो उनकी साली जो ठहरी थी। पापा बोले छोड़ दो मज़ा आ रहा है साली और जल्दी जल्दी गांड़ चोदने लगे। मौसी उूूू नहीं नहीं नहीं नहीं कहती रही लेकिन पापा ने उनकी हालत खराब कर दी। फिर पापा ने अचानक से गांड़ से लंड निकाला और चूत में डालकर बहुत तेज़ी से चोदना शुरू कर दिया।

कुछ ही देर में वो मौसी से जोर से लिपट गए और ये देखकर लग रहा था कि मानो वो कोई पति-पत्नी हों। थोड़ी देर यही लिपटे रहने के बाद वो अलग हो गए। मौसी ने टॉवल से अपना शरीर पोछा और Maxi ढंग से पहन ली और पापा ने भी अपने कपड़े पहने और सो गए। मौसी से चिपक कर बोले रेनू मज़ा आया। तो मौसी बोली कि मज़ा तो मुझे भी आया। दोनों फिर लिपटे और फिर पापा ने लाइट बंद कर दी। कुछ देर शांति रही और मैं सो गई।

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