मेरा नाम तन्वी है. में २४ साल की हु. मेरे पापा एक्सपोर्ट इम्पोर्ट बिज़नेस करते है. माँ डॉक्टर है.
कुछ दिनों पहले की बात है. घर में अकेले बैठ बैठे मेरे शरीर की गर्मी बढ़ने लगी थी. कुछ करने का मन कर रहा था. बार बार में मेरे हात अपनी चुत को मसल रहे थे. कुछ देर तो मेने सेक्स वीडियो देखकर मन बहलाने की कोशिश की लेकिन वीडियो देखकर शरीर की गर्मी और भी बढ़ने लगी.
मेने सोचा ऐसे तो काम नहीं बनेगा. तो मुझे याद आया की कुछ दुरी पे मॉल है. मॉल में जाकर शॉपिंग कर लेती हु. मॉल में लड़के भी आते है तो इस बहाने अपनी आँखे भी सेक लुंगी।
मेने तुरंत अपने कड़पे बदले. टॉप पहना और निचे स्कर्ट पहन लिया. पापा की गाड़ी लेकर में माल में पोहची. दुपहर का वक्त था तो ज्यादा भीड़ नहीं थी. मेने गाड़ी की पार्किंग की तरफ लिया. काफी बड़ा मॉल होने की वजसे ३ फ्लोर तक पार्किंग थी. मे दूसरे फ्लोर तक गाड़ी ले आयी. ऊपर आते ही कोने में एक जगह दिखी तो मेने वही पे अपनी गाड़ी पार्क कर दी.
फिर में पहची मॉल में. मॉल में घूमते हुए कपड़ो की दुकानों से होते हुए में आस पास नजर घूमने लगी. काफी सुन्दर सुन्दर लड़के दिखाई दिए. देख तो मेरी नजरे थी लेकिन खुश मेरी चुत भो रही थी. स्कर्ट के निचे चुत फड़फड़ाने लगी. कपडे देख तो रही थी लेकिन कुछ करीदनेका मन नहीं हो रहा था. फिर भी घूमते हुए एक दुकान से ड्रेस ले ही लिया। थोड़ा महंगा था, लेकिन सोचा अभी पोहची हु मॉल में तो कुछ ले ही लेते है.
मुझे अब भूक लगने लगी, तो खाने के लिए ६ फ्लोर पे पोहची. तभी वह पे मेरी सामने की टेबल पे एक आदमी बैठा था. कोर्ट पैंट पहना हुआ आदमी सुन्दर दिख रहा था. देखकर लग रहा था किसी बिसिनेस मीटिंग के लिए आया है.
वो मेरी तरफ मुस्कुराते हुए देखने लगा. मेने भी मुस्कुराते हुए उसे देखा. फिर में खाना खाने लगी. वो काफी देर तक मुझे देख रहा था. २ से ३ बार हमारी आँखे टकराई। शायद वो मुजसे बात करना चाहता था. लेकिन मेने ज्यादा भाव नहीं दिया.
मेने अपना खाना ख़तम किया और पार्किंग की तरफ बढ़ने लगी. मेरी स्कर्ट के निचे जांघो पर लगने वाली ठंडी ऐसी की हवा से मेरी चुत और भी ज्यादा मचलने लगी थी. आस पास घूमते लड़को पर जैसे ही नजर पड़ती मेरी आँखे उनको ऊपर से निचे तक टटोल लेती. मेरी आँखे खास कर उनके लंड के ऊपर ज्यादा ध्यान दे रही थी.
चलते चलते में अपनी गाड़ी के पास पार्किंग में पोहच गयी. गाड़ी में बैठी तो मेरी शरीर की गर्मी चर्म सीए पर पहोच गयी थी. गाड़ी का दरवाजा बंद किया। आस पास नजर घुमाई तो को नहीं था. सामने की तरफ दिवार थी. तो कोई देख भी नहीं सकता था. इतनी शांति देखकर मेरा हात अपने आप चुत पर चला गया. में चुत को धीरेसे मसलने लगी. स्कर्ट को ऊपर करके अपनी पैंटी में हात डालकर चुत को प्यार से सहलाने लगी.
अहःअहः.. आअह्ह्ह चुत बहोत ही तपी हुई थी. ऐसे लग रहा था की कोई लंड अगर चुत में डाल दे तो मजा आ जायेगा। आहा श्श्श.. अहहहह. में एक हात से चुत को मसलते हुए आनंद ले रही थी. तभी मेरा हात पास के गाड़ी के गैर के डंडे पे पड़ा. मेने जब डंडे को पकड़ा तो ऐसे लगा की किसी का लंड पकड़ी हुई हु. में गैर के डंडे को प्यार से मुठी में पकड़कर हात उसपे घिसने लगी. अहहह.. स्श्श.. ष्ष्स…
तभी ख्याल आया की ये गैर का डंडा में चुत में डाल सकती हु. मेने एक नजर आस पास देखकर पुस्टि कर ली के कोई नहीं है. फिर अपनी पैंटी निकाल के धीरेसे में उठकर गैर के डंडे पर बैठी. डंडे को धीरे से चुत के अंदर धकेल ने लगी. धीरे धीरे डंडा चुत में चला गया. आहहहह. ऐसे लग रहा था की किसी लंड पे बैठी हु. डंडे को पूरा अंदर लेकर मि उसपर धीरे से ऊपर निचे उछल ने लगी. आहहहह ष्ष्हशहस उससस उफ्फफ्फ्फ़… आहहहह मेरा शरीर भट्टी की तरफ तप रहा था. अहःअहः अहहह बहोत मजा आ रहा था. आहहहहह. ष्ष्स उफ्फफ्फ्फ़. अहहहह चुत के पानी से डंडा पूरा गिला हो चूका था. में जोर जोर से अपनी कमर ऊपर निचे करते हुए डंडे को अंदर ले रही थी. अहहह श्श्श.
तभी अचानक से किसी ने गाड़ी का दरवाजा खोला. में डर गयी. इसके पहले के में कुछ कर पाती, वो आदमी सीधा आगे की सीट पे आकर बैठ गया. जब मेने ठीक से देखा तो पता चला ये तो वही आदमी है जो रेस्टुरेंट में मुझे देखकर मुस्कुरा रहा था.
में चौक गयी. वो आदमी मुझे ऊपर से निचे देखने लगा. मेरा स्कर्ट कमर से उपर उठा हुआ था. में गाड़ी के गैर के डंडे के ऊपर बैठी हुई, डंडा पूरा चुत के अंदर था. पिछेसे मेरी गांड पूरी दिख रही थी. में सहम गयी. दिमाग ने काम करना बन कर दिया था. क्या करू समज नहीं आ रहा था.
उस आदमी ने मेरी तरफ देखा और कहा. मेरे पास आपकेलिए एक चीज है जो इस डंडे से भी काफी अछि है. उसपर बैठकर आपको और भी मजा आएगा.
ऐसे कहते हुए उस आदमी ने मेरी गांड के निचे अपना हात डाला. गांड को हात से उठाते हुए उसकी उंगलिया चुत पे घिसने लगी। उसने मेरी गांड को ऊपर उठाया. धीरेसे गाड़ी का गैर का डंडा चुत से बाहर निकलने लगा. फिर मुझे पकड़कर उसने मुझे अपनी तरफ खींच लिया. मुझे अपने पैरो पे बिठाकर मेरी तरफ देखने लगा. उसकी आँखोमे मुझे हवस दिख रही थी.
दोनों की आँखे मिली. अचानक से उसने मेरे होठो को चूमना सुरु किया. उम्म्म अम्म्मम्म. मेरा शरीर पहले से ही तपा हुआ था. अभी जलने लगा.
जैसे ही उस आदमी ने मुझे चूमना सुरु किया मेने भी उसे जकड लिया और उसे पागलो की तरह चूमने लगी. में भूल ही गयी के में एक अनजान आदमी को चुम रही हु. आहहह मममम ष्ष्हसम्म महाहहह श्श्श्श. आआह्ह। शरीर की बढ़ती हुयी गर्मी मुजसे ये सब करवा रही थी.
चूमते हुए उसके दोनों हात मेरे स्तन को दबाने लगे और होठोंको चुम रहे थे. अहहहाआआ. श्श्श अहहहह।।।।
आदमी के हातो का स्पर्श बहोत ही सुखदायक होता है. मेरे दोनों स्तनों को दबाते हुए उसने मेरा ड्रेस उपर उठाया, निचे से मेरे मम्मो को बाहर निकला और निप्पल को मुँह में लेकर चूसने लगा. अहहहहह. मेने उसके मुँह को अपने स्तनों पर दबा दिया. अहहह. ष्ष्श. अहहहह. अहहह सशह्ह्ह। … दोनों हातोंसे मम्मो को दबा दबाकर चूस रहा था. काफी देर तक उसने मेरे मम्मो को चूसा.
फिर उसने अपनी पैंट खोली, अंदर से बड़ा लंबा लंड बाहर निकला. मेने एक नजर उसके लंड पर घुमाई। काफी लंबा और मजबूद था. मेने लंड को मुठी में पकड़ा और उसकी आखो में देखकर जोर जोर से हिलाने लगी. आअह्ह्ह दोनों एक दूसरे को चूमते हुए। में उसके लंड को हिलाते हुए होठो पर किस कर रही थी।
काफी देर तक लंड को हिलाने के बाद उसने अपना लंड हात से पकड़ा और धीरेसे मेरे चुत में धकेल दिया. मुझे चुत में लंड जाते हुए महसूस हो रहा था. में लंड पर बैठने लगी. आहहहह. शशशश. काफी बड़ा होने की वजसे उसका लंड पूरा अंदर तक चला गया. आहहहह.
लंड को पूरा अंदर चुत में लेने के बाद हमने एक दूसरे को देखा. में उसकी आखो में देखते हुए अपनी कमर ऊपर निचे करने लगी. लंड चुत में घिसने लगा. अहहहह अहहहह। .उफ्फफ्फ्फ़ स्स्स्सह्ह इससष आआह. काफी मजा आ रहा था. सुरवात धीरे की थी लेकिन जैसे ही मुझे मजा आने लगा. में जोर जोर से लंड के ऊपर कूदने लगी. दोनों होठों को चूमते हुए. में लंड पे उछल रही थी. लंड और चुत दोनों भी पूरी तरह गीले हो चुके थे. आहहह ाःहाहा. शशशशु फुफुफुफ़ अश्श्श. अहहहाआ। .. ऐसे लग रहा था के में सपना देख रही हु. अहहह अहहह. आदमी के लंड को चुत में घिसने का मजा ही कुछ निराला है.
उसने मेरी गांड को कसकर पकड़ा, और मुझे अपने लंड पर पटकने लगा. दोनों भी बड़ी जोश में चुदाई कर रहे थे. अहहहह अहहह ाःहाहा…
में कुछ देर बाद झड़ गयी. लेकिन वो अभी तक मुझे चोद रहा था. आह्हः अहहह. उसका लंड अभी भी तना हुआ था. मेरी चुत की दिवारोंको घिसरे हुए अंदर जा रहा था.
काफी देर बाद जब उसका पानी निकलने वाला था. तो वो चिल्लाया. अह्ह्ह अह्ह्ह्हह। …… निकलने वाला है. मेने तुरंत अपनी गांड उपर उठाई और लंड को चुत से बाहर खींचा.
में पीछे हुई और लंड को पकड़ कर मुँह में लेलिया। जैसे ही मेने लंड को चूसना सुरु किया, लंड से गरम पानी की बौछार होने लगी. सारा पानी मेरे मुँह में गिरने लगा. में वो सारा पानी पि गयी. पूरा पानी निकलने तक लंड को मुँह में ही पकड़कर बैठी रही फिर जब लंड शांत हुआ तब मेने उसे मुँह से बाहर निकला।
में उठकर फिर से बगल की सीट पर बैठ गयी. दोनों अपने अपने कड़पे पहने लगे. उस आदमी ने जाते जाते अपना बिज़नेस कार्ड मुझे थमाया. और बोलै कॉल करना मुझे। कार्ड पे उसका नाम कबीर लिखा था.
कबीर के जाते ही मेने अपनी गाड़ी पार्किंग से निकली. घर जाते समय मेरे चेहरे पर ख़ुशी छाई थी. बहोत दिन से तड़पती हुई चुत को आज चुदाई का आनंद मिल ही गया.
कैसी लगी मेरी कहानी जरूर कमेंट करके बताना
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