मेरा नाम जय है. में रोहतक में रहता हु. कुछ दिनों पहले की बात है. में अपनी छोटी चाची के घर गया था. चची ने खाने पे बुलाया था. पास के कुछ बच्चे खाने पे घर पे आहे थे. पूरा घर भरा हुआ था. तो मेने सोचा घर का ही सदस्य हु तो चाची और चाचा की मदत के देता हु.
हम तीनो मिलके बच्चो को खाना परोस रह थे. बार बार किचन में आना जाना पड़ता था. चाची के साथ मेरा दोस्ती का ही रिस्ता था. हम एक दोस्त की तर खिलखिलाते हुए बात करते थे.
जब जब में किचेन में आ रहा था. मे चाची के मम्मो को घूरता रहता था. चाची ने साडी पहनी थी. चाची काम करने में इतनी खोई थी के चाची का ध्यान ही नहीं रहा के उनका साडी का पल्लू निचे खिसक गया है. मेने जैसे ही देखा की चाची का ब्लाउज़ दिख रहा है. में चौक गया. क्यूंकि साची के बड़े मम्मो का ऊपर का भाग दिखाई देने लगा.
मम्मो की बिच की दरार तो और भी खूबसूरत थी. चाची बैठकर काम कर रही थी. में धीरेसे नजदीक आकर ऊपर से ब्लाउज़ के अंदर झाकने लगा. काफी घरहा गड्ढा था दोनों मम्मो के बिच का.
काफी देर तक चाची का पल्लू गिरा रहा. फिर जैसे चाचा ने बाहर से आवाज लगायी के चावल लेकर आजाओ, तब चाची ने अपना पल्लू ऊपर लिया.
कुछ देर बाद चाचा एक बच्चे को छोड़ने उसके घर चले गए. तभी चाची और में हॉल में रखे सारे बर्तन इखट्टा कर रहे थे. चाची जब बर्तन उठाकर जा रही थी, तब चाची की ढोढ़ी दिखने लगी. में ढोढ़ी को देखने में इतना मग्न हो गया के ध्यान ही नहीं रहा के चाची मेरी तरफ देख रही है.
चाची ने मुझे अपनी कमर की तरफ देखते हुए देख लिया और बोली. कहा पे नजर है तुम्हारी जय.
में डर गया और तुरंत दूसरी तरफ देखने लगा.
चाची हस्ते हुए बोली, तुम्हारे चाचा जैसे बाहर चले गए, तुम्हे मौका मिल गया न.
में घबराते हुए, नहीं चाची ऐसा कुछ नहीं है.
तब चाची बोली, मुझे सब पता है. में चाची के पीछे पीछे किचेन में बर्तन उठाकर आया. चाची मेरे सात मस्ती करने लगी. मेरी तरफ देखकर मुझे चिढ़ाने लगी. कहने लगी. आज कल के लड़के ना बहोत ही नठकठ हो गए है. दोनों हसकर बाते करते हुए एक दूसरे की और देखते लगे.
दोनोकी आखे मिलने लगी. दोनों भी काफी पास खड़े थे. में धीरेसे चाची के पास जाने लगा. चाची ने भी मुझे पास आने दिया. में रुका नहीं और करीब जाकर चाची के होठोंके करीब अपने होठ ले गया और दोनों ने चुम्बन ले लिया. दोनों एक दूसरे को चूमने लगे. मेने चाची को गले लगा लिया और उनकी पीठपर हात घुमाते हुए उन्हें चूमने लगा. उम् अम्माम्मा उम्म्म् उम्म्म अम्मामा उम्मम्मम आआअह्ह्ह.
चाची भी मुझे चूमने लगी. दोनों की जबान एक दूसरे से लढने लगी. मेरा हात चाची के मम्मो पर चला गया और में चाची के मम्मो को दबाने लगा. चाची और भी मदहोश हो गयी. और मुझे पागलो की तरफ चूमने लगी.
मेरा लंड पैंट में उछल रहा था. चाची का पल्लू निचे उतारा और सीधा अपना मुँह चाची के स्तंनो पे रख चूमने लगा. जैसे ही मेने अपनी जीभ चाची के मम्मो के बिच लगायी. में मानो जानवर हो गया. दोनों हातोंसे मम्मो को दबाकर चाची के ममो को दबाने लगा. अपना मुँह मम्मो की बिच की दरार में डाल चाटने लगा.
चाची ने मेरी हवस को भाफ लिया था. उन्होंने तुरंत अपना ब्लाउज़ ऊपर उठाया और दोनों मम्मो को निचेसे बाहर निकाला. बड़े मम्मो को देख मेरी तो आखे खुली की खुली रह गयी. मेने तुरंत चूचिया मुँह में लेकर चूसना सुरु किया. दोनों हातोंसे मम्मो को दबा दबाकर मम्मो को चूस रहा था. चाची सिसकने लगी. अहाहा उम्म्म आह्हः अहहहह ससशहषश उफ्फ्फ्फ़. अहहहहहह. अहहहहह
दोनो मम्मो को चूसने के बाद जब मे पूछे हटा. चाची की आखो में भी मुझे हवस दिखाई दी. मेने चाची की तरफ देखते हुए अपने लंड पर हात रखा और मसलना सुरु किया. चाची निचे मुझे लंड को मसलते हुए देखने लगी.
मेने तुरंत अपनी पैंट की खोली और लंड को बाहर निकाला। जैसे मेरा लंड बाहर आया. चाची ने तुरंत मेरे लंड को अपने हात में लिया। मुठी में मेरे लंड को पकड़कर हिलने लगे. मुझे देखते हुए बोली. तेरे चाचा कभी भी आ सकते है. और कहते हुए जोर जोर से मेरा लंड हिलने लगी. मेरे मुँह से आवाज आने लगा. अहहह अहा है। श्श्श्श चाची अहहहहह. अहहै.
चाची का कोमल हात लंड पर लगते ही और भी तन गया. फिर चाची झुकी और मेरे लंड को मुँह में लेकर चूसने लगी. आअह्ह्हा उससस उफ्फ्फ आअह्ह िस्स्सस्स आअह्ह्ह
चाची की जबान लंड पे कहर धा रही थी. चाची लंड चूसने में माहिर लग रही थी. लंड को पूरा अपने मुँह में लेकर चूस रही थी. जबान लंड पर घिसते हुए हिला रही थी. मेरे दोनों गोटे दबाकर खींच रही थी. आहहह आहहह. अहःअहः
लंड काफी देर चूसने के बाद जब वो पीछे हटी. मेने चाची को पास के खुर्सी पे बिठा दिया. फिर में सामने बैठ चच्ची की साडी उठाई, अंदर चाची की चड्डी दिखी. दोनों हातोंसे से चड्डी खींचकर निचे उतारी।
चाची की गोरी चुत सामने दिखने लगी. चाची की पैर फैलाये और सीधा चुत चाटने लगा. आहहह. उम्मम्मम. चाची की चुत गीली हो चुकी थी. जबान को चुत में डालकर चाटने लगा. चाची तड़पने लगी. सिसकने लगी. मेरा मुँह चुत पे दबाने लगी.
अहहह उम्मम्मम अहःअहः. ष्ष्स. सशशशश आहहह.
उम्म्म आहहहा, अहाहाः
चुत को काफी देर चूसने के बाद, में खड़ा हुआ. चाची को झुका दिया. चाची दोनों हात खुर्सी पर रख खड़ी हो गयी. में पीछे गया. चाची की साड़ी उठाई और जैसे ही चाची की बड़ी गोरी गांड मेरे सामने आयी मेने जोर से एक चपेट गांड पे मारी। फिर बिना देर किये लंड को चुत में धकेला और चाची को कसकर पकड़कर चोदने लगा. अहहहह उम्मम्मम
आहहह आहहह
चाची की गरम चुत में लंड अंदर तक धकेल कर चोद रहा था. अहहहहहह. काफी दिन से मेरा लंड चुदवाने के लिए तरस रहा था. आखिर कार चुत मिल ही गयी. में पूरा मदहोश होकर चाची को चोद रहा था. आहहह उम्म्म्म आह्ह्ह्हम्म अमामं आहाहाम्म्म
कुछ देर बाद जब पानी निकलने वाला था. मेने लंड को बहार खींचा. चाची को वही खुर्सी पे बिठाया और मेरा लंड उनके मुँह दे दिया. चाची ने मुँह में लंड को चूसना सुरु किया वैसे लंड ने पानी छोड़ दिया. अहहहह….उम्म्म्म आह्हः उम्मम्मम
पूरा पानी चाची के मुँह में चला गया. चाची ने वो सारा पानी पि लिया.
में भी शांत हो चूका था. मेने तुरंत लंड पैंट में डाला. फिर हम दोनों फिर से काम में लग गए. थोड़ी देर बाद चाचा घर आये. उनको हमने पता नहीं लगने दिया की क्या हुआ अभी. में खाना खाकर निकल आया.
उस दिन चाची को चोदने में बहोत मजा आया. मन शांत हो गया.
अगर आपको मेरी कहानी अछि लगे तो कमेंट करके बताना
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