मेरा नाम ऋतुराज है. ये कथा मेरे निजी जीवन में घटी एक सच्ची घटना के आधार पर लिखी है.
सुभह का वक्त था. में दोस्तों के साथ खेलकर करीब ११ बजे घर पोहचा. घर के पास में पोहचा ही था के सामने मुझे मेरा दोस्त आनंद दिखाई दिया. वो बड़े ही मौजे अंदाज में चलते हुए आ रहा था. मेने आनंद को आवाज लगायी और उसके पास चला गया.
उसे पूछा के इतना खुश क्यों है. तो वो बताने लगा. की उसकी कॉलेज की गर्लफ्रेंड पास के मंदिर में आयी थी. वो अपनी एक सहेली की साथ थी. तो आनंद भी उसको मिलने मंदिर गया था. उसने अपनी गर्लफ्रेंड को ईशारेशे मंदिर के पीछे जो बगीचा है वहा बुलाया। जैसे ही उसकी गर्लफ्रेंड मंदिर के पीछे मिलने आयी, आनंद ने उसको कसकर गले लगाया और होठोंको चुम लिया. चूमते हुए उसने गर्लफ्रेंड के दोनों स्तनों को जोर से दबाया.
उसकी दोस्त पास ही खड़ी थी. आनंद बता रहा था की उसकी दोस्त भी डर गयी. आनंद ने कसकर गर्लफ्रेंड की चुम्मी ली. फिर वो मुस्कुराते हुए वहा से चली गयी. आगे आनंद बताने लगा, उसको चोदने का बहोत ही मन कर रहा था.
उसकी बाते सुनकर यहाँ मेरा भी जी मचलने लगा. मेरे लंड को खुजली होने लगी. हमारी बाते चल ही रही थी के पिछेसे किसीने मुझे आवाज दी. मुड़कर देखा तो मेरे घर के बाहर आंगन में मौसी खड़ी थी.
मेने दोस्त को चलता हु कहा, और घर के पास आया.
फिर मौसी बतयाने लगी के उनको अपने चचेरे भाई के घर जाना है. वो आज रात बस से जानेवाली है. उनके साथ उनकी बेटी आनेवाली थी लेकिन उसको छुट्टी नहीं मिली तो वो नहीं आ पायेगी. रात की बस थी. अकेले जाना सही नहीं था.
मौसी और में बाते करते करते घर के अंदर आये. माँ सामने ही खड़ी थी. माँ कहने लगी , ऋतु तू चला जा मौसी के साथ. दो दिन में वापस आ जायेंगे।
मेरा जाने का मन नहीं था लेकिन मौसी इतना जिद करने लगी तो मेने सोचा की ठीक है चला जाता हु.
आखिर मेने मौसी को कहा में चलता हु आपके साथ. मौसी कुश हो गयी.
मौसी ने मुझे बताया रातको १० बजे की बस है और वो कहकर चली गयी. मेने भी अपनी कपड़ो की बैग भरली.
रातको १० बजे में बस स्टेशन पर पोहच गया. कुछ देर बाद मौसी भी आ गयी. बस आते ही हम बस में बैठ गए.
कुछ ही देर में बस निकल पड़ी. आखिरी वक्त में टिकिट करवाई थी तो हमें बस की पीछे की सीट मिली थी. पीछे की सीट पे सिर्फ में और मौसी थे. और कोई नहीं था. मेने खिड़की के पास वाली सीट लेली. मौसी मेरे बगल में ही बैठी थी.
बस जैसे ही हाईवे पे चलने लगी, ड्राइवर ने बस के अंदर की लाइट बंद कर दी. बस में घना अँधेरा हो चूका था. सभी सो रहे थे. हाइवे पे चलने वाली गाड़ियों की लाइट से बिच बिच में बस में उजाला हो रहा था. कुछ ही देर में बस में बैठे यात्री सारे सो गए.
पीछे बैठे होने की वजसे बस बहोत हिल रही थी. तो मौसी ने मेरे कंधे पे अपना सर रखा और सोने लगी. उन्होंने मेरा हात पकड़लिया. यहाँ तक तो सब ठीक था. लेकिन अचानक से गड्ढे में जब बस उछली, मौसी का हात उछलकर सीधा मेरी दोनों जांघो के बिच फिसला और मेरे लंड पर लगा.
में चौक गया. क्यूंकि मेने पतले कपडे की पैंट पहनी थी. जिस वजसे मौसी का हात का स्पर्श मुझे अछि तरह महसूस हुआ.
बस फिर से चलने लगी. मेरा ध्यान अभी मौसी की और ही था. मौसी अभी भी मुझे पकड़कर कंधे पर सर रखकर सोइ थी.
हिलती हुई बास में बैठकर सोना आसान नहीं था. मेरी हातोंकी बाजु मौसी के शरीर को घिस रही थी. उनका स्तन बिच बिच में मेरे हातोंको छू रहा था. में मौसी पे नज़रे टिकाये बैठा ही था की मौसी का साडी का पल्लू निचे गिर गया.
पल्लू निचे गिरते ही मौसी का ब्लाउज़ दिखने लगा. ऊपर से देखते हुए मुझे स्तन की बिच की गुफा दिखने लगी. स्तनों का ऊपरी भाग दिखाई दे रहा था. मौसी के स्तनों को देखकर मेरे मुँह में पानी आने लगा. ऐसे लग रहा था के खोलकर सीधा निप्पल को चुसू .
कुछ देर तक में देखता रहा, फिर मेने हिम्मत करके अपना हात मौसी की जांग पे रख दिया. मौसी ने मेरा हात महसूस किया. उन्होंने मेरे हात को और नजदीक खींच मुझे कसकर पकड़कर सो गयी. उस हलचल में मेरा हात जो मौसी के जांग पे था वो फिसलकर उनके जांगो के बिच पोहच गया. मौसी की चुत मेरे हात से कुछ ही दुरी पर थी. मौसी ऐसे मुझे चिपक कर बैठी जैसे बॉयफ्रेंड गर्लफ्रेंड चिपककर बैठते है.
अभी भी उन्होंने अपना पल्लू ऊपर नहीं लिया था. मुझे उनके स्तनों का ऊपरी भाग दिख रहा था. मेरे शरीर की गर्मी बढ़ने लगी. किसी औरत के शरीर का स्पर्श इतनी नजदीक से मुझे पहली बार महसूस करने मिला था.
मुजसे रहा नहीं गया तो मेरा हात जो मौसे के दोनों पैरो के बिच फसा था उसे धीरे धीरे हिलाना सुरु किया. मेरी उंगलिया मौसी के दोनों जांघो के बिच रगड़ने लगी. जैसे जैसे मेरी उंगलिया मौसी के चुत की तरफ बढ़ रही थी मौसी की हलचल बढ़ने लगी. देखते ही देखते मेरा हात मौसी के चुत के एकदम करीब पोहच गया.
मौसी ने आँखे खोली और मेरी तरफ देखा. में उनकी तरफ ही देख रहा था. मेने मौसी के होठो पर नजर घुमाई. मौसी समज गयी मेरा इरादा क्या है. दोनों धीरेसे करीब आए और होठोंको होठोंसे लगाकर चूमने लगे.
दोनों भी बहोत उत्तेजित हो चुके थे. दोनों एक दूसरे की और मुड़े और गले लगाकर चूमने लगे. मौसी के पीठ पर मेरा हात घूमने लगा. पीछे वैसे कोई नहीं था. अँधेरा भी होने के वजसे पीछे किसे के देखना का सवाल ही नहीं था. मेने मौसी के होठो को कसकर चूमा, दोनों हातोंसे मौसे के स्तनों को दबाने लगा. मौसी भी भरी पड़ी हुई थी. बड़ी जोश से मुझे चुम रही थी.
उम्म्म्म आहहहहम उम्म्म्म आ
अह्ह्ह्ह उम्मम्मम्म उम्मम्मम्म
काफी देर होठोंको चूमने के बाद जब में पीछे हटा . मौसी ने तुरंत अपना हात मेरी पैंट पे रखा और मेरे लंड को दबाने लगी. में मौसी की और देखने लगा. वो बड़े प्यार से मेरा लंड दबाने लगी. फिर धीरेसे मौसी ने मेरी पैंट निचे उतारी, अंदर से मेरा तना हुआ लंड बाहर निकाला और मुँह में लेकर चूसने लगी.
अहहहह अहा…. मौसी के मुँह में लंड जाते ही में पैर खोलकर बैठ गया. खिड़की की तरफ पीठ कर मौसी को पैरो के बिच बैठने के लिए जगा करके दी. मौसी आराम से मेरे लंड को चूसने लगी.
उफ्फ्फ्फ़ अहःअहः आह्हः. उम्मम्मम अहहहह
अहहह उम्म्म अहह अह्हह्ह्ह्ह उम्म्म्म
मौसी ने ऊपर से निचे तक लंड को चाट चाट के पूरा गिला कर दिया था.
फिर लंड चाटने के बाद, मौसी को मेने पीछे की सीट पे सुला दिया. मेरे तरफ मौसी के पैर थे. मेने साडी के अंदर हात डाला और मौसी की चड्डी निचे खींचकर उतार दी.
फिर मौसी ने अपने पैर फैलाये, मेने धीरेसे साडी को ऊपर किया और दोनों पैर के बिच अपना मुँह डालकर मौसी की चुत को चाटने लगा. उम्म्म्म उम्म्म अहःअहम्म्म्म
मौसी की चुत चिप चिपि हो चुकी थी. में धीरेसे चुत पे जबान घुमाकर चाटने लगा. जीभ को चुत के अंदर डालकर घिस रहा था. मौसी मचलने लगी. फिर मेने अपनी एक ऊँगली चुत में डाली और चुत को रगड़ने लगा. जोर जोर से रगड़ते हुए चुत को पूरा गिला कर दिया.
अहःअहः.. अहहहह, उम्मम्मम
चुत को चाटने के बाद, में फिर से ठीक से बैठ गया. फिर मौसी उठी, मेने उसको कहा के मेरे पैरो पे आकर बैठो.
मौसी धीरेसे उठी. दोनों सीट के बिच सकरी जगह थी. तो धीरेसे वो मेरे सामने आयी, मेने मौसी की साडी ऊपर उठाई, मुझे मौसी की गांड दिखने लगी. काफी बड़ी और आकर्षक थी मौसी की गांड.
धीरेसे मेने मौसी को अपने लंड पर बिठाया, लंड चुत में चला गया. पूरा लंड चुत में जाते ही मौसी को मेने पिछेसे जकड लिया. फिर धीरे धीरे मौसी कमर को ऊपर निचे करते हुए चुदवाने लगी. लंड चुत में धीरे धीरे ऊपर निचे होने लगा. बहोत मजा आ रहा था.
अहःअहः.. आआह.. चुत और लंड दोनों भी काफी उछाल मार रहे थे. धीरे धीरे मौसी ने गति बधाई और जोर जोर से ऊपर निचे होने लगी. हम दोनों भी उत्तेजना से भरे चुदाई कर रहे थे. बहार से आरही गाडियोकि आवाज में हमारा काम चल रहा था. लंड कसकर चुत में फस गया था.
अहहह अहहह. ओह्ह्ह अहहह. उफ्फ्फ्फ़.
अम्माम्मा उम्म्म अहहहहहहह
तभी अचानक से रास्ते पे गड्ढे आये, और बस जोर से उछली. उछाल इतनी ज्यादा थी के बस में सोये सभी लोग चिल्लाये.
यहाँ पीछे चुत उछल कर उपर चली गयी, और लंड बाहर आया और फिर से झटकेसे जब मौसी बैठी तब लंड चुत में फिर से घुस गया। मेरा लंड इतनी जोर से चुत में पटका की मौसी की भी चीख निकल गयी. लेकिन बस में बैठे सभी चिल्लाये थे तो किसी को भनक नहीं पड़ी के पीछे क्या हो रहा है.
दो तीन बार गड्ढे में उछलने के बाद बस फिर से सीधी चलने लगी.
कुछ देर चोदने के बाद मेने मौसी को घुमाकर अपनी और कर लिया. मौसी अब सामने से बैठ गयी. निचे से फिर से मेने लंड को चुत में डाल दिया और हम एक दूसरे को प्यार से चूमते हुए चुदवाने लगे.
इतनी देर चुदवाने के बाद अभी हम दोनों के बिच गहरा संभंद निर्माण हो गया था. हम एक दूसरे को देखते हुए बड़ी प्यार से चुम रहे थे. दोनों के चेहरे पे मुस्कुराट थी.
मौसी को काफी देर चूमा फिर मौसी ने खुद ही अपना ब्लाउज़ ऊपर किआ और अपने दोनों स्तनों को बाहर निकाल कर मुझे दे दिए. मेने जैसे ही बड़े बड़े स्तनों को देखा मेरा लंड चुत के अंदर और ज्यादा तन गया. मेने तुरंत निप्पल को चूसना सुरु किया. दोनों हातोंसे स्तनों को दबाकर निप्पल को चूस रहा था.
उम्म्म्म आआह्ह्ह. अहहहह. उम्मम्मम अहहह
अहहह। ..उम्मम्मम
बड़ा ही मजा आ रहा था स्तनों को दबाने में. चुसनेमे। निचेसे मेरा लंड चुत में रगड़ रहा था. दोनों सुख एक साथ मिल रहे थे.
अहहहह. अहहह. उफ्फ्फ्फ़. उम्म्म्म
कुछ देर स्तनों को दबाकर मेने अपने दोनों हात मौसी की गांड के निचे डाले। कसकर मौसी की गांड पकड़ी और मौसी को लंड पे उछाल उछाल कर चोदने लगा. आहहहह. मौसी की मुलायम गांड को कसकर पकड़ा था. और लौड़े को चुत में निचेसे धकेल रहा था.
अहःअहः हहह. अह्हह्ह्ह्ह
अहहह. उफ्फ्फ अहहहह
मौसी के स्तन मेरी आखो के सामने उछल रहे थे. में मौसी को चोदे जा रहा था. अहहहहह. श्श्श्श अहहहह
मौसी भी मदहोश होकर उछल रही थी. आहहह
बहोत देर ये चुदाई चली, फिर जब मेरा पानी निकलने वाला था, मेने धीरेसे मौसी को कहा पानी निकलने वाला है, मौसे ने कहा डाल दे अंदर ही.
मौसी की ये बात सुनकर में सातवे आसमान पे था. मेने मौसी की गांड और कसकर पकड़ी, अपने पैरोंको थोड़ा फैलाया और लंड पे चुत को पटक पटक कर चोदने लगा. हाहाहाहा
अहहह श्श्श्श. सशशश. अहहहह श्श्श
शशशश श्श्श्ष.
कुछ देर बाद मेरा पानी चुत में ही निकल गया. अह्हह्ह्ह्ह अह्हह्ह्ह्ह उग्गगग उम्मम्मम्म
मेने लंड को आखिरी बून्द तक चुत में दबाये रखा.
फिर जब में शांत हुआ, मौसी उठी और मेरे बगल में बैठ गयी.
दोनों ने कपडे पहन लिए. मेने मौसी को अपनी और खींचा और होठोंको प्यार से चूमते हुए सुक्रिया किया.
उस दिन के बाद से जब भी में मौसी को मिलता हु. चोदे बिना छोड़ता नहीं हु.
कैसी लगी मेरी कहानी जरूर कमेंट में बताना।
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