में अपनी यूपीएसी की तैयारी कर रहा था. मेरा नाम युग है. परिवार के साथ हरियाणा में रहता हु. कुछ दिनों पहले ही मुझे अपने कॉलेज से पता चला की मेरी जो टेस्ट होने वाली है वो कुरक्षेत्र यूनिवर्सिटी में होने वाली है. में रहता हु हरयाणा के एक छोटेसे गांव में.
मेरे सारे दोस्तों ने जानेकी तैयारी कर ली थी. सिर्फ में ही था जो बचा हुआ था. वह ३ दिन का सेमिनार था. २ घंटे हररोज क्लास में जाना था. यूनिवर्सिटी के प्रशिक्षक हमें यूपीएसी की तैयारी में मदत करने वाले थे.
मेने घर वालोको ये बात बताई तो पापा ने सुझाव दिया की भैया वहा रहते है, तुम उनके घर चले जाओ. मेने तुरंत भैया से बात की. वो मान गए.
मेने अपनी बैग ली और निकलपड़ा ट्रैन से भैया के घर. ६ घंटे बाद जब भैया के घर पोहचा, देखा की भैया की बड़ी कोठी है. गेट से अंदर आया और दरवाजा खटखटाया तो सुनीता भाभी ने दरवाजा खोला.
भाभी मुझे देख बहोत खुश हुई. भाभी ने कहा हम तुम्हारा ही कबसे इंतजार कर रहे है. अंदर आओ…. . युग.
में अंदर आया, अपनी बैग कोने में रख दी और सोफे पे बैठ गया. सुनीता भाभी मेरे लिए सरबत ले आयी. भाभी मुजसे बाते करते हुए कहने लगी, तुम तो काफी बड़े हो गया हो. बहोत साल पहले तुम्हे देखा था.
मेने भी मुस्कुराते हुए भाभी की और देखा. मेरे मुँह से शब्द ही नहीं निकल रहे थे. क्यूंकि भाभी को साडी में देखकर मुझे सविता भाभी की याद आ गयी. वही गोरा बदन, बड़े स्तन, गोलाकार बड़ी गांड। अह्ह्ह। .. मन मचलने लगा.
भाभी ने फूलो की प्रिंट वाली साडी पहनी थी. ब्लाउज़ जो पहना था उसकी बाजु नहीं थी, जिस वजसे उनकी घूबसूरत बाहे दिख रही थी.
मेने सुनीता भाभी को पूछा भैया कहा है. तो वो बोली, अभी थोड़ी देर में आजायेंगे. काम से बाहर गए हे. हमने तुम्हारे लिए ऊपर वाला कमरा साफ कर दिया है. तुम थक गए होंगे तो आराम कर लो.
आयो युग में तुम्हे ऊपर का कमरा दिखा देती हु. ऐसे कहकर भाभी मुझे ऊपर के कमरे में ले आयी. कमरे में आकर मेने बैग रखा. कमरा काफी बड़ा था. सामने बड़ा पलंग. ऐसी ठंडी हवा दे रही थी., खुर्सी, सामान रखने के लिए अलमारी. बिलकुल होटल जैसा कमरा सजाया था.
भाभी मुझे कुछ बता रही थी, लेकिन मेरे कान सुन हो गए थे. क्यूंकि मेरी नजरे सुनीता भाभी के गोर शरीर को ऊपर से निचे टटोल रही थी. एक कमरेमे सूंदर भाभी के साथ, वो भी तब जब भैया घर नहीं है. मेरा लंड पैंट के अंदर खड़ा हो चूका था. नजरे भाभी के बड़े स्तन को छू रही थी. साड़ी का पल्लू इतना पतला था की स्तन की बिच की दरार दिख रही थी, उसपर मेरी नज़ारे तिकी हुई थी.
शायद भाभी को भी कुछ देर बाद एहसास हुआ के में उनकी बातो सुन नहीं रहा सिर्फ उनको ही देखे जा रहा हु. अपनी बाते पूरी करके भाभी जब कमरे से मटक ते हुए बाहर जा रही थी, तब भाभी की मटकती हुयी गांड देखकर जी ललचाने लगा. मेरा हात लंड पर चला गया और भाभी को जाते हुए देख में अपने लंड को पैंट के ऊपर से ही मसलने लगा.
मेरी नज़रे भाभी की गांड पर तिकी हुयी थी, तभी अचानक से भाभी मुड़ी, सुनीता भाभी ने मुझे अपना लंड दबाते हुए देख लिया. मेने तुरंत अपना हात हटाया. भाभी भी चौक गयी थी. कुछ देर ठहर के वो बोली, शामको ८ बजे खाना लग जायेगा, तुम निचे आजाना.
कहकर भाभी निचे चली गयी.
एक बार के लिए लगा की आज तो में मर ही गया था. अच्छा हुआ मेने लंड बाहर नहीं निकाला था.
में थका हुआ था तो थोड़ी देर सो गया. शाम को नाहा धो के खाने के लिए जब निचे उतरा, भैया घर पर थे.
हम खाने के टेबल पर बैठे. भैया मेरे सामने ही बैठे. भैया ने मेरा हाल चाल पूछा. हमारी बाते चल रही थी, तभी भैया के ऑफिस से फोन आया. वो उठे और सामने की खिड़की के पास जाकर फोन पे बात करने लगे. तभी भाभी किचन खाना लेकर आयी. और हमें खाना परोसने लगी. भाभी और मेरी आँखे मिली. भाभी मुझे देखकर हल्कीसी मुस्कुराई और दोनों की थाली में खाना परोसने लगी.
भाभी ने सुन्दर सी पिली रंग की साडी पहनी थी. इस ब्लाउज़ के भी बाजु नहीं थे. जिस बजसे उनकी गोरी बाजु दिख रही थी. पतली साड़ी के पल्लू से भाभी के स्तनों की बिच की दरार इसबार साफ़ दिखाई दे रही थी. में नजरे बचाके भाभी को देख रहा था. भाभी के कामुक शरीर को देखकर मेरा लंड खड़ा होने लगा था. मेने टीशर्ट और ट्रैक पैंट पहनी थी.
भाभी ने पहले भैया की थाली में सब्जी परोसी. फिर मेरी तरफ आयी और मेरे बगल में खड़े होकर मेरी थाली में परोसने लगी. जब मेरे पास आयी तो उनका शरीर वो मेरे कंधो से टीकाकार खड़ी थी. उनके शरीर का स्पर्श और भी उत्तेजित करने वाला था. फिर भाभी चावल परोसने लगी. भाभी इतने करीब खड़ी थी के उनके बदन की खुशबु मुझे मदहोश करने लगी.
में अपनी नज़रे भाभी के शरीर पर घुमा ही रहा था तभी अचानक से भाभी का पल्लू निचे गिरा. जैसे पल्लू निचे सरका, भाभी के बड़े बड़े स्तनों का दृश्य देख में पागल ही हो गया. मेरी नज़रे दोनों स्तनों के बिच की गुफा में चली गयी. में अंदर तक झाकने लगा. स्तनों का उप्पर का भाग ब्लाउज़ से बाहर निकला हुआ था. भाभी चावल परोसने लगी तब स्तन हिलने लगे. इतने करीब से स्तनों को देख मेरे मुँह से पानी आने लगा. भाभी ने भी काफी देर तक मुझे स्तनों को देखने का मौका दिया. वो जानभूझकर पल्लू को निचे गिराए खड़ी थी.
मन तो कर रहा था की दबा दू. लेकिन सामने भैया फ़ोन पे बात कर रहे थे इसलिए हिम्मत नहीं हुई. भाभी मुझे ललचाकर सामने की और चली गयी. फिर भैया आये और हम खाने पे बैठ गए.
भाभी और भैया दोनों सामने ही बैठे थे. खाते समय भाभी और मेरी आँखे मिल रही थी. इशारो इशरोमे भाभी मुझे ललचा रही थी.
मेरा प्यासा लंड भाभी को चोदने के लिए पागल हो रहा था. हमने खाना खाया और में फिर अपने कमरे में चला गया. रात भर में पलंग पे करवटे बदल बदल कर भाभी के बारे में ही सोच रहा था. मेरा खड़ा लंड मुझे बहोत परेशान कर रहा था. रातभर खड़े लंड की वजसे सीधा ही सोना पड़ा. क्यूंकि जैसे ही पलटकर सोता, लंड पलंग पर चुबने लगता. किसी तरफ रात गुज़ारली
सुभे उठा, सीधा उठकर पहले निचे देखने चला लगा. बिना आवाज किये सीढ़ियों पे खड़े रहकर जब निचे झांककर देखा तो भैया टेबल पर बैठे नास्ता कर रहे थे. वो ऑफिस को जाने के लिए तैयार बैठे थे.
भाभी पास में ही खड़ी थी. भाभी ने मुझे झाकते हुए देख लिया. में तुरंत पीछे मुड़ा। अपने कमरे में गया और नाहा धोकर तैयार हो गया.
कुछ देर बाद जब निचे उतरा तो देखा भैया निकल रहे थे. में वही सीढ़ियों पे खड़े रहकर भैया के जाने का इंतजार करने लगा. भैया घर के बाहर निकले। अपनी स्कूटी ली और चले गए. भाभी ने अंदर से दरवाजा बंद किया. में निचे आने लगा. भाभी ने मेरी तरफ देखा। फिर नज़र मेरे पैंट पर घुमाई और हल्कीसी मुस्कुरायी। क्यूंकि मेरा तना हुआ लंड पैंट के ऊपर से साफ दिख रहा था. मुझे देखकर वो अपने कमरे की और जाने लगी. में भी धीरेसे निचे आया और भाभी के पीछे पीछे उनके कमरे में पोहच गया.
कमरे में आते ही भाभी पलंग की चादर को ठीक से बिछाने लगी. में जैसे ही कमरे में आया, भाभी ने कहा, तुम्हारे भैया अभी अभी निकल गए ऑफिस। कह रहे थे आज देरी से आएंगे.
में भाभी की बातो में उनका इशारा समज रहा था. भाभी ने हरे रंग की साड़ी पहनी थी. वही बाजु कटा हुआ सफ़ेद रंग का ब्लाउज़। में धीरेसे भाभी के और बढ़ने लगा. मन में तो बहोत ही डर था लेकिन खड़े लंड ने मुझे साहस दिलाया. जैसे ही में भाभी के पीछे आकर खड़ा हुआ. भाभी गद्दे की चादर ठीक करके जैसे ही मुड़ी वो मुझे इतने करीब देख चौक गयी. मेने भाभी की कमर पकड़कर उन्हें पीछे गिरने से बचाया. दोनों की आँखे मिली. बढ़ी हुयी सासो के साथ में उनके होठो के करीब अपने होठ ले आया.
धीरेसे जब होठो को होठ टकराये. दोनों ने अपना आपा खो दिया और एक दूसरे को चूमने लगे. उम्म्म उम उम्मम्मम आ हाःहाहाम अहहह उम्म्म्म उम्म्म्म
भाभी को बाहो में भरकर में चूमने लगा. भाभी के बड़े कोमल स्तन मेरी छाती पे रगड़ने लगे. आहा। … आहहह. स्तन का स्पर्श और भी उत्तेजित कर रहा था. उनकी पीठ पर हात घुमाते समय मेरे शरीर में बिजली कड़कने लगी.
जैसे ही में होठोंको चूमते हुए उनके गालो को चूमने लगा, मेरा एक हात भाभी के स्तनों पे आया, स्तनों को दबाते हुए गर्दन को चूमने लगा. भाभी सिसकते हुए आह भरने लगी. आहहह आहहहह। ..उम्मम्मम उम्म्म्म आहहहह उफ्फ्फ अहःअहः. ससशहषश
उनकी सिसकने की आवाज कानो में बजने लगी. जो मुझे और भी उत्तेजित कर रही थी.
मेने कसकर स्तनों को दबाया. भाभी का साडी का पल्लू निचे गिर चूका था. बड़े गोरे स्तनों का ऊपरी भाग दिखने लगा था. मेने अपना मुँह स्तन पे रखा और चूमने लगा. बिच की दरार में जबान से चाटने लगा. बहोत ही बड़े और मुलायम स्तन थे. इतने बड़े थे की मेरे दोनों हातो में एक स्तन समां नहीं पा रहा था. में कसकर स्तनों को पकड़कर मसलने लगा. स्तन को दबाते समय मेरा लंड पैंट के अंदर उछल रहा था.
में बड़ी असह्यता महसूस कर रहा था. लग रहा था की लंड को बाहर निकाल दू, में भाभी को कसकर पकड़कर अपना लंड रगड़ रहा था. तभी भाभी ने अपना हात निचे लिया और मेरे पैंट के ऊपर से मेरे खड़े लंड को पकड़कर मसलने लगी. आअह्ह्ह्ह. अहहह. में और उत्तेजित हो गया, मेने भाभी के स्तनों को जोर जोर से दबाया. उनकी गर्दन पे में काटने लगा. उनका ब्लाउज़ कंधो से निचे सरकाया और कंधो को चूमने लगा.
मेरे अंदर का जानवर जाग चूका था. मेरी तड़प इतनी बढ़ गयी के मेने भाभी के ब्लाउज़ को बिच से पकड़ा और खींचकर ब्लाउज़ फाड् ही दिया. फटे ब्लाउज़ से स्तन उड़कर बाहर निकले. मेरी नजर जैसे ही निप्पल पे पड़ी, मेने तुरंत दोनों हातोंसे स्तनों को दबाते हुए निप्पल को चूसने लगा. उम्म्म्म अहःअहः. आअह्ह्ह. भाभी भी मुरमुराने लगी. में दबाये जा रहा था. और चूसते जा रहा था. ब्लाउज़ हटकर निचे गिरा।
भाभी ने मेरी टीशर्ट खींची और उतार के दूर फेक दी. मेने उनके स्तनों को चूस रहा था, और वो मेरे नंगी पीठ पर हात गुमा रही थी. मेरे बालो में उंगलिया घुमाकर मुझे अपने स्तनोंपर दबा रही थी.
जब मेने निप्पल को काटा, भाभी जोर से चिल्लाई. आआह्ह्ह.. अह्ह्ह्ह। धीरेसे युग। …. आअहाहाः.
निप्पल को छोड़ा वैसेही मेने भाभी को नंगा करना सुरु किया. भाभी की साडी पकड़ी, खींचकर साडी को उतार दिया. भाभी को अब सिर्फ पैंटी में देख में यकीन नहीं कर पा रहा था के इतनी खूबसूरत औरत मेरे सामने खड़ी है. लचीला बदन, बड़े बड़े स्तन, भूरे रंग के निप्पल। और वो बड़ी गांड. भाभी अपने आपको नंगे बदन देखकर शर्मा रही थी.
मेने भाभी को देखते हुए अपने लंड को मसलना सुरु किया. भाभी की नजरे मेरी पैंट पर चली गयी. मेने धीरेसे पैंट निचे उतारी. अंदर का खड़ा लंड अंडरवेर से पता चल रहा था.
भाभी की नजर निचे ही टिकी हुयी थी. भाभी को कहा देख क्या रही हो भाभी. कुछ करोगी नहीं.
भाभी शरमाई. और सीधा मेरे सामने निचे बैठ गयी. बैठतेहि भाभी ने मेरी अंडरवेर दोनों हातोंसे पकड़ी, धीरेसे अंडरवेर को निचे उतरा. आअह्हह्ह्ह. में एक औरत के सामने नंगा हो रहा था तब शरीर कापने लगा था.
जैस एही अंडरवेर निचे उतरी, मेरा तना हुआ लंड उछलते हुए बाहर निकला. भाभी ने जरा भी देर नयी लगायी लंड को पकड़ने के लिए. मुठी में मेरे लंड को पकड़कर हिलाने लगी. अहःअहः. भाभी के कोमल हातो को व वो स्पर्श लंड पे कहर ढा रहा था.
भाभी ने मुठी में कसकर लंड को पकड़कर हिलाना सुरु किया. आह्हः. अहःअहः. उफ्फफ्फ्फ़. अहहहआ. क्या मजा आ रहा था. जोर जोर से हिला रही थी.
फिर अचानक भाभी ने लंड को मुँह में ले लिया. जैसे ही मुँह में लंड गया. में तो मानो पागल ही हो गया. बड़ा लंड होने की वजसे भाभी के छोटे मुँह में लंड कसकर बैठा था. भाभी ने जितना अंदर डाल सके इतना अंदर ले लिया था. और फिर मुँह में अंदर बाहर करने लगी. उम्मम्मम. उम्म्म्म. भाभी को मेरा लंड चूसते हुए देख में आनंद ले रहा था. भाभी ने अपनी जबान लंड पर घुमाई. मेरे दोनों लटके हुए होतो को हातोंसे मसाला. लंड को सभी तरफ से ठीक से चाट लिया। काफी देर तक लंड को चूसने के बाद वो कड़ी हुयी.
अब मेरी बरी थी. तो मेने भाभी को पीछे पलंक पे लिटा दिया. फिर में पलंग पे चढ़ा और उनके पैरो के पास बैठकर उनकी गुलाबी पैंटी को निचे उतारा. पैंटी हटते ही भाभी पूरी नंगी मेरे सामने तड़प रही थी. अपने पैरो को एक दूसरे के ऊपर रगड़ रही थी. उनक आँखे नशीली हो चुकी थी.
भाभी मेरी तरफ देखते हुए बोली, देवर जी और मत तदपव मुझे,
भाभी की तड़पती हुयी आवाज सुनते ही, मेने भाभी के पैर फैलाये और सीधा चुत पे अपना मुँह रखकर भाभी की चुत को चाटने लगा. आहहह. गोरी चुत पे मुँह घिसते हुए अपनी ख्वाइश पूरी करने लगा. जबान को चुत के अंदर रगड़ने लगा. फिर एक ऊँगली चुत में डाली और जोर जोर से चुत में घिसने लगा. भाभी पलंग पे मछली की तरह तड़पने लगी.
में अपनी जीभ से चुत को चाट रहा था. और ऊँगली को भी अंदर डालकर हिला रहा था. अहहहह. सशशषस. दोनों भी तड़प रहे थे. अहहहहह. अहहहह. उफ्फफ्फ्फ़. उफ्फ्फ अहःअहः. आह
चुत गीली हो चुकी थी. लेकिन में रुका नहीं. उम्मम्मम अहःअहः
काफी देर बाद जब पीछे हटा, मेने देखा भाभी बहोत ही खुश लग रही थी.
फिर मेने अपना लंड आगे लिया, धीरेसे लंड को चुत में धकेला और भाभी पे लेटकर उन्हें चोदने लगा. अहहहहह। ..उम्म्म्म अहहहहह अहहहा, एहह
लंड गीली चुत में अंदर तक चला गया. आहहहह. जोर जोर से धक्के देते हुए में भाभी को चोद रहा था. निप्पल को मुँह में लेकर चूसते हुए निचे से लंड अंदर धकेल रहा था. अहहहहहह.
शादीशुदा औरत को चोदने का जो मजा है, वो कही नहीं मिल सकता. अहहहह जोर जोर से लंड को चुत में डालकर चोदने के बाद. में भाभी के बाद में पलंग पे सोया, फिर भाभी मेरे ऊपर आकर बैठी, मेरे लंड को अपनी ही हातो से पकड़कर चुत में डाल दिया. धीरेसे लंड को अंदर डालते हुए ऊपर बैठ गयी, और फिर लंड पर उछलने लगी.
अहहहहह. लंड चुत में पूरा अंदर जा रहा था. भाभी अपने स्तनों को दबाते हुए मेरी आखो के सामने लंड पे उछल रही थी. अहःअहः. अहःअहः. भाभी का कटीला बदन देख आखो को सुख मिल रहा था. चुत जाता मेरा लंड , भाभी की मदहोश जवानी, और आखो में हवस देख मेरा जोश और बढ़ रहा था. जोर जोर उछलकर चुदवा रही थी. अहहहह अहहह. अहहह. उफ्फ्फ्फ़ अहहह. अहहह
उसके बाद मेने भाभी को घोड़ी बना दिया. काफी देर से चुदाई चल रही थी. मेरा लंड कभी भी पानी छोड़ सकता था. इसलिए जैसे ही भाभी घोड़ी बानी, उनकी गांड मेरे सामने आयी, मेने पहले तो गांड को अछि तरह हातोंसे मसला। फिर गांड को दबा दबा कर आनंद लिया. फिर पीछे घुटनो के बल बैठे लंड को भाभी के चुत डाल दिया. आह्ह्ह्ह. चुत ने लंड को अपने मुँह में पकड़लिया. मेने धक्के देते हुए लंड पूरा अंदर तक घुसेड़ा फिर दोनों हातोंसे कमर को कसकर पकड़कर चोदने लगा. अहःअहः अहःअहः उफ्फ्फ्फ़ अहहहहह अहहह. शशशशश. अश्श्श्श
कसकर पकड़कर चोद रहा था. भाभी भी आवाज करने लगी. अहाहा अहहहह. अहाः सशशश अहहहह अहहह.
करकरते हुए भाभी ने अपनी गर्दन निचे पलंग पे टिका दी, जिससे उनकी गांड और उपर आ गयी. और भी मजा आने लगा चोदने में. भाभी का मुँह पलंग पे दबा हुआ और में उनको चोदता हुआ. अहःअहः अहःअहः. बहोत मजा आ रहा था. अहहह
फिर अचानक मुझे एहसास हुआ पानी निकलने वाला है. मेने तुरंत लंड बाहर खींचा और सारा पानी भाभी की गांड पे उदा दिया, पानी की पिचकारी इतनी जोर से उडी की कुछ बुँदे भाभी के पीठ पर भी चली गयी… आहहहह भरते हुए मेने सारा पानी भाभी की गांड पे निकाल दिया.
मुझे सामने गांड से निचे सिरता हुआ पानी दिखाई दे रहा था.
फिर में शांत हुआ. मेने अपने कपडे पहने और कमरे से निकल गया.
हम दोनों ने भैया को इसके बारेमे कोई खबर लगने नहीं दी.
आने वाले २ दिन में भैया के घर था. दोनों दिन मेने भाभी को चोदा। भाभी भी मुजसे चुदकर बहोत खुश हुयी।
अगर आपके भी नजर में कोई भाभी है जिसको आप चोदना चाहते हो तो जरूर कमेंट करके बताना
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