कुछ ही दिनों पहले की बात है. में अपने कंप्यूटर क्लास से ७ बजे घर आई. घर आके देखा तो पापा घर में कोने में टेबल खुर्सी रख रहे थे. मुझे देखकर ही पता लग गया की आज शायद पापा का पार्टी का विचार है. जब भी पार्टी करनी होती है, वो और उनके दोस्त सारे घर इखट्टा होकर उसी जगह बैठते है.
मेरी माँ दादी से मिलने गांव चली गई थी. शायद इसलिए ये सब तैयारी चल रही थी. मेने पापा को पूछ ही लिया के क्या आज पार्टी का विचार है. तो पापा ने उत्तर दिया, हा आज तेरे चाचा आनेवाले है.
चाचा का नाम सुनकर में समज गई की आज पार्टी पूरी रात चलेगी. मेरे चाचा ठरकी स्वभाव इंसान है. शादी के बाद भी उनका बाहर औरतो के साथ चक्कर चलता है. मेने खुद उन्हें कितनी बार दूसरी औरते के सात बहार घूमते हुए देखा है.
इसके पहले की दोनों की पार्टी सुरु हो, में तुरंत अपने घर के काम में लग गयी. करीब रात के ९ बजे चाचा घर आये. में अंदर बर्तन धो रही थी. पापा और चाचा की दारू की पार्टी सुरु हो गई. दोनों की बातो की आवाज मुझे अंदर तक सुनाई दे रही थी.
कुछ देर बाद जब काम ख़तम करके में बाहर आई, तो चाचा की नजर मेरे ऊपर पढ़ी. उन्होंने पूछा कैसी हो. मेने कहा ठीक हु और सामने से अलमारी से अपने कपडे निकालने लगी. कपडे लेते समय मेरी ब्रा निचे गिर गई. चाचा ने वो देख ली.
मेने ब्रा उठाई और एक नजर चाचा की और देखा तो वो हवस भरी नजरोसे मुझे देख रहे थे. हमारी आँखे कुछ क्षण के लिए मिली. फिर में अंदर के रूम में चली गई.
मेने नाहा के मैक्सी पहन ली. रात के ११.३० बज चुके थे. अपना गिला टॉवल सामने की रस्सी पर रखने जा रही थी के तभी अचानक पिछेसे किसने मुझे जकड लिया. में डर गई. देखा तो वो मेरे चाचा थे. …….में चिल्लाई….. चाचा क्या कर रहे हो.
चाचा बोले कुछ नहीं बेटा…ठण्ड ज्यादा है ना. थोड़ी गर्मी ले रहा हु.
चाचा ने अपनी बाह और मजबूत कर ली और मेरी कमर कसकर पकड़ के मेरी पीठ पर चिपक कर खड़े हो गए. मुझे समज नहीं आ रहा था के में क्या करू. तभी मुझे ऐसास हुआ की मेरी गांड पे कुछ बड़ा सा लंबासा चूब रहा है…. चाचा उस लम्बी चीज को मेरी गांड पे पटक रहे थे. में डर गई और किसी तरह अपने आप को छुड़वाकर बहार की तरफ भागने लगी.
लेकिन भागते समय चाचा ने मेरा एक हात पकड़ लिया और मुझे आगे जाने नहीं दिया. में दरवाजे तक पहोच ही गई थी. ऐसे ही हालत में मेने बहार सर निकाल के पापा को देखने की कौशिक की तो मुझे पापा जमीन पर सोते हुए दिखाई दिए. चाचा ने पापा को इतनी दारू पीला दी थी के उन्हें होश नहीं रहा.
चाचा ने फिर मुझे अपनी तरफ खींच लिया और मुझे बाहो में भर के मेरे मम्मे जोर जोर से दबाने लगे. मेरी गर्दन पर चूमने लगे. में कहती रही.. छोड़ दो मुझे चाचा… ऐसे मत करो. पर चाचा माने नहीं… वो नशे की हालत में थे और मेरे शरीर से खेलने लगे.
में उनको दूर करने लगी तो चाचा ने मेरे होठो पर अपने होठ टिका दिए. मुझे बाहो में कसकर दबाकर चूमने लगे. मेरी पीठ पर अपने हात घुमारहे थे. उनका वो जोश और शरीर की गर्मी ने मेरे भी अंदर भावना पैदा कर दी. उनके नशीले होठोंके स्वाद ने मेरा भी मन नशीला कर दिया.
कुछ देर बाद मुझे चाचा का होठोंपर चूमना अच्छा लगने लगा. मेने चाचा को बाहो में भर लिया और उनकी पीठ पर हात घुमाने लगी. अहहह अहहहहह आह्हः हहह अहः.. मेरे बड़े बड़े मम्मे चाचा की छाती पर दब गए थे.
चाचा ने मह्सुश किया की में अब उनके काबू में आ गयी हु. तो उन्होंने अपनी बाह ढीली कर दी और मुझे प्यार से गालो पर चूमने लगे. होठो को चूमते हुए मेरे मम्मो की और बढ़ गए. मम्मो को दबाते दबाते चाचा ने मेरी मैक्सी ऊपर उठा के उतार दी. जैसे मैक्सी हट गयी में ब्रा और पैंटी पे चाचा के सामने खड़ी थी. चाचा ने एक नजर मेरे कामुक शरीर को देखा और अपना कुर्ता उतार दिया.
फिर अपने पैजामे की नाड़ी खोलते समय मेरे मम्मो की बिच की दरार देख अपने निचे वाले होठोंको दातो में दबाकर अपनी हवस का प्रदर्शन कर रहे थे. जैसे ही चाचा ने अपना पैजामा उतार दिया. चाचा की निककर में खड़े लंड के मुझे दर्शन हुए. निककर तन गई थी. यही वो चीज थी जो मेरे गांड पे चूब रही थी.
लंड का आकर काफी बड़ा लग रहा था. इतना बड़ा लंड देख में थोड़ी सहम गई. चाचा ने जरा भी देर नहीं की और मुझे आकर अपने बाहो में फिर से भर लिया. मुझे चूमने लगे. मेरे मम्मो की बिच की दरार में अपनी जीभ दाल चाटने लगे. अहहह अहहह हां अहहह.. बहोत मजा आने लगा. बहार की ठण्ड और शरीर की गर्मी दोनों एक सात महसूस होने लगी. चाचा को रोकना अभी मुमकिन नहीं था. चाचा ने जोर जोर से मेरे मम्मे दबाना सुरु किया.
देखते ही देखते उन्होंने मेरी ब्रा निकल दी. जैसे ही मेरे दूध से भरे मम्मे बाहर निकले, चाचा ने चूचियों को अपने मुँह में ले लिया और जोर जोर से होठो से दबाकर चूसने लगे. दोनों हातोंसे मम्मे दबा रहे थे. अहहह अहहहह अहह हहहा..हाःहाहा हहहहहह.. किसी मर्द का हात जब मम्मो को लगता है.. शरीर में बिजली सी दौड़ने लगती है. बहोत ही आनंद मिल रहा था. चाचा मम्मो को जोर जोर से मसलकर उसकी कोमलता का अनुभव ले रहे थे.
मम्मो के साथ खेलने के बाद उन्होंने मुझे पास की खुर्सी पे बिठा दिया. में बैठी ही थी की चाचा मेरे मुँह के सामने आये और अपनी निक्कर निचे उतार अपना तनाहुआ लंड बाहर निकाल दिया. जैसे ही मेरी नजर उनके बड़े लम्बे लंड पर पड़ी मुझे कुछ होने लगा. मेने तुरंत चाचा के लंड को मुट्ठी में जकड़ा और नजदीक से लंड को देखने लगी. अहहह हहहह हा… चाचा का लंड तप गया था. हातो में लंड को पकड़ में उसे हिलाने लगी. अहहह हहह हहहह हहहहहहह….
लंड की नोक पे गुलाबी फूल दिखा तो उसे जीभ से चाटने लगे. अहहह हहहहह हहहहह हहहहहह हहह.. लंड से चिप चिप्पा पानी नीकल रहा था. मेने जीभ से उसे चाटना सुरु किया…. अहहह अहहहहह अहहहहह हहहह.. लंड को धीरेसे मुँह में लिया और चूसने लगी. अम्माम ममममम अहमात्मा अहमं अममममम अहाहा अहहहह आह्हः ….
चाचा का लंड इतना बड़ा था की पूरा अंदर जा नहीं रहा था. जितना अंदर ले सकती थी उतना अंदर लेके चूस रही थी. लंड को पूरा चाट उनकी गोटियों के साथ खेलने लगी. हातोंमे गोटिया पकड़कर मसलने लगी. जीभ गोटियों पर घुमाकर चाटने लगे…. चाचा को मेरा लंड चूसना गोटियों को दबाना बहोत भा रहा था. वो मुँह से आह भर रहे थे.
काफी देर लंड चूसने के बाद, चाचा ने मुझे जमीन पर लेटा दिया. मेरे पेरो के पास बैठ उन्होंने मेरी चुत पे अपना मुँह रखा और चुत को चाटने लगे. अहहह हाहाहा हहहहहह ह… चाचा की जीभ चुत के अंदर घूमने लगी. अहह अहह हहहहहह अहहहह… में पानी से बाहर पड़ी मछली की तरह जमीन पर तड़पने लगी थी.
अहह आह्हः हहहहहह. मुझे बहोत ही मजा आ रहा था. चाचा एक ऊँगली चुत में दाल मेरा चुत का दाना मसल रहे थे. अहह अहहह अहहहहहह.. जीभ ऊपर से निचे चुत पर घुमा रहे थे. अहह अहाहा हां आह्हाः हहह हहहहह……अहहहहह….चाचा ने पूरी चुत चाट चाट कर गीली कर दी.
फिर वो मेरी दोनों टांग फैलाकर बिच में बैठे, और अपना लंड मेरी चुत में घुसेड़ कर मेरे ऊपर सो गए. अहहह हहहह अह्हह्ह्ह्ह.. निचे से धक्के देते हुए उन्होंने अपने बड़े लंड मेरी चुत में अंदर तक घुसेड़ दिया. अहहह हहहा हहह अहाहाःहाहा हाहाहाहा हाहाहा…. चाचा ने जो मुझे चोदना सुरु किया,,, वो फिर रुके ही नहीं. मेरे ऊपर सोकर जोर जोर से मुझे चोद ने लगे. में चिल्लाने लगी. अहाहा हहह हां अहहह हहह. अयम्माम अम्माम अहममममम मममममम मम्मा….
काफी देर चोदने के बाद चाचा उठे. और मेरे बगल में लेट गए. और मुझे अपने खड़े लंड पे बैठने कहा. में भी बहोत मदहोश हो चुकी थी. में तुरंत पैर फैलाकर चाचा के लंड पर बैठी, धीरेसे लंड को चुत में डाला और लंड पे उछल ने लगी. अहह अहा हहह अहहह ः हहहा हहहह हा.अहहहह हहहहहह… मेरे मम्मे भी उछल रहे थी. लंड का चुत में एहसास मुझे और रंगीन बना रहा था. में अपने ही मम्मे दबाते हुए लंड को चुत में लेने का आनंद ले रही थी. अहह ः हां अहाहा हहह अहहहहहहहह अहहहहहह अहहहह…….
ऊपर से चोदकर जैसे हटी, चाचा ने मुझे घोड़ी बना दिया. में जैसे झुकी, चाचा ने मेरी गांड पे एक चपेट मारी. में चिल्लाई. अहहह हाहाहा हाहाहा.. चाचा ने चपेट मार मेरी गांड पे अपने होठ टिका दिए और मेरी गांड पे चूमने लगे. मेरी गांड मम्मो से भी बड़ी थी. चाचा ने दोनों हातोंसे गांड को दबाके आनंद लिया.
फिर घुटनो के बल बैठ पिछेसे मेरी चुत में अपना लंड घुसेड़ दिया. अहाहा हहहह अहहहहहहहहहहहहह.. लंड चुत में जाते हुए मुझे ऐसास हो रहा था. जैसे जैसे लंड चुत में अंदर बाहर होने लगा. मेरी चुत और ज्यादा पानी छोडने लगी. लंड को चुत ने पूरा गिला कर दिया. चाचा ने अपनी गति बधाई और जोर जोर से मुझे चोदने लगे. अहहह अहहह अहहहहहहहह हहहहहहह. .अहहहहह हहहहहहहहह…..
गरम लंड ने मेरी चुत को इतना रगड़ा की कुछ ही देर में झड़ गयी… चाचा अभी भी पूरी जोश से मुझे चोद रहे थे. लंड को अंदर तक डाल मुझे चोदते रहे. कुश देर बाद चाचा झड़ने वाले थे.
उन्होंने तुरंत लंड को बाहर निकाला और मुझे मुँह में लंड दे दिया. लंड मुँह में आते ही जैसे मेने चूसना सुरु किया. लंड से गरम पानी की धार निकलने लगी. चिप चिप्पा पानी मुँह में बहने लगा. इतना पानी निकला के मुझे वो पि जाना पड़ा. कुछ मेरे मुँह से बाहर नीकल गया और जांघ पे,, मम्मो पे फ़ैल गया.
चाचा ने काफी पानी छोड़ा लंड से. फिर वो शांत हुए और अपने कपडे पहन ने लगे. में भी बाथरूम में जाकर अपना मुँह धो लिया और कपडे पहन कर बाहर आई. चाचा ने जाते जाते कहा की किसी को इस बारे में बताना नहीं. मेने भी मुस्कुराते हुए गर्दन हिलाई. फिर चाचा अपने घर चले गए.
पापा को देखा तो पापा अभी भी गहरी नींद में थे. सुभह जब पापा उठे. उन्होंने पहले चाचा के बारेमे पूछा. मेने कहा की वो तो आप सोने के बाद नीकल गए थे. उस दिन चाचा से चुदवाके बहोत अच्छा अनुभव मिला.