छोटे भाई को अपने चुत का पानी पिलाना पड़ा

मेरा नाम अनीता है. में दिल्ली में रहती हु. आज जो में कहानी बताने जा रही हु. वो सच्ची घटना पे आधारित है. कुछ लोगो को शायद विशवास नहीं होगा कहानी पढ़के. लेकिन जो भी कहानी में लिखा है वो १००% सच है.

ये कहानी है मेरे भाई राकेश की और मेरी. अभी मेरी उम्र २५ साल है. और मेरे भाई राकेश की २० है. वो मेरे से छोटा होने के वजसे घर में मेरी ही चलती थी. मेरे पापा नहीं है. माँ है लेकिन वो भी घर के काम और पूजा पाठ में लगी रहती है.

एक दिन में अपने बॉयफ्रेंड के साथ नए गार्डन में घूम रही थी. पहिली बार मेरा बॉयफ्रेंड इस गार्डन में मुझे ले आया था. जैसे हम गार्डन के अंदर आये और बैठने के लिए जगा ढूंढने लगे. मेने देखा सभी बॉयफ्रेंड गर्लफ्रेंड ही इस गार्डन दिखाई दे रहे थे. कोई झाड़ के पीछे बैठा है. तो कोई झाड़िओ में लेटा है. सभी अपनी अपनी जगा ढुंडके बैठे थे. गार्डन बहोत ही बड़ा था, इसलिए हम काफी अंदर तक आ गए. एक जगा कोने में मिली जहा हम बैठ सकते थे. शाम का समय हो गया था, और अँधेरा भी होनेही वाला था.

इसलिए हमने सोचा जो जगा मिली है वहा पे ही बैठ जाते है. कुछ देर बाद निकल जायेंगे घर. हम बैठे थे. तभी मुझे दूर कोनेमे मेरा छोटा भाई दिखाई दिया. वो एक मुस्लिम लड़की के साथ बैठा था. लड़की ने बुरखा पहना था. में चौक गई. मेने अपने बॉयफ्रैंड से ये बात छुपाके राखी. उसे पता नहीं चलने दिया.

बॉयफ्रेंड से बाते करते करते में अपने छोटे भाई को ही देख रही थी. पहले तो वो उस मुस्लिम लड़की से बाते कर रहा था. लेकिन जैसेही अँधेरा होने लगा. उसने उसके मम्मे दबाना सुरु किया. दोनों होठोंपे चुम्बन लेने लगे और मेरा छोटा भाई उसके मम्मे जोर जोर से दबा रहा था.

उसने काफी देर तक उस लड़की के मम्मे दबाये. फिर धीरेसे अपना हात अंदर बुरखेमे डालके उसकी चुत को मसलने लगा. राकेश का हात उस लड़की के दोनो पैर में फसा हुआ था और वो जोर जोर से अंदर हात डालके चुत को दबा रहा था. दोनों बैठे बैठे ही एक दूसरेको आनंद देने लगे. कुछ देर बाद उस लड़की ने भी राकेश का लंड पैंट के ऊपर से दबाना सुरु किया.

कुछ देर बाद राकेश ने अपनी पैंट थोड़ी ऊपर उठाई और लड़की का हात अंदर पैंट में दाल दिया. अभी दोनो एक दूसरे के अंतर्गत भाग को मसलने लगे. लड़की राकेश का लंड हिला रही थी. और राकेश उसकी चुत में ऊँगली डालके उसे मजे दे रहा था. ऊपर से दोनों एक दूसरे को चुम रहे थे. काफी देर तक ये खेल चला फिर दोनों ने शायद पानी निकाल दिया. और दोनो शांत हो गए. वो फिर गार्डन से चले गए.

हम भी कुछ देर बाद वहा से निकले. घर आते ही मेने राकेश को अपने कमरे में देखा. कुछ देर बाद मेने उससे अकेले में पूछा, की वो मुस्लिम लड़की कोण थी तेरे साथ. पहले तो राकेश मना करने लगा. फिर मेने उसे बताया की मेने तुजे गार्डन के बहार एक लड़की के साथ देखा.

तभी वो बात मानने लगा. मेने राकेश को बहोत डाटा और आखिर में कहा की तू उस लड़की को छोड़ दे तुरंत नहीं तो बहोत बुरा होगा तेरे साथ.

और में पलट कर वापस बहार आने लगी. तभी राकेश ने कहा की में उस लड़की से प्यार करता हु और शादी भी उसी लड़की से करूँगा. मुझे ग़ुस्सा आया और में जोर से चिल्लाई और उसे डाटने लगी. माँ ने बहार मेरी आवाज सुनी और वो कमरेमे आ गई.

माँ पूछने लगी क्या हुआ. तो मेने माँ को बताया की आपका बेटा एक मुस्लिम लड़की से शादी करना चाहता है. माँ भी चौक गई. वो भी राकेश को डाटने लगी. लेकिन राकेश को कोई फरक पड़ता हुआ दिख नहीं रहा था.

माँ ने बहोत डाटा तो राकेश बोलने लगा में घर छोड़के भाग जाऊंगा. कही और रह लूंगा. उस रात घरमे बहोत हमारा झगड़ा हुआ. लेकिन राकेश माना नहीं. वो अपनी जिद पकड़के बैठा था.

रात को सोते समय मुझे इतना समज आ गया की ऐसे सकती करने से बात नहीं बनेगी. कोई दूसरा तरीका ढूंढ़ना पड़ेगा. दूसरे दिन में ऑफिस चली गई. पूरा दिन मेरे दिमाग में राकेश की ही बात घूम रही थी. कोई उपाय मिल नहीं रहा था.

शामको ऑफिस के बाद में अपने बॉयफ्रेंड से मिलती थी. हम आज भी एक गार्डन में जाकर कोने में बैठे. अँधेरा हो चूका था. में सोच में थी पुरे वक्त. में अपने विचारोंमें इतनी मग्न थी के मेने गलती से अपना हात बॉयफ्रेंड की जांघ पे रख दिया था. और सोचते वक्त पास में बैठे मेरे बॉयफ्रेंड की जांघ पे अपना हात ऊपर निचे घुमाने लगी. कुछ देर बाद मुझे बॉयफ्रेंड की तरफ से हलचल महसूस हुई. मेने देखा तो उसके मुँह पे अजीब से भाव थे. अचानक मेरी नजर उसके लंड की तरफ गई तो पता चला उसका लंड खड़ा हो चूका था. मेरा हात लंड के पास घुमाने की वजसे बॉयफ्रेंड ला लंड खड़ा हो गया.

मेने कुछ देर उसकी नजरोमे देखा और प्यार से अपना हात उसके लंड पर रखा और दबाने लगी. मेरा ध्यान उसके चेहरे पे था. उसके बदलते भाव देखके मुझे एसास हुआ की औरत का स्पर्श आदमी को कमजोर कर देती है. मेने लंड को दबाते हुए अपने बॉयफ्रेंड को मेरे हातो पे किस करने कहा. तो उसने तुरंत मान लिया. फिर मेने उसे अपनी गर्दन पे किस करने कहा तो उसने वो भी किया. फिर आखिर में मेने अपना एक पैर घुटने तक लिया और उसका लंड दबाते हुए उसे मेरे पैर पे चूमने कहा. तो वो भी उसने किया.

यह सब देखके मुझे मेरा खेल समज आगया. मेने सोच लिया की इसी मर्दो की कमजोरी का में इस्तिमाल करके मेरे छोटे भाई राकेश को अपनी बात मनवाने में मजमूर कर दूंगी.

उस दिन बॉयफ्रेंड का लंड गार्डन में बैठे बैठे हिलाके उसका पानी निकाला. फिर घर आने के बाद में आगे का प्लान करने लगी. मुझे सिर्फ इस चीज जा ध्यान रखना था की माँ को इसकी कोई भी भनक ना पड़े.

रात हो गयी. में सोते सोते यही सोच रही थी के मुझे अपने भाई को किसी भी हालत में मुस्लिम लड़की से शादी करने से रोकना है. फिर चाहे मुझे अपने शरीर को भी क्यों ना दाव पे लगाना पड़े.

अगली सुभह से मेने अपना काम सुरु कर दिया. में राकेश से अब बहोत ही प्यार से बात करने लगी. उसे बाते करते करते उसके नजदीक जाने लगी. सुभह वो अपने कॉलेज की पढाई कर रहा था. तो में कमरे में आई और क्या पढाई कर रहा है पिछतेहुए मेने उसके कंधे पे हात रख दिया. उसके कंधेपे अपना हात घुमाने लगी. उसके बालोमो अपने हात घुमाके उसे अपने कोमल हातोंका स्पर्श देने लगी.

उसे भी वो अच्छा लगने लगा. में उसके पास बैठी और जानबूझकर बात करते समय झुकके अपने स्तन के बिच की दरार दिखाने लगी. मेने देखा उसकी नजर भी मेरे स्तन पे थी. वो बड़ी बारीकीसे मेरे स्तन को घूरने लगा. में जानबूझकर ऐसे बर्ताव कर रही थी जैसे मुझे कुछ पता ही नहीं.

फिर शामको राकेश हॉल में टीवी देख रहा था. माँ अंदर किचेन में खाना बना रही थी. मेने सोचा यही मौका है राकेश को आकर्षित करने का. में अपने कमरेमे आई. पहना हुआ कुर्ता गले से निचे किया. ताकि मेरे मम्मे ठीक से दिखे. ब्रा को भी कसकर बांधा ताकि मम्मे ऊपर उठे हुए दिखे और बड़े भी लगे.

फिर में हॉल में आके जमीन पोछने लगी. निचे बैठकर झुक झुक के जमीन पोच रही थी. और राकेश को अपने मम्मे और बिच की दरार दिखा रही थी. मेने अपना काम सुरु किया. और कुछ देर बाद जब चुपकेसे राकेश की और देखा तो राकेश मेरे मम्मो को ही देख रहा था. और अपने एक हात से लंड को मसल रहा था.

में समज गई की मेरा तरीका काम कर रहा है. कुछ देर बाद काम करते करते मेने अपना कुरता पिछेसे ऊपर कर दिया. और फिर झुकके खड़ी हो गयी और मेरी गांड राकेश को दिखाके उसे ललचाने लगी. में काम करते करते अपनी गांड हिला रही थी. ताके राकेश मेरी तरफ आकर्षित हो जाये. काफी देर तक मेने उसको अपनी गांड दिखाई. फिर में अंदर चली गई.

दूसरे दिन सुभह में अपने ऑफिस जाने के लिए तैयार हो रही थी. तभी मेने देखा राकेश बहोत जल्दी उठ गया था. वो वैसे इतने जल्दी नहीं उठता. राकेश मेरे आस पास ही घूम रहा था. मेरे शरीर को ऊपर से निचे देख रहा था. मुझे यकीन हो गया की कल जो मेने किया उसका असर राकेश पे होने लगा है.

ऑफिस में जाने के पहले. में राकेश के कमरेमे आई. माँ तब नाहने गई थी. कमरेमे आके मेने उसे प्यार से कहा की अपनी पढाई कर लेना. राकेश भी मेरी बात अच्छे बचे की तरह मान रहा था. मेने मौका देखकर राकेश को गले लगा लिया. मेने गले लगाते ही. राकेश ने मुझे कसकर पकड़ लिया. मेरे बड़े मम्मे राकेश की छातीपर दब गए थे. राकेश मेरी कोमल पीठ पे हात घुमाने लगा. देखकर पता चल रहा था की राकेश बहोत ही उत्तेजित हो चूका है. उसे मेरा शरीर चाहिए था.

मेने उसे छोड़ने कहा लेकिन वो पीछे ही नहीं हट रहा था. मेने उसे प्यार से बालोमे में हात घुमाते हुए कहा की माँ नाहने गई है कभी भी भहार आ सकती है. शाम को में आउंगी ना घर तब मिलते है.

तब जाके राकेश ने मुझे छोड़ा. वो मेरी आँखोमे देखने लगा. में उसके रूम से निकल ही रही थी के उसने मेरा हात पकड़ के फिरसे अपनी और खींचा और मेरे मुँह को कसकर दोनो हातोंसे पकड़ कर होठोंपे चुम्बन ले लिया. में डर गयी. राकेश मेरे होटोंपे चूमने लगा. उसमे हवस पैदा हो गई थी. होठोंपे चूमते चूमते उसने मेरे बड़े मम्मे दबाना सुरु किया.

अपने छोटे भाई को चूमते हुए मेरा भी शरीर तपने लगा. राकेश जोर जोर से मेरे मम्मे दबा रहा था. एक क्षण के लिए तो मुझे भी मजा आने लगा. मेने भी उसकी पीठ पे हात घूमना सुरु किया. अहह अहह अहाहाअह्ह्ह अहाहा

लेकिन तभी हमें बाथरूम का दरवाजा खुलनेकी आवाज आई और मेने डर के राकेश को दूर कर दिया. में तुरंत राकेश के कमरेसे बहार आ गई. सामने माँ बाथरूम से बहार निकली. मेने जल्दबाजी में अपना खानेका टिफिन बैग में भरा और ऑफिस के लिए निकल गई.

पूरा दिन ऑफिस में सुभह जो हुआ उसी के बारेमे सोच रही थी. किसी तरह आज ऑफिस का काम ख़तम कर घर जल्दी पोह्ची. राकेश घर में ही था. आज कल वो बहार कम और घर ज्यादा रहने लगा था.

में आते ही मुझे देखने के लिए तुरंत हॉल में आ गया. माँ टीवी देख रही थी. हम दोनों की नजर मिली. वो मुझे देखके काफी खुस हुआ. मेने नाहा लिया और काम में लग गयी. मेने देखा में जब घर के काम कर रही थी बार बार आस पास घूम रहा था. फिर कुछ देर बाद जब माँ किचेन में काम करने लगी. राकेश ने मुझे अपने रूम से आवाज दी और कहा दीदी पढाई के बारेमे कुछ पूछना है. इधर आओ ना.

में तब समज गई थी की पढाई के बारे में नहीं, कुछ और ही इसका इरादा है. मेने उसे कहा में अति हु. और कुछ देर बाद में रूम में आई तो राकेश दरवाजे के पास ही खड़ा था. में जैसे अंदर आई उसने दरवाजा बंद किया और मुजसे लिपट गया. राकेश बहोत ही तप गया था. उसका शरीर भट्टी की तरह तपा हुआ था.

वो मुझे फिरसे चूमने लगा. मेरे मम्मो को दबाने लगा. मुझे कसकर पकड़ा और मेरे पीठ पे हात घुमाते समय अचानक उसने मेरे गांड पे अपने दोनो हात लाये और मेरी बड़ी मुलायम गांड को दबाने लगा. अहाहा हहह अहहहहहह आह्हः हहहह…. राकेश का पागल पण मुझे दिखाई देने लगा. वो मेरे शरीर का पूरा फायदा उठाने लगा. आगेसे पिछेसे शरीर पर हात घुमाते समय मेरे चुत पे हात रखा और सलवार के उपरसेही मेरी चुत मसलने लगा.

माँ आ जाएगी अंदर इस डर से में उसे दूर करने लगी पर वो मान ही नहीं रहा था. जितना दूर कर रही थी. उतना कसकर मुझे जकड रहा था. किसी तरह में अपने आपको छुडवाके वहा से बहार निकली. मुझे अब यकीन हो गया की राकेश को अब में ज्यादा दिन तक रोक नहीं पाऊँगी. मुझे जल्द से जल्द कुछ करना पड़ेगा.

और दूसरी बात ये थी के मेरा भी दिमाग राकेश की बातो से भर गया था. जिस तरह उसने मेरे मम्मे दबाये, मेरी गांड दबाई और फिर चुत को मसला. मुझे भी अब राकेश का लंड चुसनेकी तीव्र इच्छा होने लगी थी. आग अब दोनों तरफ लगी थी. मुझे सिर्फ इस बात का डर था की माँ को ना ये पता चले.

उसी शाम को खाना खाते समय माँ ने मुझे बताय की वो इस शनिवार और रविवार बहार जाने वाली है. उसकी सहेलिया भगवान के दर्शन के लिए यात्रा पे जा रही है. तो वो भी उनके सात जाना चाहती है. वो बात सुनके मुझे बहोत खुसी हुई. माँ जानेके बाद घर में सिर्फ में और राकेश होंगे.

मेने माँ की पूरी बात सुनी और उस रात को राकेश को मेसेज करके बता दिया की माँ शनिवार और रविवार को बहार जाने वाली है. तो दो दिन शांत रहना. कुछ भी ऐसी हरकत नहीं करना जिससे माँ को खबर पड़ जाये.

उसने मेरी बात मान लिए. अब हम किसी तरह एक दूसरे से दूर रहने की कोशिर कर रहे थे. दोनों को भी रहा नहीं जा रहा था. बिच बिच में मौका देख राकेश कभी मेरा स्तन दबा देता था. तो कभी मेरी गांड पे हात लगाके आनंद लेता था. उसकी मस्ती इतना बतानेके बावजूद रुकी नहीं.

आखिरकार शनिवार आ गया. शाम की बस से माँ निकल गयी. में माँ को छोड़कर घर आई. राकेश घर में ही था. हमने खाना खाया. दोनों को भूक नहीं लगी थी. क्यूंकि दोनों भी अभी पुरे तप गए थे. कब रूम में जा रहे है ऐसे हो रहा था. मेने सारे काम निपटा लिए. और करीब ११ बजे में धीरेसे राकेश के कमरे में आई. जैसे कमरेमे आई राकेश ने तुरंत दरवाजा बंद किया और मुझे जकड लिया अपनी बाहोंमे.

में पहलेसेही बहोत गरम हो चुकी थी. जैसे राकेश के हातोंका स्पर्श मेरे बदन पर होने लगा. में उत्तेजित हो उठी. राकेश मेरे मम्मे जोर जोर से दबाने लगा. मेरी पीठ पे हात घुमाने लगा. होठोंपे पागलोंकी तरह चुम्बन ले रहा था. कुछ समज नहीं आ रहा था की क्या हो रहा है शरीर में.

शरीर की भूक बढ़ रही थी. अहहह हहह अहह अहःअहः हहहह अहहहहह हहहहह हहहह ह…

दोनों ने कसकर एक दूसरे के होठोंपे चुम्बन लिया. फिर राकेश मेरे गर्दन पर चुम्बन लेने लगा. और कंधे पे चूमने गया तो मेरा ड्रेस उसने जोर से खींचा और वो फटने लगा. राकेश को देखक़र मह्सुश हुआ की वो अभी जानवर बन गया है.

में भूल ही गई की में अपने छोटे भाई को ये सब करने दे रही हु. राकेश गर्दन से निचे आया और मेरा कुरता बिचसे पकड़कर फाड़ने लगा. अहहहहह अहहहहहह.. राकेश ने दोनों हातोंसे मेरा कुर्ता आगेसे फाड् दिया. मेरा गुलाबी रंग का ब्रा दिकने लगा. फिर उसने ब्रा के ऊपर से मम्मो को चुंबन लेते हुए. ब्रा को भी दोनों हातोंसे पकड़ा और खिचके ब्रा के दो टुकड़े कर दिए.

ब्रा फटते ही मेरे पहलेसे फटे हुए कुरते से मेरे आम जैसे मम्मे बहार उछल पड़े. राकेश मेरे गोरे गोरे बड़े मम्मे देख पागल सा हो गया और दोनों हातोंसे मेरे मम्मे दबाने लगा. चूचियों को मुँह में लेके चूसने लगा. दातोंसे चूचिया पकड़ क़र खींचने लगा. अहहह हहह हाहाहा हहहह अहहहहहह.. उफ्फ्फ्फफ्फ्फ़ अहहहह अहहहहहहहह…

राकेश इतने जोर जोर से मेरे मम्मे दबा रहा था जैसे उसे फिर कभी मिलने नहीं वाले है. कुछ देर मम्मे चूसने के बाद राकेश ने मेरा कुर्ता पूरा फाड़ दिया. और निकाल के जमीन पर फेक दिया. मेरा फटा हुआ ब्रा भी निकल गया. मेने भी उसकी टीशर्ट उतार दी.

फिर राकेश एक नजर मुझे सामने खड़े रहकर हवस भरी नजरोसे देखने लगा. मेरे मम्मे दबा दबा के देख रहा था. फिर उसने मुझे पलट क़र खड़ा किया और मेरी गोरी नंगी पीठ पे प्यार से हात घुमाने लगा.

मेरी गांड पे उसने हात लगाया और गांड को दोनों हातोंसे दबाने लगा. चुत पे हात ऊपर से रगड़ने लगा. फिर धीरेसे उसने मेरी सलवार निचे उतरना सुरु किया. अहहह हहहहहहह…… मेरी गुलाबी निकर दिखने लगी. अहहहहहह

राकेश ने मेरी सलवार पूरी निकाल दी और में अब सिर्फ निकर पे अपने छोटे भाई के सामने खड़ी थी. मुझे देखते हुए उसने अपनी पैंट उतारी. और मुझे ललचानेकेलिए अपने अंडरवेर पर हात घुमाने लगा. उसकी अंडरवेर पर जब मेने नजर डाली, तो दिख रहा था की उसका लंड अंदर तन गया है. ऐसे लग रहा था की अंडरवेर में केला रखा है. मेरी सास फूलने लगी. डर लगने लगा की अब क्या होगा.

तभी राकेश ने मुझे अपने सामने निचे बिठा दिया. में घुटनो के बल निचे बैठी थी. राकेस ने मरे मुँह के सामने अपना लंड लाया. मेने धीरेसे उसकी अंडरवेर को दोनो हातोंसे पकड़ा. और डरते हुए निचे खींचने लगी. लंड अंडरवेर में अटक रहा था. मेने जोर से अंडरवेर निचे खींची तो राकेश का लंड उछल क़र बहार आया और मेरे मुँह के सामने हिलने लगा.

अह्ह्ह्हह्ह्ह्ह.. काफी बड़ा था लंड. उसकी लम्बाई देख में चौक गई. इतनी कम उम्र में इतना बड़ा लंड. मुझसे रहा नहीं गया. मेने तुरंत अपने हातोंसे लंड को पकड़ा और सीधा लंड की नोक को अपने मुँह में ले लिए. अहाः यह ः उमूममउम्मु ….. लंड काफी लचीला था. मेने लंड के ऊपर जीभ घिसना सुरु किया. जीभ से लंड को चाटने लगी. मुठीमे लंड को कसकर पकड़ा और आगे पीछे हिलाने लगी. अहहह हहहहहहहह……

राकेश को भी बहोत मजा आने लगा. वो भी मुँह से आवाज निकालने लगा. अहह अहह अह्हह्हह हहहहहहहहह.. मेने दोनों हातोंसे लंड को जकड़ा और जोर जोर से हिलाने लगी. लंड के गुलाबी भाग को चाटने लगी. अहहह अह्हह्ह्ह.. काफी मजा आने लगा लंड को चाटते हुए. अहममम मममम. अमम उमूमूममउ ….. फिर लंड को जितना हो सके उतना मुँह के अंदर लिया और कुछ देर अंदर ही पकड़ के रखा. अहहह हहाह हहह अहहहहहह….

लंड को अच्छीतरह चुसके फिर राकेश की गोटिया मेने हात में पकड़ली और फिर निचे लटकी गोटियोंको चाटने लगी. लंड को मुठीमे धर ऊपर उठाया और में गोटिया चाटने लगी. अहहहहहहह.. दोनों गोटिया मुँह में लेके चाट रही थी.

काफी देर गोटियों के साथ खेला फिर में खड़ी हो गयी. राकेश ने मुझे तुरंत अपने बेड पे सुलाया और मेरे ऊपर आकर सो गया. मेरे होठोंसे उसने मुझे चूमना सुरु किया और निचे निचे जाने लगा. फिर मेरी चूचिया दबा दबाके चूसने लगा. मम्मे दबाने लगा. पुरे मम्मे चाट लिए और नाभि पे अपनी निभ घुमाने लगा. अहहह हां ः हहहह हहाह ाःहाहा.. बहोत ही मजा आने लगा.

फिर मेरी कमर से होकर मेरी जांघ पे आ पहोचा और जांघ चाटने लगा. मेरी चुत अभी कुछ ही दुरी पे थी. राकेश ने फिर मेरी निकर पकड़ी और निचे खींच दी. पूरी निकर निकल के मुझे नंगा क़र दिया.

अहहहहह अहःअहःअहःअहः.. मुझे बहोत ही शर्म आने लगी. में बेड पे अपने छोटे भाई के सामने नंगी सोइ हुई थी. और वो मेरी चुत को ताड रहा था. फिर उसने मेरे पैर फैलाये और मेरी चुत चाटने लगा. अहःअहः हहहहहह अहहहहहहह….

उम्मम्मम्म ममममम ….. ुआममम फुफ्फफ्फ्फ्फ़ .. उइमा अहहहहहहह हहहह…

इसका मुझे इंतजार था. में बेड पे मछली की तरह तड़पने लगी. अहःअहः हहहह. राकेश ने मेरे चुत में अपनी जीभ अंदर तक घुसेड़ी और चाटने लगा. चुत का पानी पिने लगा. जीभ को चुत के निचेसे रगड़कर ऊपर ले आया और चुत का दाना चूसने लगा. अहहहहह ः हहहहहहहह हहहह अहःअहः.. राकेशहहह अहहहहह हहहहह हहहह

बहोर देर राकेश ने मेरी चुत को चूसा फिर उसने मेरे चुत में अपना लंड डाल दिया. लंड को अंदर तक घुसेड़ क़र मेरे ऊपर सो गया और मेरे पेर ऊपर फैलाके मुझे चोदने लगा. अहहह अह्ह्ह्ह हां अहहहहहहह अहहह अह्हह्ह्ह.. राकेश का लम्बा लंड पूरा अंदर तक जा रहा था. अहहह आह्हः हां हहाह अह्हह्ह्ह्ह.. जोर जोर से धक्के देतेहुए मुझे चोदने लगा. ऊपर मेरे मम्मे चूस रहा था. आह्हः हहहहहह हहहहह

काफी देर चोदने के बाद उसने मुझे अपने ऊपर ले लिया. और मुझे अपने लंड पे बिठा दिया. अब में राकेश के लंड पे बैठी थी और उपर निचे कूदने लगी.अहहहहहह अहहहह … मेरे मम्मे उपर निचे होने लगे. अहहह हहहहह… अहःअहः. जोर जोर से लंड के उपर अपनी चुत को मारते हुए में राकेश की तरफ देख रही थी. राकेश आनंद ले रहा था.

बहोत देर बाद फिर राकेश ने मुझे घोड़ी बनाया और पीछे से गांड पे फटके मारने लगा. गांड को चाटने लगा. मुँह गांड में डालके घिसने लगा. मेरी मोठी लचीली गांड उसे बहोत ही भा गई थी. काफी देर मेरी गांड के साथ राकेश ने खेला. फिर लंड को गांड की दरार में ऊपर से निचे घिसने लगा.

लंड को घिसते घिसते उसने निचे चुत में लंड को धीरेसे सरकाया और पूरा अंदर डाल दिया. अहःअहः हहाह अहहहहह…

फिर जोर जोर से लंड को चुत में डालके चोदने लगा. अह्ह्ह्ह अहहहहहहहहा.. मेरी कमर को दोनो हातोंसे जकड के रखा था. और जो उसने जोर से चोदना सुरु किया वो रुका ही नहीं. अहहह हहहहहहहहहहह… गांड पे चपेट मारते हुए मुझे चोद रहा था..अहहहहहहह.

दोनों भी चिल्ला रहे थे. अहहह ाहः अहहहहहह हाहाहाहा हहहहहह.. कुछ देर बाद राकेश ने अपनी गति बधाई और मुझे जोर जोर से चोदने लगा. लंड को पूरा अंदर तक चुत में डाल रहा था…. अहहहहह हहहहह

चोदते चोदते जब पानी निकालने वाला था. राकेश ने तुरंत अपना लंड बहार खींचा और मुझे सीधा बिठाके मेरे मुँह पे पानी उड़ा दिया…. सारा पानी मेरे मुँह में चला गया. खुश गर्दन पे और मेरे मम्मो पे फ़ैल गया.

फिर एक बार लंड को मेरे मुँह में डाल के मुजसे चुसवाया और फिर वो मेरे बगल में सो गया. बहोत ही थका हुआ था. आज में मेरे छोटे भाई के साथ सो गयी. दोनों नंगे एक दूसरे को कसकर गले लगा के सो गए.

उस दिन बाद से राकेश मुझे जब मौका मिलता था चोदता था. उससे बातो बातोंमे मेने उसकी मुस्लिम गर्लफ्रेंड के बारेमे पूछा तो उसने बताय की उसने उसे अब छोड दिया है.

इसलिए वो अभी मुझसे ही अपने शरीर की भूक मिटाता है.

में वो सुनके बहोत ही कुछ हो गयी. आखिरकार राकेश के दिमाग से मुस्लिम लड़की से शादी करने का भूत उतर ही गया.

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