मेरा नाम अनिरुद्ध है. में बिहार से हु लेकिन अभी मुंबई में एक दुकान में काम करता हु. दुकान एक औरत का है. दुकान में वडापाव, भाजी पाव और कई और चीजे बेचीं जाती है. रस्ते के कोनेमे दुकान है. दुकान के आस पास सारि ऑफिस की बिल्डिंग हे. जिस वजसे दुपहर को और शाम को बहोत भीड़ होती है.
में धीरे धीरे काम सिख रहा था. मुझे दुकान की मालकिन जिसका नाम राची है वो मुझे काम सीखा रही थी. राची दीदी के बारे में बताऊ तो वो शरीर से गोल मटोल है. गोरी है और खुसमिजास विचारोंकी है. जिस वजसे काम करते समय कोई परशानी नहीं होती. गोलमटोल होने की वजसे उसका शरीर काफी आकर्षक है. खासकर उसके बड़े बड़े मम्मे तो हिलते ही रहते है. एक एक बॉल इतना बड़ा है की मेरे दोनों हातोंसे पकड़ने पड़ेंगे. अगर गांड की बात करू तो गांड भी काफी बड़ी और लचीली है. जब भी वो मेरे सामने गांड दिखाके झुकके खड़ी रहती है मेरा तो लंड ही खड़ा हो जाता है.
एक दिन ऐसेही में बैठे आलू छील रहा था तभी राची दीदी सामने बैठे आटा गूंद रही थी. तभी मेरी नजर राची दीदी के मम्मो पे गयी. उसके बड़े मम्मी मुझे ऊपर से दिख रहे थे. उसका कुरता गलेसे निचे हो गया था. जिस वजसे उसके मम्मो की बिच की दरार दिखने लगी. वो जितना झुक रही थी. उतना अंदर तक दिखाई दे रहा था. राची दीदी को पता नहीं चलने दिया के में देख रहा हु. उन बड़े मम्मो को देख मेरे मुँह में तो पानी आगया. लंड खड़ा हो गया. आलू छीलते छीलते में लंड को मसलने लगा.
में राची दीदी के तरफ देखने में इतना मग्न हो गया की मुझे पता ही नहीं चला की कब राची दीदी ने मेरी तरफ देखा. उसने मुझे अपने मम्मो की तरफ देखते हुए देखा और तब मेरा हात मेरे लंड पे था. वो तुरंत पीछे हुई और अपना कुर्ता ऊपर कर अपने मम्मे ढक दिए.
मेने डर के मारे तुरंत गर्दन निचे कर दी और काम पे लग गया. अब राची दीदी को पता चल गया था की में उनके शरीर को देखता रहता हु. तो वो बहोत ही संभल के रहती थी. लेकिन में अब कहा शांत बैठने वाला था.
ऐसेही एक दिन दुपरको कस्टमर नहीं थे. में सामने टेबल पर बैठा था. और राची दीदी खुर्ची पे बैठी थी. मोबाइल देख रही थी. में भी अपने मोबइल में देखते हुए अपना लंड बिच बीचमे खुजा रहा था. राची दीद ने नजर चुराके देख लिया मुझे लंड पे हात लगाते समय लेकिन कुछ बोली नहीं.
उसके बाद एक दिन ज्यादा कस्टमर थे तो जल्द बाजिमे काम करते करते मेने अपनी कोहनी पास में खड़ी राची दीदी के मम्मो पे घसेटी. उसको पता चला पर कुछ कहा नहीं. में जान बूझकर अपना हात कभी उसके शरीर पे रगड़ता तो कभी कोहनी को उसके किसी न किसी शरीर के अंग पे लगता.
ऐसेही एक दिन मेने पिछेसे जाते समय अपना हात राची दीदी के गांड पे रगड़ा. राची दीदी कुछ नहीं बोली. मुझे थोड़ा यकीन हो गया की राची दीदी को भी मजा आ रहा है.
शामको करीब ८ बजे कस्टमर आते जा रहे थे. अँधेरा भी हो चूका था. दीदी कस्टमर को खाना दे रही थी. में वही निचे टेबल पर बैठ सब्जी छील रहा था. सामनेसे मुझे कोई देख नहीं सकता था. तभी मेरी नजर राची दीदी के बड़ी बड़ी जांग पे गयी. राची दीदी ने पैजामा पहना था जो उसके पैर पे कसकर बैठा था.
वो कस्टमर को संभाल रही थी. लेकिन मेरे आंखोके सामने होनेकी वजसे मेरा जी ललचाने लगा. अचानक मुझसे रहा नहीं गया और मेने अपना हात राची दीदी के जांग पे लगाया. राची दीदी ने एक नजर निचे झुकाके मुझे देखा लेकिन कुछ कहा नहीं. मेने अपना हात धीर धीरे राची दीदी के पैजामे के ऊपर निचे घिसना सुरु किया. में उसकी जांघ की कोमलता को महसुन कर रहा था. धीरे धीरे मेरा हात उसकी चुत की तरफ बढ़ने लगा.
मेरे हातोंके स्पर्श की वजसे राची दीदी एक जगह खड़ी रह नहीं पा रही थी. इसलिए वो बार बार आगेपीछे दाये बाये घूम रही थी. में रुका नहीं. जैसेही वो मेरे पास आती में उनके जांग पे हात रख चुत की तरफ जाने लगा. कुछ देर में मेरा हात राची दीदी के चुत पे लग गया. अहहहहहहहहहहह.. राची दीदी की चुत काफी गरम लग रही थी.
मेरा हात चुत पे लगते ही राची दीदी ने दुकान के अंदर की लाइट बंद कर दी. ताकि में निचे बैठा किसीको दिखू नहीं. अब दुकान के अंदर अँधेरा हो गया था. सिर्फ बहार रस्ते की लाइट का उजाला आ रहा था. एक दो कस्टमर बिच बिच में आते जा रहे थे. राची दीदी उनको संभाल रही थी और मेने यहाँ पे राची दीदी की चुत को मसलना सुरु किया.
अहहह अहह अह्हह्ह्ह हहहह.. बहोत बड़ी चुत लग रही थी. अहहह. में जोर जोर से उंगलिया चुत पे दबाकर आनंद ले रहा था. फिर दूसरा हात राची दीदी के गांड पे रखा और गांड दबाते हुए चुत को मसलने लगा. दोनों तरफसे दबानेमे बहोत मजा आ रहा था. गांड की दरार इतनी बड़ी लग रही थी के मेरा पूरा हात अंदर चला जाये.
कुछ देर बाद मेने राची दीदी के पैजामे का नाडा खोल दिया. नाडा खोलते ही पैजामा निचे आने लगा. मेने दोनो हातोंसे पैजामा निचे खींचा और राची दीदी के पैरोंसे निकाल के बाजुमें रख दिया. अब राची दीदी की जांग मेरे सामने दिखने लगी. मेने उनके पैरोंपर उपरसे निचे हात घूमना सुरु किया. राची दीदी के निकर पे हात घूमने लगा. कुरता बड़ा था निचे तक आ रहा था. तो कुर्ते के निचेसे हात अंदर लिया और चुत को निकर के ऊपर से घिसने लगा. अहहह हहहहहह… गांड को भी निकर के ऊपर से दबा रहा था. अहहह अहहहहहहहहह.. गांड की कोमलता मुझे बहोत ज्यादा भा गई.
फिर कुछ देर बाद मेने राची दीदी की निकर निचे उतार दी. जैसे निकर निकली, राची दीदी काफी उत्तेजित हो गयी. मेने चुत पे हात लगाया और चुत को घिसने लगा तो राची दीदी ने खुद मेरा हात पकड़ कर कहा की ऊपर निचे घिस. अब राची दीदी काफी सहयोग करने लगी. मेने राची दीदी के चुत में ऊँगली डाली तो पता चला की चुत पानी से भर गयी थी. चिप चिपा पानी निकल रहा था. मेने राची दीदी के चुत को जोर जोर से मसलना सुरु किया. हहहहहह अहहहहहहहहहह.. चुत को हात लागतेहि मेरा लंड उछलने लगा.
सामने कस्टमर आते जा रहे थे. राची दीदी उन्हें संभाल रही थी. और में राची दीदी की चुत को संभाल रहा था. अहहह हहहह अहह अहःअहः. बहोत ही मजा आने लगा.
कुछ देर बाद मेने अपना लंड पैंट से बहार निकाल दिया. तना हुआ लंड पैंट में बहोत परेशान कर रहा था. लंड को बहार निकालके, में राची दीदी के चुत में ऊँगली दाल उसे गिला कर रहा था. और चुत के पानी को उंगलिओपे लेके अपने लंड पे लगा रहा था.
लंड को में राची दीदी के चुत के पानी से गिला करने लगा. अहहह हहहहहहहह… राची दीदे ने मुझे ऐसे करते देखा. मेरा खड़ा लंड देख उसे भी रहा नहीं गया और अचानक से कस्टमर जातेहि, वो निचे बैठी और मेरा लंड मुँह में लेके चूसने लगी. अहहह हहहहहहहहहहह ….
राची दीदी ने मुँह में लंड लेते ही में पागल सा हो गया. वो लंड पूरा मुँह में लेके अंदर बहार करने लगी और मूठीमे जकड कर ऊपर निचे हिलाने लगी. अहहह हाहाःहाह आह्हः हहहह अहहहहह…. वो बहोत ही जल्दबाजिमे लंड हिला रही थी और चूस रही थी. फिर वापस खड़ी होकर कसटमर को संभाल रही थी.
२ से तीन बार दीदी ने ऐसेही मेरा लंड चूसा. फिर हम दोनों से भी अभी रहा नहीं गया. करीब ९ बज गए थे. आसपास के सारे ऑफिस बंद हो गए थे. रास्ता भी शांत हो गया था. सामनेकी दुकाने भी बंद हो गयी थी.
राची दीदी ने मुझे कहा की दुकान बंद कर लेते हे. में वो सुन बहोत कुछ हो गया. दीदी ने दुकान की लाइट लगाई. मन में ख्याल आया आज राची दीदी को जी भर के चोदूंगा.. मेने तुरंत अपने लंड को पैंट में डाला. और दुकान के बहार जाकर शटर निचे खींच लिया. चीजे बिखरी हुई थी उन्हें कोनेमे कर दिया. दीदी ने भी अपनी चीजे समेट ली.
दुकान बंद करके में अंदर आया. दीदी ग़ल्ले के पैसे संभाल कर रख रही थी. मुझसे रहा नहीं गया तो मेने दीदी को पिछसे कसकर पकड़ लिया. अह्ह्ह्ह हहहहह. दीदी की गांड पे मेरा कड़क लंड घिसने लगा. दीदी के मम्मे दबाने लगा. अहहहह अहहह अह्हह्ह्ह्ह हहहहहह. बहोत मजा आने लगा.
दीदी भी मेरी हरकतोसे गरम होने लगी. उसने हातोंसे चीजे निचे रख दी और मेरी तरफ घूमी और मुझे होठोंपे चूमने लगी. मेरे मुँह को कसकर पकड़के मेरे होठोंपे अपने होठ घिस रही थी. अहहह अहहहहह हहहहह अह्हह्ह्ह्ह.. दोनों भी बहोत ही उत्तेजित हो उठे. में उसके मम्मे दबाने लगा. उसकी चुत पे हात घिसने लगा. दीदी को गले लगाकर पीठ पे हात घुमारहा था. गांड दबाने लगा.
अहहह हाहा हहहहह हहहहह… दीदी का पूरा शरीर चूमने लायक था. मेने तुरंत दीदी का कुर्ता ऊपर उठाके निकाल दिया. दीदी अब सिर्फ ब्रा पहने खड़ी थी. दीदी के मम्मे इतने बड़े थे की बड़ी मुश्किल से ब्रा में समां रहे थे. मेने तुरंत अपना मुँह दीदी के मम्मो के बिच रखा और अपने मुँह को दीदी के मम्मो पे घिसने लगा. अहहह हहहहहहहहहहह. दोनों हातोंसे मम्मे दबा रहा था. दीदी ने भी मेरी टीशर्ट उतार दी और मेरे पीठ पे अपना हात घुमाने लगी.
अहहह अहहहहहहहहह हहहह.. दीदी का एक एक बॉल इतना बड़ा था की दोनों हातोंसे में पकड़के दबा रहा था. फिर दीदी ने खुद ब्रा निकाल दी और उसके मम्मे बहार आये… अहहहहहह अहहहहहह.. काफी बड़े और प्यारे थे दीदी के मम्मे. मेने चूचियोंको मुँह में लिया और चूसना सुरु किया. दीदी की चूचिया काफी बड़ी थी. में दोनों मम्मो को दबा दबा कर चूस रहा था. अहहह हहहहहहहह.. दोनों चूचियों को प्यारसे चूस लिया.
फिर मेने अपनी पैंट निचे निकाल दी और दीदी को सामने खुर्ची पर बिठाके उसके मुँह में लंड दे दिया. अहाहाःहाहा.. दीदी लंड को चूसने लगी. अहहहह अहहहहहहह. लंड को पूरा मुँह में लेने लगी. मूठीमे कसकर पकड़कर हिलाने लगी. अहहह हहहहहहहह… लंड के गुलाबी फूल को चाटने लगी. अहहहहह …. बहोत ही मज़ा आने लगा. दीदी के मुँह में लंड जातेहुए देख मन को शांति मिल रही थी.
काफी देर दीदी ने लंड को चूसा, फिर मेने दीदी को निचे जमीन पर सुलादिया. दीदी निचे सो गयी. में उसके पेरोकि तरफ बैठा और उसके पैर फैलाकर चुत को चाटने लगा. अहःअहः अहःअहः. चुत काफी गरम हो चुकी थी. भट्टी की तरह तप रही थी. मेने जैसेही अपना मुँह चुत पे रखा दीदी हीसहिसाने लगी. अहहह हाहा हहह स्सश्श्श अहहह इस्सस सीसससस …हहहह हहहहहह….
जीभ चुत में डाल चुत को चाटने लगा. चुत का पानी मुहं में ले रहा था. काफी देर मेने चुत को चाट लिया. दीदी के चुत में ऊँगली डालके चुत को हिला रहा था. काफी मज़ा आया… चुत को चाटने के बाद में पीछे हुआ. लंड को हात में जकड़ा और चुत के ऊपर रख, चुत में धीरेसे घुसा दिया. अहहहहहहहह अहहहहहहहहह. लंड चुत में अंदर जाने लगा. अहहह अहहहहहहहह हाहा.. लंड चुत में फसाकर दीदी के ऊपर सो गया और उसे चूमते हुए में दीद को चोदने लगा. अहःअहः.. लंड को पूरा अंदर डाले राची दीदी को चोदने लगा. बहोत ही मज़ा आ रहा था. जोर जोर से काफी देर तक दीदी को चोदा.
फिर में पीछे हुआ. दीदी को अब घुमाके सुलाया. दीदी की बड़ी गांड सामने आयी. ऐसे लग रहा था की दीदी की गांड खा जाऊ. मेने दोनों हातोंसे दीदी की गांड दबायी और उसे चूमा. गांड की दरार में लंड को डाल घिस रहा था. अहहह अहहहहहहहहह हहहहह. दीदी बहोत ही आनंद ले रही थी.
गांड के साथ कुछ देर खेलकर मेने दीदी को घोड़ी बनाया. दीदी के गांड के निचे चुत का छेद ढूंढा और लंड को चुत में फिर से धकेल कर चोदना सुरु किया. अहहहहहह हाहा हहहहहह. दीदी के चुत में अंदर तक लंड जा रहा था. मेने जोर जोर से दीदी को काफी देर चोदा फिर जब पानी निकाल ने वाला था..
दीदी को पूछा दीदी कहा डालू,, दीदी तुरंत बोली मेरे मुँह में दे देना. मेने तुरंत लंड बहार निकाला. दीदी घूम गयी और मेरा लंड मुँह में लेके चूसने लगी. जैसे दीदी ने मेरा लंड मुँह में लिया, मेरे लंड ने जोर से पानी की पिचकारी मारी और पूरा पानी दीदी के मुँह में उड़ा दिया. अहहह अहहह आह्हः हहह अहहहहहह अहहहह..
दीदी भी लंड के पानी की बहोत प्यासी थी. राची दीदी सारा पानी पि गयी. फिर लंड को जीभ से चाटकर उसे साफ किया. अह्ह्ह्ह. कुछ देर दीदी ऐसेही जमीन पर लेटी रही. में पास के टेबल पे नंगा बैठा रहा. दीदी मेरी तरफ देखकर बोली बहोत मज़ा आया. और बोली हम हर शनिवार को ये करेंगे. में बहोत ही कुछ हुआ. और दीदी को कहा जरूर दीदी.
अब में और राची दीदी पूरा हफ्ता दुकान पे काम करते है और शनिवार की रात को दुकान बंद कर अंदर चुदवाते है.