भाभी की चुत चोदनेका अवसर मिला

दोस्तों मेरा नाम ललित कौशल हैं और मैं हरीदापुर से हूँ। मेरे घर में मैं अपने मम्मी पापा और बड़े भाई और उनकी वाइफ रिचा के साथ रहता हूँ। भैया पहले से ही इंट्रोवार्ट किस्म के हैं और रिचा भाभी अकेला सा महूसस करती थी इसलिए माँ ने मुझे कहा था की देख तेरे भैया हैं न थोड़े शर्मवाले हैं इसलिए भाभी का ध्यान रखना अपनी।

और मैं जब भी घर पर होता था तो अपना ज्यादा से ज्यादा वक्त भाभी के कमरे में ही बिताता था। भाभी के साथ की नजदीकी से मुझे पता चला की भैया ने शादी की रात से ले के अबतक उन्हें चोदा ही नहीं था। रिचा भाभी ने एक दिन मुझे रोते हुए बताया की वो मुझे टच भी नहीं करते हैं और मैं डिवोर्स लेने को सोच रही हूँ।

भाभी के साथ मिला मौका

मैंने भाभी से कहा प्लीज़ ऐसे मत करना वरना हमारी बड़ी बदनामी होगी और आप की भी।

तो भाभी ने कहा, फिर तुम ही बताओ ललित मैं क्या करूँ?

मैं कुछ बोल नहीं पाया और भाभी ने कहा, मैं तो सोचती हूँ की किसी पराये मर्द के साथ सबंध रख लूँ।

नहीं भाभी ऐसा न कहे प्लीज़।

तो फिर तू मेरी जरूरतें पूरी करेगा?

मैंने कहा, मैं समझा नहीं भाभी।

रुक समझाती हूँ, यह कह के भाभी खड़ी हो के मेरे पास आ गई और मेरी पतलून को पकड़ के बोली, चल खोल इसे।

क्या?

हां, कहती हूँ ऐसे कर ना।

मैंने अपनी ज़िप खोल के पतलून नीचे कर दी। भाभी ने मेरी चड्डी में हाथ डाल के जैसे ही मेरे लंड को टच किया मैंने कहा, ये क्या कर रही हो भाभी।

अब तू कुछ मत बोलना ऐसा कह के भाभी ने अपने होंठो पर ऊँगली रख के इशारा भी किया। कुछ ही सेकंड में मेरा लंड भाभी ने निकाल के मेरे सामने रखा। मैंने महसुस किया की आज जितना टाईट हुआ था मेरा लंड उतना लाइफ में पहले कभी नहीं हुआ था। भाभी ने मेरे सामने देख के कहा, काफी बड़ा हैं तुम्हारा।

और फिर वो खड़ी हुई और अपनी नाइटी खोल के नंगी हो गई। भाभी का बदन एकदम सिल्क की तरह चमक रहा था। भाभी की गांड एकदम बड़ी थी और चुंचे भी। भाभी ने शायद आज मेरे साथ सेक्स का इरादा बना लिया था तभी तो नाइटी के अन्दर उन्होंने ब्रा और पेंटी नहीं पहनी थी।

फिर भाभी अपनी चूत मेरे मुहं के सामने ले आई और मुझे सुंघा दिया। भाभी की चूत में से मूत जैसी खारी स्मेल आ रही थी। मैंने अपना हाथ भाभी की गांड पर रख दिया और उसे अपनी तरफ खिंचा।

भाभी हंस के बोली, बड़ा जल्दी समझ गया तू तो!

मैंने भाभी की गांड को दोनों हाथ से पकड के अपनी तरफ ले लिया और चूत की फांक को अपनी जबान से सहला दिया।

आह, देवर जी जरा आराम से करना मेरी मुनिया बहुत दिन से टच नहीं हुई है।

भाभी ने चूत चटवा के चुदवाई

ऐसा कह के भाभी ने मेरे बालों में हाथ फेरा। मैंने भाभी की चूत में जबान घुसा दी और हिलाने लगा। भाभी आह आह कर के मोअन कर रही थी और मैंने जीभ को पूरा अन्दर कर दिया। भाभी की खारी खारी चूत को चाटने का मजा ही कुछ और था। भाभी ने कहा, चूत की चिड़िया को चाट ना।

मैंने कहा वो क्या होता हैं?

भाभी ने कहा, चूत में जो लटकती हुई चमड़ी होती हैं ना उसे चिड़िया कहते हैं देवर जी। जब इसे टच करते हैं तो बड़ा मजा आता हैं औरत को, आप मुझे मजा दोगे ना?

हां भाभी कक्यूँ नहीं।

मैंने भाभी की चूत को खोल के भाभी की चूत को खोला तो अन्दर मुझे सच में लटकती हुई चमड़ी सा दिखा। मैंने उसे जबान से हिलाया तो भाभी कराह उठी और बोली, बस वही पर।

मैंने उसे अपनी दो ऊँगली के बिच में ले के थोडा दबाया और फिर दुसरे छोर से उसे चाटना चालू कर दिया। भाभी अपनी गांड को हिला रही थी और अपनी इस चूत की चिड़िया को मेरे होंठो पर घिस रही थी। आह आह कर रहे थे हम दोनों ही।

भाभी ने अब कहा, चलो अब मुझ से नहीं रहा जा रहा हैं, डाल दो अन्दर अपने औज़ार को।

भाभी ने मेरा शर्ट भी उतार दिया और वो अपनी जांघे खोल के बेड में पड़ गई। मैंने भाभी की चूत पर लंड को रख दिया और एक ही झटके में लंड अन्दर डालना चाहा।

लेकिन भाभी की मुनिया एकदम ही टाईट थी और लंड वही का वही धरा रह गया। और इस झटके से भाभी को बहुत दर्द भी हुआ। उसने मुझे कमर से पकड के कहा, आह प्लीज़ इतना बेदर्दी न बड़ो देवर जी मेरी मुनिया नाजुक हैं।

फिर वो बोली, पहले इसे ऐसे ही घिसो तो अन्दर से चिकना पानी निकलेगा फिर डालना अन्दर।

भाभी के कहने के मुताबिक़ मैंने अपने लोडे को एक हाथ से पकड़ा और उसकी चूत पर घिसा। भाभी ने कहा, हा ऐसे ही।

और जैसे भाभी ने कहा था वैसे कुछ देर में अन्दर से पानी निकला और वो हिस्सा चिकना होता गया। भाभी ने एक मिनिट के दाब सामने से कहा, अब अन्दर डालो अपना लंड।

मैंने भाभी की गांड को दोनों तरफ से पकड़ के लंड अन्दर डाला, भाभी ने फिर से मोअन किया और बोली, पूरा डालो अन्दर।

भाभी की चूत में मेरा लंड पूरा फिट हो गया और उसने मुझे अपनी आलिंगन में ले लिया। मेरे कंधे के ऊपर वो किस दे रही थी जिस से मुझे बहुत उत्तेजना हो रही थी।

भाभी ने अब मेरी गांड को पकड़ के अपनी तरफ खिंचा और फिर मैंने जोर जोर के धक्के चालू कर दिए। मैं पहली बार किसी की चूत को पेल रहा था और सच में यह अनुभव एकदम ही हॉट था।

भाभी की चूत ऐसे ही मिशनरी पोजीशन में मैंने २-३ मिनिट और चोदा था और मेरा पानी निकल गया। भाभी ने अपनी चूत की पंखडियो को मेरे लंड पर दबा के सब पानी अन्दर ले लिया। आह क्या मजा था भाभी की चूत पेलने का।

उस दिन के बाद मैं और भाभी बहुत क्लोज हो गए हैं, अब तो भाभी भैया के सामने भी मुझसे चुद्वाती है। और मुझे पता चल गया है की भैया भाभी को क्यूँ नहीं चोदते हैं।

भैया ने भाभी को कह दिया हैं की मैं एक समलिंगी हूँ और तू मेरे भाई से चुदवा के ही बच्चे पैदा कर ले। तो दोस्तों यह थी मेरी और मेरी सगी भाभी की चुदाई की पहली कहानी। आप को पसंद आई की नहीं?

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