दुबे ने मम्मी को घोड़ी बनाकर चोदा

मेरी मम्मी का नाम हैं दीपिका और मेरी मम्मी बहुत ही चुदासी औरत है, वो अक्सर पराये मर्दों को घर पर ले आती हैं. पापा ऑफिस में होते हैं और मम्मी इन मर्दों के साथ सेक्स करती हैं. आप पूछेंगे की भला मुझे यह सब कैसे पता? तो भाई मैंने देखा हैं कितनी बार मम्मी को चुदवाते हुए दुसरे मर्दों से.

आइये आप को एक सच्ची बात बताऊँ जब हमारे एस्टेट एजंट उमाशंकर दुबे ने मम्मी को चोदा था. उसने मम्मी को दिन दहाड़े ऊपर के कमरे में चोदा था वो भी लंड चूसा के. उस दिन मैं घर पर ही था. दुबे किसी जमीन के सिलसिले में बात करने के लिए आये थे.

मम्मी पापा का जमीन ले बेच का काम देखती हैं. दुबे जी आये तो माँ ने जानबूझ के अपने पल्लू को थोड़ा निचे कर दिया ताकि वो उसके बूब्स को देख सकें. मैं न्यूज़पेपर पढ़ते हुए माँ के नखरो को देख रहा था. अब मुझे यह सब की आदत हो गई थी. वो माँ का चाय देते वक्त निचे झुक के अपनी चुन्चियों को दुसरे मर्दों को दिखाना अब आम था मेरे लिए.

और फिर जब माँ चलती थी पराये मर्दों के सामने तो उसकी गांड में ज्यादा ही मटक होती थी. एक कुल्हा जैसे दिल्ली में होता था और दूसरा राजस्थान के जयपुर में. दुबे जी ने लंड खुजलाते हुए कहा, भाभी जी यह जमीन सत प्रतिशत फायदे का सौदा हैं. रोड टच हैं और आप के लिए मैं खुद ही दुगुने मुनाफे का ग्राहक ले आऊंगा कुछ दिनों में.

माँ ने पूछा, चाय लेंगे?

दुबे जी ने कहा, जी भाभी जी पिला दें.

माँ अपनी गांड को हिलाते हुए किचन में गई. मैंने देखा की हरामी दुबे माँ की गांड को ही देख रहा था. कुछ देर बाद माँ ने वही अपनी स्टाइल में झुक के चाय दी दुबे को. दुबे की आँखे चौंधिया गई जब उसने माँ के बूब्स को आधे बहार आते हुए देखा. वो जैसे दो कबूतर थे जो पिंजरे से बहार आने के लिए फडफडा रहे थे.

माँ ने दुबे के साथ चाय पीते हुए बातें की और दुबे बार बार माँ की जांघो को और उसके बूब्स को ही देख रहा था. माँ बार बार मेरी और देख रही थी. मैं समझ गया की मेरी हाजरी की वजह से इनका चांस नहीं हो रहा हैं. मैंने न्यूजपेपर रखा और कहा, माँ मैं दीपक के घर जा रहा हूँ, आधे घंटे में आऊंगा.

माँ ने कहा ठीक हैं. मैंने दरवाजा खोला लेकिन गया नहीं. वही निचे बैठ के मैंने अन्दर देखा तो अब दुबे उठ के माँ के पास आ चूका था. माँ ने उसकी पेंट के ऊपर से ही उसके लंड को पकड़ा और कुछ कहा उसे. मैं दूर था इसलिए सुन नहीं पाया. लेकिन वो शायद मेरी ही बात कर रहे थे. ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.

दुबे ने इशारा किया, वो शायद माँ को बेडरूम में चलने के लिए कह रहा था. माँ ने उठ के ऊपर की और राह पकड़ी. मैंने देखा की दुबे ने मेरी माँ की गांड पर ही हाथ रखा हुआ था. वो माँ की गांड को ऊँगली से सहला रहा था जब वो दोनों ऊपर चल पड़े. मैं दरवाजे को खोलने के लिए अपनी जेब से चाबी निकाली. और दबे पाँव मैं घर में घुस गया.

मैं जब अन्दर आया तो माँ के बेडरूम का दरवाजा बंध हो चूका था. मैंने दबे पाँव ऊपर का रस्ता नापा और की होल से अन्दर झाँकने लगा. दुबे का हरामीपन चालू हो चूका था. उसका पतला लेकिन लम्बा लंड बहार आ चूका था जो अभी मेरी माँ के हाथ में था. और वो दोनों जो बातें कर रहे थे वो भी मैं सुन सकता था.

माँ: क्या बात हैं दुबे जी आजकल आप बहुत दिनों के बाद आते हैं.

दुबे: अब आप के बेटे की छुट्टियाँ हैं इसलिए थोडा प्रोब्लम होंगा न.

माँ: आप आ जाओ मुझे खुश करने के लिए, बेटे को मैं भगा दूंगी. आखिर २ साल का रिश्ता हैं हमारा.

दुबे की आँखों में चमक आ गई. माँ ने उसका लंड छोड़ा और अपना ब्लाउज खोलने लगी. माँ के बड़े बूब्स को देख के दुबे ने भी अपनी शर्ट को खोल दिया. वो पूरा नंगा हो गया और माँ भी बेशर्म की तरह इस पराये मर्द के सामने नंगी हो गई. और फिर वो वही पर पलंग के ऊपर घोड़ी बन के लेट गई.

दुबे अपना कमीज़ टटोलने लगा. उसने उसके ऊपर के जेब से कंडोम का पेकेट निकाला और उसे खोल के अपने लंड को उसमे समा लिया. दुबे जी ने अब माँ की गांड को खोला और चूत के ऊपर अपना थूंक निकाल दिया. माँ ने हाथ पीछे किया और उस थूंक को अपनी चूत के ऊपर सही तरह से लपेट दिया. साली गन्दी कही की! दुबे ने अब लंड माँ की चूत में रखा और एक ऐसे झटके से उसे चोदा की पूरा लौड़ा एक ही सेकंड में अन्दर चला गया.

मैं यह देख के सन्न रह गया की क्या रंडी हैं मेरी माँ. फिर दुबे ने अपना हाथ आगे किया और माँ के बूब्स को दबाने लगा. और पीछे से वो जोर जोर के झटके लगा के माँ को चोदता गया. माँ भी कम सपोर्ट नहीं कर रही थी उसे. वो भी अपनी गांड को उठा उठा के अपनी चूत मरवा रही थी. माँ दुबे जी आप का पतला हैं लेकिन हैं एकदम बढ़िया लम्बाई वाला.

दुबे: हां भाभी जी और आप के जैसी चुत हम आजतक नहीं चोदे हैं.

माँ: चोदो फिर इसे जोर जोर से और अपने लंड का पानी पिला दो मुझे.

और जैसा माँ ने कहा ऐसा ही हुआ. दुबे जी ने १४-१५ मिनट तक माँ को चोदा और फिर लंड का पानी निकलने को आया तो उसे निकाल लिया चूत से. फिर वो अपना लौड़ा माँ के मुहं के पास ले आया और हिलाने लगा. माँ ने मुहं खोला और जब वीर्य की धार निकली तो सब का सब पी गई. फिर लंड को अपनी जबान से साफ़ कर के माँ खड़ी हुई. वो दोनों कपडे पहन रहे थे और मैं उलटे पाँव वहाँ से निकल पड़ा. कुछ मिनट बाद मैं वापस आया तो माँ नहा रही थी. दुबे के लंड के कीटाणु शायद वो अपनी चूत से साफ़ कर रही थी.

Loading

0
0

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

The maximum upload file size: 64 MB. You can upload: image, audio, video, document, spreadsheet, interactive, text, archive, code, other. Links to YouTube, Facebook, Twitter and other services inserted in the comment text will be automatically embedded. Drop file here