पति के सामने गैर मर्द चोद रहा था

मेरे पति की इच्छा थी कि मैं उनके सामने किसी गैर मर्द से चुदवाऊं, तो मैंने उनकी यह इच्छा पूरी करने का फैसला किया। एक दिन मेरी मुलाकात मेरे पुराने दोस्त सुनील से हुई। वह भी एक शादी-शुदा है। काफी दिनों के बाद मिलने पर भी उसने मुझे एक-दम देखते ही पहचान लिया और मुझसे कहने लगा कैसी हो।

मैंने कहा: मैं तो ठीक हूं, मगर इतने दिनों बाद। आप कहां थे?

तो वह बोला: मैं विदेश चला गया था नौकरी के वास्ते।

मैं: और आपकी बीवी कैसी है?

तो उसने कहा: मेरी बीवी तो कब की गुजर गई।

तो मैंने कहा: आप अकेले रहते हो?

उसने कहा: हां यही पड़ोस में मैंने कमरा किराए पर लिया है। वही छोटी सी प्राइवेट कंपनी में नौकरी कर ली।

मैंने कहा: अच्छा तो किसी दिन मेरे घर पर आओ चाय पीने।

तो उसने कहा: आज नहीं, फिर कभी आएंगे।

फिर लगभग तीन दिन बीत जाने के बाद वह मेरे घर पर आया। मैंने उसको चाय नाश्ता करवाया। उस‌ दिन मेरे पति घर पर नहीं थे, तो थोड़ी देर इधर-उधर की बातें करने लगे।

उन्होंने मुझको देख कर कहा: यार तुम तो बड़े ही सेक्सी और हॉट लग रही हो। आपका पति तो आपको बहुत खुश रखता होगा।

मैंने हां में सिर हिला दिया, मगर उसने फिर दोबारा पूछा: आपने मेरी बात का जवाब नहीं दिया।

तो मैंने कहा: रखता तो खुश है, मगर जैसा मैं चाहती हूं वैसा नहीं रखता है। जैसे हम लोग पहले रहते थे, वैसे खुश नहीं रहते। वैसे मेरा तो मन नहीं भरता उनसे। मैं चाहती हूं कि आप भी मेरे साथ रहो। आखिर अकेले रहते हो। दोनों लोग साथ रहेंगे। आमने-सामने रहेंगे तो खुश रहेंगे।

उसने कहा: ठीक है, कुछ प्लान बनाते हैं।

फिर दो-तीन दिन बाद उसने मेरे मोहल्ले में मेरे घर के ठीक सामने एक कमरा ले लिया। अब वो उसी में रहने लगा। अब हम लोग सुबह शाम आमने-सामने रहते थे, तो एक-दूसरे को देख कर मन मचल उठता था‌। कुछ दिनों बाद हम लोग आपस में बातें करने लगे बातों का सिलसिला शुरू हुआ। धीरे-धीरे आम बातें हुई, और फिर सेक्सी बातें होने लगी।

फिर मैं मन ही मन उसके साथ सेक्स करने की सोचने लगी। एक दिन मेरे पति को तीन दिन के लिए दिल्ली जाना था, तो मैंने अपने दोस्त को यह बात बताई।

उसने कहा: ठीक है, जिस दिन जाएंगे, उसी दिन तुम मुझे कॉल करना।

दिसंबर 25 तारीख को उन्हें दिल्ली जाना था। वह निकलने वाले थे, तो मैंने उसको बताया कि दिसंबर 25 तारीख को दिल्ली जाएंगे। तो उसने तीन दिन के लिए छुट्टी ले ली अपने ऑफिस से। फिर मैं मार्केट गई, वहां से अपने दोस्त की पसंद की साड़ी, श्रृंगार, कपड़े, गहने जो वो पसंद करता था, सब लेकर आई। फिर मैं तैयार हुई।

तैयार होकर शीशे के सामने खड़ी हुई, और अपने आप को देखते हुए बोली-

मैं: क्यों इतनी हॉट लग रही हूं? और मेरे पति इस बात को समझते ही नहीं। मेरी कदर नहीं करते हैं। ना ही मुझे छेड़ते हैं, और ना ही कभी प्यार करते हैं। आज तो जी भर के अपने पुराने दोस्त के साथ सेक्स करूंगी, और अपनी सारी इच्छाएं पूरी करूंगी।

इतना कहने के बाद मैंने अपने दोस्त को फोन किया। फिर वह आ गया। शाम को 7:00 बजे हम लोगों ने पहले खाना खाया। फिर उसने मुझे देखते ही कहा-

वो: आज तो कयामत लग रही हो।

तो मैंने कहा: आप ही के लिए सज रही हूं, और आप जैसे चाहे वैसे इस्तेमाल करें।

उसने मुझे तुरंत अपनी बाहों में उठा लिया, और प्यार करने लगा। बेड पर लेटते ही मेरी आंखें बंद हो गई। उसके बाद उसने मेरे कपड़े उतारे। मैं केवल ब्रा और पेटी में थी। तब मेरी आंख खुली।‌ मैंने सोचा “हे भगवान, इतनी खूबसूरत होने के बावजूद भी मैं सेक्स से कितनी प्यासी रही। आज मेरी सारी हसरत पूरी हो जाएगी”।

मैंने अपने दोस्त से कहा: आज मुझे चोद-चोद के रंडी बना दो। इतना चोदो कि जिंदगी में कभी प्यासी ना रह जाऊं।

मेरे दोस्त ने कहा: तू तो रंडी बनने के लिए एक-दम तैयार है। साला आज मैं तुझे इतना चोदूंगा कि रंडी बना दूंगा।

फिर उसने मेरी ब्रा खोल दी, और मेरे बूब्स को धीरे से मारना शुरू किया। मसलते-मसलते एक-दम निप्पल लाल गुलाबी हो गए थे। फिर उसने धीरे से हाथ मेरी पैंटी में डाला, और चूत में उंगली की। चूत पानी छोड़ने लगी। मैंने बिना कुछ देर किए उसके लंड को हाथ में पकड़ लिया। उसका लंड जैसे ही बाहर आया, तो लगभग 8-9 इंच का था। तो मैंने सोच लिया मन में कि आज मेरी इच्छा पूरी होगी।

मैंने जल्दी से उसका लंड अपने मुंह में ले लिया, और चूसने लगी। चूसते-चूसते उसका लंड एक-दम घोड़े जैसा खड़ा हो गया। अब मेरी चूत एक-दम गीली हो गई। मैंने उसका लंड अपनी चूत के ऊपर रखा तो उसने एक झटका मारा। मगर लंड अंदर नहीं गया। क्योंकि मैं ज्यादा चुदी नहीं थी, इसलिए अंदर नहीं गया।

उसने दोबारा से कोशिश की और इस बार उसके लंड का सुपाड़ा अंदर चला गया। फिर उसने एक-दम झटका दिया, और सारा लंड एक बार में ही अंदर चला गया। अब मैं जन्नत की सैर करने लगी।

उसने कहा: यार मजा आ गया। ऐसी चूत तो मैंने कभी नहीं चोदी। तुम्हारी चूत तो एक-दम मस्त है।

मेरी आहें निकलने लगी और मैं उसके लंड का पूरा मजा लेने लगी। कम से कम उसने 20 मिनट तक मुझको चोदा। मैं पानी-पानी हो गई। 20 मिनट चोदने के बाद मैं डॉगी स्टाइल में आई। फिर उसने मुझे 10 मिनट तक चोदा। चोदते-चोदते मेरी चूत से पानी निकलने लगा, तो धक्के फटाफट होने लगे। करीब आधा घंटा चोदने के बाद मैं झड़ गई। मगर मेरा दोस्त अभी भी नहीं झड़ा था।

फिर कभी ऊपर कभी नीचे करके चोद रहा था। लगभग 45 मिनट चोदने के बाद अपने चरमसुख तक पहुंच गया। फिर उसने मुझसे पूछा कि माल कहां गिराए। तो मैंने कहा अंदर ही डाल दो। फिर वह मेरी चूत के अंदर ही झड़ गया। थोड़ी देर बाद हम लोग साथ में आराम करने के बाद उठे।

फिर शीशे में मैंने अपना चेहरा देखा तो एक-दम लाल‌ हो गया था। मैंने ऐसा सुख कभी नहीं पाया था, जैसा मुझे मेरे दोस्त ने दिया। मैं उस दिन उससे चुद के एक-दम संतुष्ट हो गई थी। फिर वह अपने घर चला गया। दूसरे दिन मैं अकेली थी। फिर वह आया। उस दिन हम लोगों ने रात में रुकने का प्लान बनाया। रात में रुकने के बाद हम लोग खाना खा कर फिर अपनी चुदाई में लग गए। उस दिन उसने मुझे रात भर चोदा।

मुझे पता ही नहीं चला कब सुबह हो गई। मैं इतनी चुदक्कड़ रंडी बन चुकी थी, कम से कम 10 आदमियों से तो मैं एक रात में चुदवा सकती थी।‌ फिर उसने मुझसे कहा-

वो: यार तू‌ थकती नहीं है? कितने लंड तुझको चाहिए?

तो मैंने उसे कहा: कम से कम 10 लंड।

उसने कहा: तेरी यह भी हसरत पूरी कर देता हूं।

फिर उसने अपने दोस्तों की टीम बुलाई। उसमें नौ लड़के थे, और सब एक से एक तगड़े जवान थे। उस दिन मेरे मुंह में पानी आ गया कि आज तो 10 मोटे-मोटे लंड से चुदवाऊंगी। तो मैं भी तैयार होकर बेड पर पहुंच गई।

मैंने कहा: तुम एक-एक करके आओ, तुमको सब को हरा दूंगी।

फिर वह एक-एक करके आए, और लगभग हर एक आदमी ने 30 मिनट से 40 मिनट मुझको चोदा बारी-बारी से। शाम 8:00 से सुबह 4:00 तक मुझे चोदते रहे। एक-दम चूत का भोसड़ा बना दिया था उन्होंने। मैंने शीशे के सामने खड़े होकर देखा कि यह क्या हो गया।

तो बोले: तेरी तमन्ना पूरी हो गयी। तू हाउसवाइफ से रंडी बन गई।

तो मैंने कहा: मुझे रंडी आपने बनाया, मगर ऐसे ही मुझे रंडी बनाते रहना।

वो बोले: ठीक है, जब भी तुम्हारा मन करे, तो रात भर हम सब को बुला लेना करने के लिए।

दूसरे दिन फिर मैंने उनको बुलाया। मैं उस दिन में शाम 6:00 बजे से तैयार हो गई थी, और सुबह 4:00 तक सेक्स करवाती रही। मैं इतनी सेक्स की भूखी थी कि मुझे पता ही नहीं चला कितने आदमीयों ने मुझे चोदा। फिर सुबह मेरे पति के आने का टाइम हो गया तो वह लोग चले गए। जब वह आए तो मैं बहुत खुश थी।

वो मुझसे बोले: इस खुशी का राज क्या है?

तो मैंने उन्हें बताया: आज आपकी तमन्ना और मेरी तमन्ना दोनों पूरी हो गई।

उन्होंने पूछा: कैसे?

मैंने कहा: आपने कहा था कम से कम 10 लड़कों से चुदवाओ। आज मैं पूरे 10 लड़कों से पूरी रात चुदी हूं। देखो चूत का भोसड़ा बन गया।

वो बोले: यही तो मैं चाहता था, कि तुम पूरी रंडी बन जाओ। अब तुम रंडी बन गई हो, तो अब तुम्हें रंडियों की तरह में रोज चुदवाऊंगा।

तो मैं खुशी से झूम उठी और बोली: अब तो मुझे रोज नए लंड मिलेंगे।

इस प्रकार मेरे पति ने मुझे एक हाउसवाइफ से रंडी बना दिया, जो कम से कम 10-15 लड़कों से रोज लंड लेती है। आपको मेरी कहानी कैसी लगी कमेंट में जरूर बताना। जिस किसी को मुझे चोदना है, तो मेरा नंबर ले सकता है।

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