मेरा नाम रश्मि है. मेने अपनी शादी घरवालों के पसंद के लड़के से की थी. मेरे पति इंजीनियर है. इसलिए उन्हें काम के सिलसिले में दूसरे शहर में जाना पड़ता था. कंपनी की तरफ से रहने के लिए घर भी मिलता था. तो मुझे भी उनके साथ रहना पड़ता था.
में एक ही साल में इतने शहर घूम चुकी थी के अब मुझे भी आदत हो गयी थी नयी जगह जाकर रहना. अभी हम आंध्रप्रदेश में रहते थे.
काफी बड़ा मकान मिला था रहने के लिए. में यहाँ पे किसी को जानती नहीं थी तो पूरा दिन घर में ही रहना पड़ता था.
रही बात मेरे पति की तो वो शादी होते ही मेरे से इतना चिपक गए के हर रोज मेरे शरीर से खेलते थे. सुभह ऑफिस जाने के पहले और रातको ऑफिस के आने के बाद, पूरा वक्त मुझे उनको खुश करने में बिताना पड़ता था.
वो मेरे गोरे शरीर का पूरा उपयोग कर लेते थे. मुझे हमेशा तैयार रहना पड़ता था. क्यूंकि पता नहीं कब क्या करने को बोल दे.
एक दिन ऐसे ही सुभह ऑफिस जाने निकले. दरवाजे तक पोहचे ही थे की अचानक मुड़े और मुझे सामने घुटनो पे बिठाया और अपने पैंट की चैन खोल लंड बहार निकाल के मेरे मुँह में अपना लंड दे दिया. और बोले चूस जल्दी देर हो रही है. फिर मुझे पति के लंड को चूस चूस कर उसका पानी निकलना पड़ा. जब पानी निकला तब जाकर उनका मन शांत हुआ और वो फिर काम पे चले गए.
ऐसे ही एक दिन शाम को ऑफिस से घर आये. में रोटियां बना रही थी. सीधा किचन में आकर मेरे पीछे खड़े हुए. मेने उनको कहा की नाहा लीजिये, तो मेरी बात को अनसुना करके मेरे पीछे खड़े हुए और मेरी साड़ी उठाकर मेरी गांड पे हात रख गांड दबाने लगे. गांड दबाते दबाते निक्कर को निचे खींच ली…
फिर गांड पे चुम्मी लेकर फिर मुझे उन्होंने झुका के खड़ा किया. में रोटी के लिए आटा बना रही थी. तभी पीछे से अपना लंड धीरेसे मेरी चुत में धकेला और मेरी कमर पकड़कर मुझे चोदने लगे. में जोर जोर से मुँह से आवाज करने लगे. अहहह हां…जानेमन.. अहहह अहह अहहहहहह… बहोत गरम चुत हे तेरी. अहहहहहह.. लंड इतने जोर से मेरी चुत में अंदर बहार हो रहा था की मुजसे भी रहा नहीं गया और में भी चिल्लाने लगी. अहह अहहह अहहह यह…इसशश श्शश..यह अहहह…
काफी देर मुझे चोदा फिर पानी निकाल कर चले गए. ऐसे ही मुझे पुरे वक्त चोदा करते थे..
एक दिन मुझे रातको पूरा नंगा कर चुम रहे थे. तभी कहने लगे. तुजे एक दिन में अपने दोस्त से चुड़वाउंगा. मुझे वो सुनकर थोड़ा अजीब लगा. वो बोलते रहे की मेरे दोस्त का लंड लेगी न मुँह में. में उनको खुश करने के लिए हां कहते रही. चूमते हुए मेरी चुत को मसल रहे थे.
उस दिन उन्होंने मुझे उनका दोस्त बनकर चोदा. काफी मजा आया चुदने में. ऐसे लग रहा था की कोई अजनबी का लंड में ले रही हु.
फिर कुछ दिन बीत गए..
एक दिन शाम को वो अपने एक दोस्त को अपने घर ले आये. मुझे लगा के खाने पे बुलाया होगा. मुझे इसबारेमे कुछ पता नहीं था. थोड़ी देर बाद मुझे पता चला की दोनों का आज पिने बैठनेका प्लान था.
शाम का खाना पति ने बाहर से मंगवा लिया था. तो मुझे कुछ करना नहीं पड़ा. वो दोनों हॉल में ही पिने बैठ गए. धीरे धीरे रात आगे बढ़ने लगी. करीब १० बजे उनका पीना बंद हुआ और हम सब साथ में ही खाना खाने बैठे.
मेरे पति को भी चढ़ गई थी. खाना खाते समय बार बार मेरी पीठ पर हात लगा रहे थे. तो कभी मेरी जांघ पर हात घिस रहे थे. तो कभी मेरा हात पकड़कर अपने लंड को लगा रहे थे. उनका सामने बैठा दोस्त बार बार मुझे ही घूर रहा था. उसकी नजर मेरे शरीर पर ऊपर से निचे तक घूम रही थी. मेने अपना दुपटा सीधा किया क्यूंकि वो मेरे बड़े मम्मो को ही घूर रहा था.
हमने खाना खा लिया. और में सारे बर्तन को समेट कर अन्दर ले जा रही थी, तभी मेरे पति ने पिछेसे आकर मेरी गांड दबायी. और पीछे से अपना लंड मेरी गांड पे दबाकर मुझे जकड लिया और मेरे स्तन को दबाने लगे. में चौक गयी, क्यूंकि उनका दोस्त पीछे ही सोफे पे बैठा सब देख रहा था. मेने तुरंत उनका हात दूर करनेकी कोशिश की लेकिन वो मेरे मम्मी दबाते रहे.
किसी तरह में बर्तन उठाकर अंदर किचेन में चली गयी. सारे बर्तन रख. में अपने कमरे में सोने चली गयी. मेरे पति और उनका दोस्त बहार बैठे बात कर रहे थे.
कुछ देर बाद कमरे में पति के आने की आहट हुई. लाइट अंदर की बंद थी. में भी चद्दर मुँह पे लेकर सोइ थी. तभी मुझे मह्सुश हुआ की कोई मेरे दाई तरफ सो गया है. मेने सोचा मेरे पति ही होंगे, लेकिन उसके कुछ ही पल बाद, मेरी बाई तरफ भी कोई सोया.
में डर गयी. मेरी धड़कने बढ़ गयी. कुछ समज नहीं आ रहा था. तभी दाई तरफ से एक हात मेरी चद्दर के अंदर आया और उस आदमीने मुझे अपनी तरफ लेकर जकड लिया. मुझे समज आ गया की येतो मेरे पति नहीं है.
ये मेरे पति के दोस्त है. उनके दोस्त ने मुझे करीब लेकर मुझे पकड़ के रखा और मेरी पीठ पर हात घूमने लगे. में चौक गई थी. मेरे पति ने कुछ दिन पहले कहा था की वो मेरे दोस्त से मुझे चुदवाना चाहते है. लगता है वो दिन आज ही है.
में कुछ आगे सोचती उसके पहले पति के दोस्त ने मेरे मुँह से चद्दर निचे उतार दी और वो मेरे मुँह के सामने आ गया. जैसे ही दोनों की आँखे मिली. उनके दोस्त ने सीधा मुझे चूमना सुरु किया. मेरे होठोंपे होठ रख वो मुझे बड़ी बेहरमी से चूमने लगा. में अपने आप को छुड़वाने की कोशिश करने लगी लेकिन वो पीछे हटा नहीं.
बल्कि वो मेरे ऊपर आकर चढ़ गया. और चूमने लगा. होठोंसे होठ लगे हुए थे. तभी मेरी नजर पास में सोये मेरे पति पर पड़ी. उनको देख मुझे दूसरा झटका लगा. मेरे पति पास ही सोये थे और अपना लंड पैंट से बहार निकल कर हात में पकड़ हिला रहे थे. उनके चेहरे पे एक अजीब सी मुस्कराहट थी.
उनको ऐसा देख में समज गई की पति ने पूरा प्लान करके अपने दोस्त को घर बुलाया है. ताकि वो मुझे अपने दोस्त से चुदते हुए देख सखे……..
यहाँ उनका दोस्त मुझे चूमते हुए निचे सरकने लगा. और मेरे मम्मो को दबाने लगा. एक तरफ मेरा खुदका पति मुझे अपने दोस्त के साथ देख खुस हो रहा है. और दूसरी तरफ एक अजनबी आदमी मेरे गोरे बदन पे टूट पड़ा है.
ऐसे माहौल में मेरे शरीर की गर्मी बढ़ने लगी. कुछ देर की असायता अब खुसी में बदलने लगी. जैसे जैसे उनका दोस्त मेरे शरीर पे अपना हात घुमराह था. मेरे निप्पल खड़े होने लगे. मुँह से अहह अहःअहः हहह. की आवाज आने लगी. देखते ही देखते उनके दोस्त ने मेरा कुर्ता उतार दिया.
ब्रा देख वो पागल सा हो गया क्यूंकि मेरे मम्मे ब्रा के ऊपर से बहार निकल रहे थे. उसने तुरंत ब्रा निकाली और मेरे निप्पल को चूसने लगा. अहह हहह.. क्या चल रहा हे मेरे साथ मुझे कुछ समज नहीं आ रहा था. मेने देखा मेरा पति भी अपने कपडे निकाल रहा है.
उनके दोस्त ने मेरे मम्मो को दोनों हातोंसे दबा दबा कर चूस लिया. फिर वो निचे जाने लगा. मेरे पेट पर चुमंते हुए निचे खिसका और मेरी सलवार उसने निकाल दी. अब में सिर्फ मेरी गुलाबी निक्कर पे उसके सामने लेटी हुई थी.
उसने तुरंत अपना टीशर्ट निकला और पैंट उतार कर मेरे चुत पे टूट पड़ा. पहले उसने हातोंसे निक्कर पर सहलाया. मेरी चुत का जायजा लिया और फिर निक्कर को निचे खींच मुझे पूरा नंगा कर दिया. जैसे मेर चुत उसे दिखी, उसने सीधा चुत को चाटना सुरु किया.
पराये मर्द की जीभ चुत पर घिसते हुए जानकर मुझे और उत्तेजना आ गई थी. में पागलोंकी तरह अपने हात बेड पर पटकने लगी. पति का दोस्त बड़े प्यार से मेरी चुत को चाट रहा था. उसके साथ खेल रहा था. कभी चुत की पखड़ियो को चुमंता तो कभी चुत के अंदर जीभ डालकर चुत से निकलने वाला पानी चाट रहा था.
फिर चुत के ऊपर के दाने को जब अपनी जीभ से मसलने लगा, में तीसरे आसमान पर चली गई. मेरे निप्पल खड़े हो गए. में अपने ही मम्मो को दबा दबा कर आनंद ले रही थी. जैसे उसने ऊँगली चुत में डाली, और अंदर बहार घिसने लगा. चुदवाने जैसा मजा आने लगा… चुत इतनी गरम हो चुकी थी की बार बार पानी छोड़ रही थी…. पति का दोस्त वो सारा पानी पि रहा था.
इतनी अछि चुत चाटी के मेने एक बार पानी छोड़ दिया. काफी देर के बाद वो पीछे हटा.
फिर उसने अपनी निकर निकाली और मेरा हात पकड़ कर उसने उठाकर बिठाया. जैसे में बैठी उसने मेरे मुँह के सामने अपना लंड रख दिया. में समज गयी के चूसने के लिए बोल रहा है. मेने तुरंत अपनी मुठी में उसका लंड पकड़ लिया और हिलाने लगी. लंड काफी लम्बा था. जैसे जैसे में हिलाते जा रही थी. लंड और भी तगड़ा हो रहा था.
पास में मेरा पति बेड पर बैठा मुस्कुरा रहा था. उसका लंड उसके हात में था. वो अपने लंड को प्यार से मसल रहा था. लेकिन अभी तो मुझे पति से ज्यादा सामने दिख रहे लंड से ज्यादा मतलब था.
मेने उनके दोस्त का लंड कुछ देर हिलाया और फिर मुँह में ले लिया. आज लंड को चूसने में बहोत ही मजा आ रहा था. हिलाते हिलाते मेने खुद लंड को जितना अंदर हो सके अंदर ले चूसने लगी. मुँह में लेकर अंदर बहार करने लगी. लंड के गुलाबी भाग पे अपनी जीभ घुमाते हुए चाटने लगी.
लंड चूसते हुए शरीर में एक अजीब सी गर्माहट महसूस हो रही थी. लंड को हिला हिला कर मेने काफी देर तक चूसा. फिर वो मुझे चोदने के लिए तैयार हो चूका था. उसने मुझे तुरंत पीछे सुलाया और मेरे पैर फैलाकर मेरी चुत में लंड घुसेड़ दिया. जोर से लंड को चुत में डाला और मेरे ऊपर सो कर मुझे चोदने लगा.
अहह अहह हाहाहा…. में जोर जोर से चिल्लाने लगी. उसका लंड पूरा अंदर तर चुत में जा रहा था. चुत और लंड के टकराव से चुत बहोत ही गरम हो चुकी थी. अहह अहह.. बहोत मजा आने लगा. अहहहहहह…..
काफी देर चुत को चोद के उनका दोस्त पीछे हटा. फिर उसने मेरे ऊपर अपने पैर डाले और ६९ की पोजीशन में अपना लंड मेरे मुँह में डाला और निचे वो मेरी चुत को चाटने लगा. अहहह हहहह…
यहाँ में अभी अभी चुत से बहार निकला चिप चिपा लंड मुँह में लेकर चूसने लगी. अहह अहहहह अहहहहह आह्हः अहहह… दोनों भी एक दूसरे को आनंद दे रहे थे.
फिर देर तक चुत को चाटने के बाद, पति का दोस्त उठा और मुझे भी उठाकर बेड के पास खड़ा कर दिया. में झुक के खड़ी थी तभी पिछेसे उसने मेरी गांड को दबाना सुरु किया. पीछे निचे बैठ गया और मेरी गांड को चाटने लगा. जीभ को गांड की दरार में डाल चाट रहा था. पूरी गांड को कुछ देर चाट कर उसने गिला कर दिया.
फिर खड़े होकर उसने मेरे चुत में लंड फिरसे डाला. धक्के देते हुए लंड को वो अंदर चुत में धकेलने लगा. धीरे धीरे लंड पूरा अंदर चला गया फिर वो जोर जोर से चोदने लगा…. इतनी जोर से चोद रहा था की मेरा मुँह खुला का खुला रह गया.
सामने देख रहे मेरे पति ने तुरंत मौके का फायदा लिया. वो बेड पर आकर मेरे बैठे और सीधा मेरे मुँह में अपना लंड दे दिया. में उनका लंड चूसने लगी… पीछे से उनका दोस्त मुझे चोद रहा था. और आगे से मेरा पति मेरा मुँह चोदने लगा. दोनो भी एक सात मुझे चोदने लगे. अहहहहहह…
न में चिल्ला पा रही थी. न मुझे वो दोनों हिलने दे रहे थे. अहह अहहहहहह अहहहहह अह्हह्ह्ह्ह……
काफी देर ये खेल चला फिर जब पानी निकालने की बारी आयी.. तो पति ने पहले अपने लंड से पानी छोड़ा जो सीधा मेरे गले में चला गया. गरम गरम पानी मेरे मुँह में भर गया. कुछ मुँह से गिरने लगा. आज काफी पानी निकला लंड से..
कुछ ही देर बाद, पति के दोस्त ने भी अपना लंड चुत से खीचा बहार और तुरंत मुझे घुमाकर निचे बिठाया और अपना लंड मेरे मुँह के सामने रख दिया. मेने भी अपना मुँह खोला और लंड के पानी को मुँह में आने दिया. जोर से पानी की बौछार लंड से निकाली और सीधा मेरे मुँह पे आ गिरी…. कुछ मुँह में चला गया तो कुछ गलो पे, गले पे, मम्मो पे पानी फ़ैल गया. मेने उसका पानी भी पि लिया….
फिर वो शांत हुआ… में उठकर बाथरूम में चली गयी और अपने मुँह को धो लिया.
वापस आयी तो देखा दोनों भी नंगे बेड पर सोये थे. में बिच में जाकर ऐसे ही नंगी सो गयी.
पूरी रात दोनों मुझे चिपक कर सोये थे.
उस दिन के बाद मेरे पति पर मुझे और भी ज्यादा प्यार आने लगा. क्यूंकि उनके वजसे मुझे नए नए अनुभव मिलने लगे.