कुछ दिनों पहले की बात है. शाम को दरवाजेकी घंटी बजती है. में अपने मोबाइल पे गेम खेल रहा था. माँ ने जाकर दरवाजा खोला तो बाहर मासी थी.
मासी बिना बताये घर पोहच गई थी. माँ मासी को देख बहोत खुश हुई. बहोत दिनों के बाद मासी से मिलना हुआ. शादी के बाद वो पति के साथ दूसरे शहर में रहने चली गई थी. इसलिए ज्यादा मिलान हो नहीं पाता था. सिमा मासी सबसे छोटी होने की वजसे मुझमे और मासी में उम्र का ज्यादा फरक नहीं था. वो मुजसे सिर्फ ४ साल बड़ी थी. कम उम्र में शादी होने की वजसे सिमा मासी को देख लगता नहीं की उनकी शादी हो गयी है. शादी के पहले में मासी से एक दोस्त की तरह बात करता था. हमारे बिच अच्छा नाता था. मासी मेरे गर्लफ्रेंड के बारेमे भी पूछती थी.
माँ ने मासी को खुर्सी पर बैठाया. मेरी भी मासी से बातचीत हुई. शाम हो ही गई थी. खाना लग गया था. हमने खाना खाया और मासी और माँ दोनों बातचीत में लग गए. पापा की रात की शिप थी तो वो १० बजे ही घर से चले गए.
सिमा मासी और माँ दोनों खुर्सी पे बैठ घर की बाते कर रहे थे. में सामने ही खुर्सी पे बैठ मोबाईल पे गेम खेल रहा था. तभी मुझे ऐसास हुआ मासी बार बार मेरी तरफ देख रही थी. पहले तो मेने ध्यान नहीं दिया, लेकिन कुछ देर बाद हमारी नजरे मिली. मासी कुछ अजीब ही नजरोसे मुझे देख रही थी. नजर मिलाके हस रही थी. मुझे थोड़ा अजीब लगा.
फिर माँ अंदर कुछ काम से चली गई. तो मासी उठ मेरे बगल में खुर्सी पे बैठी. और मुझसे बाते करने लगी. पूछने लगी कोनसी गेम खेल रहा है. बाते करते करते सिमा मासी मेरी तरफ थोड़ी झुकी और एक हात मेरी जांघ पे रख दिया.
मेने शार्ट पेंट पहनी थी. मासी का आधा हात पैंट पे था और आधा मेरी जांघ की त्वचा को लग रहा था. में थोड़ा सहम गया. सिमा मासी का कोमल हात मेरे लंड के इतने करीब होने की वजसे मेरा तो मन उछाल मारने लगा.
मासी ने धीरेसे हात मेरे जांघ पे घुमाना सुरु किया. मेरा तो मुँह बंद था लेकिन मासी बाते करते करते अपनी उंगलिया मेरी जांघ पर घुमारहि थी.
माँ अंदर के कमरे से मासी से बात कर रही थी. और यहाँ मासी मेरा लंड खड़ा करने पे तुली थी. कुछ देर बाद माँ बाहर आने की आवाज आई तो मासी ने तुरंत अपना हात पीछे ले लिया. वो ठीक से बैठी. माँ आई और फिर सामने की खुर्सी पे दोनों बैठे और बातचीत करने लगे.
यहाँ मेरा लंड खड़ा कर मासी दूर बैठ गई. किसी तरह में अपने लंड को छुपा रहा था. तभी माँ उठी और खिड़की में सूखने रखे कपडे निकालने लगी. माँ कड़पे निकालने में व्यस्त थी. यहाँ मासी अपने चेहरे पे स्मिथ हास्य रख मेरी तरफ देख रही थी. में भी मुस्कराते हुए सिमा मासी को देख रहा था. आखो ही आखो में बाते होने लगी.
तभी अचानक मासी ने अपना पैर फैलाया. में चौक गया. मासी ने मैक्सी पहनी थी. जैसे ही पैर फैलाया मुझे मासी की गुलाबी रंग की चड्डी दिखने लगी. मासी मुझे अपनी चड्डी दिखाके मेरे लंड को तपाने लगी. जैसे ही मासी ने अपने पैर खोले, मेरी नजर गुफा के अंदर तक झाकने लगी. गुफा में छुपी चुत को मेरी आँखे ढूंढ़ने लगी. में मासी की तरफ देख अपने लंड को पैंट के ऊपर से सहलाने लगा. सिमा मासी भी जानभूझकर पैर हिलाते हुए मुझे अपनी चड्डी के दर्शन दे रही थी.
कुछ समज नहीं आ रहा था मुझे के क्या हो रहा है. जब तक माँ खड़ी थी और उसकी पीठ हमारे पास थी. तब तक ये खेल चलता रहा. फिर माँ ने अपना काम ख़तम किया. और हम सोने की तैयारी करने लगे.
में अपने कमरे में चला गया. मासी माँ के साथ उसके कमरे में सोने चली गयी. यहाँ कमरे में आते ही मेरा जी मचलने लगा. मेने तुरंत कमरे का दरवाजा बंद किया, पैंट निचे की और खींची और तने हुए लंड को बहार निकाला. लंड इतना तन गया था की पैंट में असहनीय हो रहा था. में पैंट नीची कर लंड को बहार निकाले कमरे में एक भूके शेर की तरह यहाँ से वहा टहलने लगा.
मुझे कुछ भी करके इस लंड को सिमा मासी के चुत में डालना था. अब ये लंड चुत में जाये बिना शांत नहीं होने वाला था. में कुछ देर बेड पे सो गया. सोचा नींद आ जाएगी. लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ. जैसे जैसे रात आगे बढ़ने लगी मेरे मन में हवस का तूफान आ गया. अब मुझसे रहा नहीं जा रहा था.
करीब १ बजे में कमरे से बाहर निकला. बाहर अँधेरा था. धीरेसे माँ के कमरे के बहार आया और बिना आवाज किये दरवाजा खोला तो देखा सामने पलंग पे मासी उठ कर बैठी थी. माँ सोइ हुई थी. सिमा मासी ने मुझे देख लिया. वो धीरेसे उठी और बहार आई. बहार जैसे आई, पूछने लगी तुम्हे भी नींद नहीं आ रही है.
मेने सिर हिलाके हा कहा…. सिमा मासी मुस्कुराई और हम दोनों एक दूसरे की आखो में देखने लगे. धीरे धीरे हमारे होठ करीब आने लगे. देखते ही देखती दोनों के होठ एक दूसरे से चिपक गए और दोनों एक दूसरे को बाहो में भर चूमने लगे.
अहह अहह हहह हहहहहहहहहह हहह.. मासी को जैसे ही मेने बाहो में भर लिया, उसके कोमल शरीर के स्पर्श से मेरा तो लंड नाचने लगा. मासी ने भी मुझे कसकर पकड़ लिया था. उसके मम्मे मेरे सिनेपर महसूस होने लगे. अहह अहःअहः हहहहह अहःअहः.. सिमा मासी का शरीर काफी गरम महसूस हो रहा था. वो भी तप रही थी.
दोनों की जीभ एक दूसरे से लढाई करने लगी. होठों को चूस चूस के अपनी हवस का प्रद्रशन कर रहे थे. मेने एक हात आगे की और लिया और मासी के मम्मे दबाने लगा. दूसरा हात मासी की गांड पे टिकाकर जोर जोर से गांड दबाने लगा. अहहह हहहह हहहह अह्हह्ह्ह हहहह हा अहःअहः हाहाहहाहा….
ऊपर होठोंका जलसा चल रहा था. आगे मम्मे दबाये जा रहा था. और पीछे गांड का मजा लिया जा रहा था. अहहहहहाःहाहा हाहाहा अहहहह उम्म्म्म अहमममममममम
काफी देर तक सिमा मासी के शरीर का आनंद लेकर, मासी को मेने छोड़ा.
हमने एक बार फिर माँ के कमरे में झांक कर देखा. माँ अभी भी सो रही थी.
माँ के कमरे के बहार ही अँधेरे में मेने अपनी पैंट निचे उतार दी और सिमा मासी को अपने तने हुए लंड के दर्शन दिए.
मासी ने जैसे ही लंड देखा, उसने तुरंत उसे मुठी में जकड लिया. लंड को पकड़ मेरे पास आई और मेरे होठोंपे प्यार से चूमकर धीरे धीरे निचे बैठने लगी. मेरे लंड के सामने बैठ सिमा मासी ने लंड को मुँह में लिया और चूसने लगी. अहहह हा अहहह हः हां अहहह हा अहा.. अहहह आमम्मा …उम्म्म म मम्मा अम्मा मम अहममम अम्माम्मा मम्मा
लंड सिमा मासी के मुँह में जाते ही मेरे शरीर में बिजली सी दौड़ गयी. मासी बड़े प्यार से लंड चूस रही थी. जीभ को पुरे लंड पे घिस रही थी. मासी को लंड चूसते हुए देख लग रहा जैसी वो लंड को मुँह में लेने के लिए प्यासी थी.
जीभ का लंड पे होनेवाला स्पर्श काफी उत्तेजित करने वाला था. लंड चूसते हुए देख में तो सिमा मासी के प्यार में ही पड़ गया. काफी देर लंड को चूसने के बाद मासी उठी.
मेने उसे दिवार से लगाकर खड़ा किया. और निचे बैठ उसकी मैक्सी उपर की और चड्डी निकाल दी. चड्डी उतार के जैसे मेने उसकी मैक्सी ऊपर की, सिमा मासी की चुत देख मेरा तो मुँह पानी से भर गया. मेने तुरंत अपनी जीभ चुत पे लगायी और चुत को चाटने लगा. अमम अम्म्मा ममम अवममममम ममममम ममममममममममम…..
मासी ने पैर फैलाकर मुझे और अंदर आने दिया. मेने एक ऊँगली डाली चुत में और हिलाते हुए सिमा मासी की चुत का दाना चूसने लगा. ऊँगली को जोर जोर से अंदर बहार कर चुत को घिसने लगा. अहह यह अहःअहः अहहहहहहह…
चुत से पानी निकलने लगा. अहमंअम्माम्मा ममममम अनानं अननननममममममममहाहाःहाहा
कुछ देर चुत को मसलने के बाद. में खड़ा हुआ. सिमा मासी की दोनो जांग पकड़ उसे पैर फैलाकर उठाया, और निचेसे लंड को चुत में डाल दिया. मासी को उठा उठा के चोदने लगा. अहह आहह.. अहह हहह आहह.. लंड चुत में अंदर तक दाल चोद रहा था. ……. मासी की आखो में हवस का नजारा देख और जोश आने लगा. मासी के चेहरे के भाव और उत्तेजित करने लगे. दोनो भी अपनी आवाज दबाकर अपने आनंद का प्रदर्शन कर रहे थे. लंड से चुत को चोदते हुए में मासी को चुम रहा था. अहह अहहांम ओमममम अम्मा मां …. बहोत मजा आने लगा. अहहह आहह हहहह अह्हह्ह्ह्ह.. लंड चुत के पानी से गिला हो चूका था.
खड़े खड़े चोदने के बाद मेने मासी को झुक के खड़ा कर दिया. मासी अब अंदर माँ को झाकते हुए देख झुककर खड़ी थी. में पीछे गया और उनकी मैक्सी ऊपर कर दी. मैक्सी उपर करते ही मासी की बड़ी गांड सामने आयी. मेने हातोंसे गांड को दबाके उसे सहलाया, गांड मखमली गद्दे की तरह मुलायम थी. धीरे धीरे गांड को दबाते हुए मेने लंड को निचेसे चुत में धकेल दिया.
धीरेसे लंड चुत में जाने लगा. देखते ही देखते लंड पूरा चुत में घुस गया और मेने मासी को चोदना सुरु कर दिया. अहहह अहहह अहहहह हहह आहह अह्ह्ह्ह हाहहु मम मम मम.. मासी की कमर पकड़ के लंड को चुत में दाल चोदने लगा. अहह हहह अहह हहहह हहह हहह आहह. उम्मम्मम अममममममम
मासी अपनी आवाज रोक किसी तरह अपनी भावना को दबाके कड़ी थी. कुछ देर चोदने के बाद मुझे महसूस हुआ लंड से पानी निकलने वाला है.
मेने तुरंत लंड चुत से बाहर खींचा और मासी को लंड के सामने बिठा दिया. मासी ने तुरनत गिला लंड मुँह में लिया और वो चूसने लगी. जैसे ही मासिने लंड को चूसते हुए हिलाना सुरु किया. मेरे लंड ने पानी छोड़ा और सारा पानी मासी के मुँह में चला गया.
पगलाई हुई मासिने पूरा पानी पि लिया और वो लंड को आखिर तक मुँह में रखा. फिर लंड शांत होने के बाद में पीछे हटा. मासी उठी और अंदर कमरे में जाकर सो गयी. में भी अपने कमरे में आया और सो गया.
जितने दिन मासी घर में थी, छुप छुप के में मासी से मिलता था और उसके शरीर से खेलता था. जैसे ही चोदने का मौका मिलता उसकी सलवार उतार चोदने लगता. मासी ने बहोत मजे दिलाये.
कैसे लगी मेरी कथा कमेंट में लिख जरूर बताना.