मेरा नाम कविता है. में कॉलेज में पढ़ती हु. में बहोत दिनों से इसी बात पे ध्यान दे रही थी के मेरी माँ किसी से दुपहर को बात करती है. पहले मुझे लगा की कोई दोस्त होगी, लेकिन एक दिन में चुपकेसे उसके कमरेके बहार से जा रही थी तभी मुझे उसके कमरेसे बाते करनी की आवाज आ रही थी. हर रोज में शाम को घर आती हु कॉलेज से. लेकिन आज जल्दी आ गई थी. माँ को मेने बतायें नहीं के में जल्दी आ रही हु. मेरे पास घर की चाबी थी तो में अंदर आ गई.
जब अपने कमरेमे जा रही थी मुझे सुनाई दिया की माँ किसी से धीरेसे फोन पे बात कर रही थी. में कुछ देर माँ के कमरेके बहार ही खड़ी रही और दरवाजेको कान लगाकर सुनाने लगी की क्या बातचित चल रही है. तब माँ किसी को बोल रही थी की क्या देखना है. फिर बोलने लगी अभी दिख रहा है. मुझे वो बाते सुनकर बहोत उत्सुकता होने लगी. मेने सोचा कुछ तो चल रहा है. मुझे जननाही पड़ेगा.
कमरेके दरवाजेको धक्का देके देखा लेकिन वो अंदर से बंद था. अब में सोचने लगी अंदर कैसे देखु. तभी मुझे याद आया की सरे कमरेकी चाभियाँ बहार हॉल में रखे हुए अलमारी में है. में तुरंत हॉल में आई और माँ की कमरेकी कभी लेके फिर से उसके कमरेके पास आई.
अभ सबसे कठिन काम करना था जो, था दरवाजा बिना आवाज किये खोलना. मेने धीरेसे चाबी अंदर डाली और घुमाने लगी. दरवाजा धीरेसे खुल गया. मेने धीरेसे दरवाजा थोड़ा खोला और अंदर झाकने लगी. सामने देखा तो माँ बेड सोइ थी. वो मुझे नहीं देख सकती थी. मुझे उसका सर दिख रहा था. और उसने मोबाईल हात में पकड़ा था. ठीक से देखा तो पता चला कोई वीडियो कॉल पे है.
वो उसी आदमी से वीडियो कॉल पे बात कर रही. और जिस तरह प्यार से बात कर रही थी, मुझे यकीन हो गया की ये वही आदमी है जिससे वो हर रोज बात करती है. में शांत खड़ी रहके देखने लगी की क्या चल रहा है. वो आदमी माँ को बोलने लगा, कुछ सहीसे दिख नहीं रहा है.
उसके बोलने के बाद माँ ने सीधा अपना ब्लाउज़ खोला और अपने मम्मे बहार निकालकर उसे दिखने लगी. में देखकर चौक गई. माँ उस आदमी को अपने मम्मे क्यों दिखा रही है. फिर माँ अपने ही हतोसे अपनी चूचिया दबाने लगी. अपने हतोसे मम्मे दबाने लगी. वो आदमी जैसे बता रहा था वैसे माँ कर रही थी. उसने माँ को चूचियोंको पकड़ कर खींचने कहा तो माँ वो भी करने लगी. और मम्मे दबाते हुए आवाज करने लगी. अहहह अहह हहहहहह….
वीडियो कॉल पे जो आदमी था उसने अपनी पैंट खोली और लंड बहार निकालके माँ के सामने हिलने लगा. ये अब क्या हो रहा था मुझे कुछ समाज नहीं आया. माँ भी बड़े चाव से उस आदमी को अपना लंड हिलाते देख रही थी. और अपने मम्मे दबा रही थी.
फिर उस आदमीने माँ को अपनी चुत बताने कहा. तो माँ ने चरण अपनी सदी ऊपर की और निकर निचे उतार के अपनी चुत के दर्शन दिए. वो आदमी और जोर जोर से लंड हिलने लगा. और गन्दी गन्दी बाते बोलने लगा. आदमी बोला तेरी चुत में मेरा लंड डालके जोर जोर से चोदूंगा. हहहह हहह अहःअहः हहहहहहह….
माँ भी यहाँ तप गई थी. उसने भी अपने हतोसे चुत को मसलना सुरु किया. वो भी जोर जोर से चुत में ऊँगली डालने लगी. और आवाज करने लगी अहह है अहहह अहह हहहह हहहह हहह हहहहहह अहह. उफ्फफ्फ्फ़. उफ्फ्फ्फ़…..
दोनों भी एक दूसरेको वीडियो कॉल पे देख आनंद लूट रहे थे. अचानक माँ ने कहा राकेश… चोद मुझे… ाहाःहाहा.. जैसे मेने राकेश शब्द सुना में चौक गई. क्यूंकि राकेश मेरे सघे चाचा का नाम था. मेरा तुरत ध्यान वीडियो कॉल की और देखा तब यकीन हुआ के ये आदमी कोई और नहीं, मेरे सघे चाचा है. मतलब माँ राकेश चाचा से इतने दिन से बात कर रही थी. और अभी वही अपना लंड दिखाके हिला रहे है.
मेरा तो मुँह का पानी सुख गया. ये क्या हो रहा है मेरे सामने समज नहीं आ रहा था. लेकिन माँ को इस तरह चुत को मसलते देख मेरी भी चुत खुजाने लगी. मुझसे रहा नहीं गया और मेने वह पे खड़े खड़े ही धीरेसे अपनी लेगिस निचे की. अंदर की निकर निचे की और अपनी चुत को मसलने लगी. मेरी चुत भी चिपचिपी हो गई थी. मेने अपने चुत को मसलन सुरु किया. माँ और चाचा के नखरे देख चुत में ऊँगली डालनेका बहोत मजा आ रहा था. में जोर जोर से चुत को घिसने लगी.
चुत के दाने को मसलने लगी. अहह अहहह हां अहह ः है..आ ुंफ्फफ्फम्मफम्म्फम्म्फ फंफम्म्फम्फ ामममममममम….वहा चाचा भी वीडियो कॉल पे माँ की चुत देख उसे गन्दी गन्दी बाते बोल रहे थे. और माँ एक हात से अपनी चुत घिस रही थी. हम तीनो भो अपने अपने तरीकेसे खुदको मजे दे रहे थे….अहहह अहःअहः हहहह…
काफी देर बाद एक एक कर जड़ने लगे. सबसे पहले चाचा ने पानी उधेड़ा… फिर माँ भी जोर जोर से आह भरने लगी. और मेने भी यहाँ चुत से पानी निकाला…
पानी निकलतेहि चाचा ने वीडियो कॉल बंद किया. माँ ऐसेही थोड़ी देर सो गयी. में भी कपडे ठीक करके चुपकेसे घरके बहार चली गई. ताकि माँ को पता नहीं चले.
कुछ देर दोस्त के घर बिताया और शाम होते ही घर आ गई. घर आतेहि में ऐसे बर्ताव कर रही थी जैसे कुछ हुआ ही नहीं. माँ को कुछ भी पता नहीं चला.
अब मुझे बहोत कुछ जाननेकी उस्सुक्ता थी. दूसरे दिन रविवार था. मेने ऐसेही बात करते हुए माँ से पूछा चाचा आपकेही कॉलेज में पढ़ते थे ना. चाचा का नाम लेते ही माँ का चेहरा जैसे खिल उठा. वो मुझे खुले मन से चाचा के बारेमे बताने लगी.
तो बात ऐसे थी की चाचा और माँ दोनों एक ही उम्र के है. मेरे पापा माँ से ४ साल बड़े है. माँ ने बताया चाचा और माँ दोनों अच्छे दोस्त ते कॉलेज में. साथ में क्लास में जाया करते थे. तब चाचा का एक दूसरे लड़की के साथ चक्कर चल रहा था. इसी लिए माँ के साथ उनकी बात नहीं बनी. लेकिन दोनों अच्छे दोस्त होने के नाते हमेशा मिला करते थे.
जब माँ की शादी मेरे पापा से तय हुई तब दोनोने कुछ भी घर वालोको नहीं बताया. वो दोनों एक दूसरेको जानते थे. शादी के बाद माँ ने पापा को एक दिन बताया की राकेश चाचा उनके कॉलेज में थे. पापा ने ज्यादा ध्यान नहीं दिया.
फिर माँ रुक गई और आगे कुछ बताया नहीं. लेकिन जितनी बाते बताई उतनी मेरे शक को पूरा करनेकेलिए काफी थी. मुझे इतना पता चल गया की माँ और चाचा शादी के बाद भी एक दुसरेसे बाते करते थे. और सब कुछ चुपके होता होगा. और शायद मिलते भी होंगे. लेकिन कभी किसी को पता नहीं चला.
अब मेने माँ पे ज्यादा ध्यान देना सुरु किया. कुछ ही दिन बाद माँ फिर से चाचा से बाद कर रही थी फोन पे. धीमी बात चल रही थी ताके मुझे सुनाई ना दे. में चुपकेसे किचन के बहार आई और उनकी बाते सुनाने लगी. माँ ने चाचा को पूछा कहा मिलना है. बाते सुनकर पता चला की चाचा घर आने का प्लान कर रहे है.
पापा काम से बहार गए थे. और में १० बजे कॉलेज चली जाती हु तो घर में कोई नहीं होता. माँ ने चाचा को घरपे ११.३० बजे आने कहा. में समज गई कुछ तो होने वाला है.
बात दो दिन बाद मिलने की हु थी. अब मेरे पास सिर्फ एक ही दिन था कुछ सोचने केलिए. में कॉलेज में पूरा दिन इसी बाहेर में सोच रही थी. सोचते सोचते मेरी नजर कॉलेज में लगे कैमरा पे गई. तब मुझे तरकीब सूचि.
मेने ऑनलाइन २ कैमरा मगाये. वो बहोत ही छोटे कैमरा थे जो में कही पे भी छुपा सकती हु. उन कैमरा को मेने माँ घरपे नहीं थी तब एक उसके रूम में लाइट के पीछे लगा दिया. ऐसे लगाया की पूरा कमरा ठीक तरीकेसे दिखे. और दूसरा हॉल में लगा दिया. उन दोनों कैमरा को में अपने मोबाइल से देख प् रही थी. काफी क्लियर वीडियो आ रही थी.
मेने तुरंत सब ठीकसे लगा दिया. अब वो दिन आ गया जिस दिन का मुझे इंतजार था. में अपने हररोज के वक्त पे घर से कॉलेज के लिए निकली. कॉलेज के पीछे एक बड़ा मैदान था. जहा सभी कॉलेज के लड़के और लड़किया खेलते थे. मैदान में बैठने की वेवस्ता थी. तो में एक अशी सी जगा ढुंडके बैठ गई.
अभी ११.३० बजने ही वाले थे तो मोबइल पे कैमरा के वीडियो देखने लगी. वीडियो में माँ अपने काम करते हुए दिख रही थी. फिर करीब ११.३५ को दरवाजे की घंटी बजी. माँ ने जाकर दरवाजा खोला. और जैसे सोचा था, वो राकेश चाचा ही थे. माँ ने उनको अंदर आने कहा.
चाचा अंदर आये और माँ ने दरवाजा बंद किया. दरवाजा बंद करते ही चाचा ने पहला सवाल पूछा कोई है घरमे और. तो माँ ने हसकर जवाब दिया नहीं कोई नहीं. में ही सिर्फ. जैसे माँ ने कहा कोई नहीं. राकेश चाचा ने चरण माँ के गांड पे हात लगाया और उसकी गांड दबाई. माँ ने पिले रंग की साड़ी पहनी थी.
दोनों फिर हॉल कुछ देर बैठे. माँ राकेश चाचा के बगल में ही बैठी थी. राकेश चाचा ने उसका पल्लू निचे उतार दिया और माँ के मम्मे दबाने लगे. माँ भी बहोत प्यार से उनकी और झुकर बैठी थी. दोनों कुछ बाते कर रहे थे. बात करते करते चाचा ने माँ का ब्लाउज़ खोल दिया. जैसे ब्लाउज़ निकला, माँ के दोनो बड़े बड़े आम जैसे मम्मे बहार निकले. चाचा ने चरण दोनो हतोसे मम्मे दबाना सुरु किया. दोनों होठों पे चुम्बन लेने लगे. काफी गहरा प्यार लग रहा था. क्यूंकि माँ भी राकेश चाचा को पूरा सहायता दे रही रही थी. चाचा ने मम्मे दबाना सुरु किया तो माँ ने भी अपन हात राकेश चाचा के लंड पे रखा और वो पैंट के ऊपर से ही चाचा का लंड मसलने लगी. अहहह हहहहहहह.. माँ बहोत ही उत्तेजित लग रही थी.
माँ ने कुछ देर बाद चाचा की पैंट की चैन खोली और चाचा ला लंड बहार निकाला और मुठीमे लंड को कसकर पकड़के वो उसे जोर जोर से ऊपर से निचे हिलाने लगी. चाचा की बढ़ती हुई उत्तेजना ने उने मजबूर कर दिया के माँ के मम्मे जोर जोर से दबाये. और होठोंका रस पिए. वो माँ का मोह दोन्ही हतोसे पकड़के उसके पुरे मुँह पे चूमने लगे. गालोको चुम रहे थे. फिर गर्दन पर चुम रहे थे.
धीरेसे निचे ए और माँ की चूचिया मुँह में लेके चूसने लगे. अहहह अहह. मां आवाज करने लगी अहहह हां अहह यह आ उम्म्म मम अम्मा अम्मा ममममम.
दोनों की गर्मी बढ़ते हुए रफ दिख रही थी. यहाँ में खुले में बैठी थी. मेरी भी चुन सलवार के निचे गरम होने लगी. में आस पास ध्यान दिए हुए थी. कोई देख ना ले मुझे.
राकेश चाचा ने काफी देर माँ के मम्मे चूसे और फिर वो पीछे हो गए. फिर माँ झुकी निचे और चाचा ला लकड़ी जैसा तनाहुआ लंड मुँह में ले लिया और चूसने लगी. माँ लंड को ऊपर निचे हिलाते हुए अपने मुँह में ले रही थी. माँ को लंड चूसते देख मुझे भी लंड को चूसने का मन होने लगा.
मेने आस पास देखा तो दूर कुछ लड़के क्रिकेट खेलते हुए लंड को खुजाते हुए दिख रहे थे. चुत को आज लंड देखने का मन कर रहा था. जो भी लड़का सामनेसे जा रहा था, में उसको देखने की बजाय उसके लंड की तरफ देख रही थी.
वहा माँ जिस तरह चाचा का लंड चूस रही थी. ऐसे लग रहा था काफी लंड चूसने का अनुभव है. पूरा लंड मुँह में लेके अंदर दबा रही थी. और फिरसे जीभ से चाटके हिला रही थी.
काफी देर माँ ने लंड को चूसा. फिर पीछे हो गयी. राकेश चाचा माँ के सामने खड़े हो गए. उन्होंने माँ का सर दोनो हतोसे पकड़ा और माँ के मुँह में लंड घुसेड़ा. लंड को माँ के मुँह में अंदर बाहर करने लगे और मजे लेने लगे अहह आहह अहह हां अहहह हहहह अहह है अहहहहहहह… धीरे धीरे माँ के मुँह को कुछ देर चोदा फिर जोर जोर से चोदने लगे. गांड आगे पीछे हिलके लंड को पूरा माँ के मुँह में दाल रहे थे और चोद रहे थे. काफी देर माँ के मुँह को चोदा फिर पीछे हटे.
बादमे माँ को कमरेमे ले ए. माँ की साड़ी खुल गई थी. वो असेही हात में पकड़ कर कमरेमे आ गई. राकेश चाचा ने कमरा बंद किया और माँ का ब्लाउज़ और साड़ी पूरी खोल दी. माँ सिर्फ निकर पर खड़ी थी.
माँ के मम्मो को देख जोर से उन्हें दबाया. फिर माँ को बेड पर लिटा दिया. खुदके पुरे कपडे निकाले और बेड पर चढ़ गए. माँ की निक्कर दोनों हतोसे पकड़के निचे खींच दी और उसे पूरा नंगा कर दिया. फिर उसके पैर फैलाये और चुत को चाटने लगे. माँ तड़पने लगी और चिल्लाने लगी. अहहह आहह हहह ह इफ्फ्फ्फफ्फ्फ़ आहहह अहहह अहह हाहाहाःहाहा… राकेश आहह हाहा हहह हहह हां हहह….
राकेश चाचा पूरी जीभ माँ के चुत पे घुमा रहे थे. और माँ का चुत का दाना चूस रहे थे. ऊँगली चुत में डालके अंदर बहार करने लगे. अहहहहहहह हहहहहहह. वो देखके मेरी चुत ने पानी छोड़ना सुरु किया.
मेने अपने पैर एक के ऊपर एक रख दिए ताकि चुत पेरोमे दबी रहे और ज्यादा पानी नहीं निकालें. चाचा ने काफी अछि तरीकेसे माँ की चुत को चाटा. फिर उन्होंने अपना लंड आगे लिया और धीरेसे चुत में धकेल दिया. लंड को अंदर धक्का देते हुए वो माँ के ऊपर सो गए. निचेसे लंड चुत में घुसा दिया और ऊपर होठोंको चूमने लगे.
फिर चाचा ने माँ को चोदना सुरु किया. अहहह अहा हां हाहा हां अहह आह्हः.. बहोत मजा आ रहा था. अहहह हाहा हां अहह अहह हां अहह…. इमम्म अम्मामा अहह अहह अहःअहः.. दोनों भी चोदने का पूरा अनंदा ले रहे थे.
फिर राकेश चाचा ने माँ को उल्टा सुलाड़िया. अब वो माँ की गांड के साथ खेलने लगे. माँ की गांड काफी बड़ी और लचीली थी. चाचा ने जोर जोर से गांड को दबाना सुर किया और गांड के चुम्बन लेने लगे. गांड पे बैठ गए और अपने लंड को गांड की दरार घिसने लगे. अहहह अहह हहहहहहहहह.. बहोत मजे लेके चाचा माँ की गांड की दरार में लंड घुसा रहे थे.
फिर उन्होंने माँ को घोड़ी बना दिया. माँ का मुँह निचे बेड पर और पीछे गांड ऊपर कर दी. फिर चाचा पिछेसे आये और उन्होंने लंड को चुत में डाल दिया. लंड को पुराण अंदर घुसेड़ के माँ की कमर पकड़ी और जो पेलना सुरु किया. अहहह हहहह हहहहहहह.. राकेश चाचा ने जोर जोर से माँ को ठोकना सुरु किया. अहहह अहहहह हहहह.. लंड पूरा अंदर घुसेड़ के चोद रहे थे.
माँ भी चिल्ला रही थी और चाचा भी. अहहहहहहह. यहाँ मेरी चुत ने भी पानी छोडना सुरु किया. अहाहा.. में पेरोके बिच चुत को दबाकर रखा था. लेकिन ज्यादा देर तर नहीं रोक सकती थी. वहा चाचा ने जोर जोर से माँ को चोदना सुरु किया और वो देखकर मेरा गाला सुकने लगा.
कुछ देर बाद चाचा का पानी निकलने वाला था तो उन्होंने अपना लंड चुत से बहार खींचा और पुराण पानी माँ की गांड पे और चुत पे उड़ा दिया. अहहहहहह.. यहाँ मेरी भी चुत ने पानी निकाला.
मेरी पूरी निकर गीली हो गयी.
फिर चाचा कुछ देर माँ के साथ सो गए. और फिर निकल गए. उस दिन मुझे पता चला की माँ चाचा से हर बार चुदवाती है. दोनों अभी भी एक दूसरे को प्यार करते है. अपना प्यार तो लोगो से छुपा लेते है. लेकिन शरीर की भूक को नहीं छुपा पाते.