बॉयफ्रेंड ने मेरी ही माँ को चोद दिया

मेरा नाम नैना है. में २४ साल की हु और माँ के साथ रहती हु. जब से मेरे माता पिता का डिवोर्स हुआ है, में और मेरी माँ हम दूसरे शहर में रहने आ गए थे. नया शहर था. नए लोग मिल रहे थे. काफी कुछ बदलाव से गुजरना पड़ा मुझे. उसी दौरान मेरी दोस्ती आशीष से हुई.

आशीष मेरे ही ऑफिस में काम करता था. धीरे धीरे कब दोस्ती प्यार में बदल गयी पता ही नहीं चला. जैसे जैसे हमारी नजदीकियां बढ़ने लगी. आशीष ने मेरे कोमल शरीर का उपयोग करना सुरु कर दिया. मुझे भी बहोत आनंद मिल रहा था. इसलिए मेने कभी आशीष को रोका नहीं. कुछ महीनो बाद हम रूम पे जाने लगे. पूरा पूरा दिन आशीष मुझे चोदता था. मेरी चुत से खेलता रहता था. उसे मेरे बड़े बड़े मुलायमसे स्तन बहोत पसंद आते थे.

जब भी मौका मिलता, में घर पे झूट बोल के आशीष से मिलने जाती थी. ६ महीने के इस प्यार में, राहुल ने २० से ज्यादा बार रूम पे ले जाकर चोदा था.

हलाकि माँ को मेने अभी तक आशीष के बारेमे कुछ बताया नहीं था. लेकिन उसे कुछ कुछ एहसास हो गया था की कोई तो लड़का है जिससे में मिलती हो.

एक दिन माँ ने मुझे पूछ ही लिया की कौन है वो लड़का. में तब बहोत ही डर गयी थी. डरते डरते मेने बता दिया माँ को की मेरा बॉयफ्रेंड है. जिसका नाम आशीष है.

माँ मेरी बात सुन बहोत कुछ हुई. माँ ने मुझे आशीष को घर बुलाने को कहा. मेने तुरंत आशीष को फोन करके जो हुआ वो बता दिया.

आशीष भी मेरी बात सुन कुश हुआ. उस दिन के बाद से आशीष का मेरे घर आना जाना लगा ही रहता था. माँ से उसकी अच्छी जम गयी थी. दोनों घंटो तक बाते करते रहते थे. में माँ के साथ बाजार जाया करती तो आशीष भी हमारे साथ आया करता था.

में बहोत ही कुछ थी क्यूंकि माँ को भी आशीष अच्छा लगने लगा था.

ऐसी ही कुछ दिन बीत गए.

एक दिन हमारे ऑफिस में मुझे पता चला की सभी पिकनिक जाने वाले है. तबतक आशीष ने मेरे ऑफिस से जॉब छोड दिया था. मेने माँ को बताया की इस शुक्रवार को हमारी ऑफिस की पिकनिक जाने वाले है. २ दिन तक वहा पे ही रहना है. रविवार की शाम को वापस आ जायेंगे.

आशीष को भी मेने ये बात बता दी. में दूसरे ही दिन अपने तैयारी में लग गयी. आखिरकार जानेका दिन आ ही गया.

में घर पे नहीं रहूंगी इसलिए माँ ने भी अपनी बहन के घर जाने का विचार किया था. में घर से निकली और ऑफिस में बैग के साथ पोहच गयी. बहार सुहाना मौसम था. रात भर काफी बारिश हुई थी. कुछ देर बाद बस आई और हम सारे बस से निकल पड़े.

सफर काफी मजेदार चल रहा था. करीब २ घंटे हो चुके थे हमें निकले हुए. कुछ दूर आने के बाद बस अचानक से रस्ते में रुक गयी. आगे देखा तो ट्रैफिक जाम लगा था. पुलिस भी खड़ी थी.

काफी देर तक बस खड़ी रही. फिर एक पुलिस वालेने आकर बताया की बस आगे नहीं जा सकती. क्यूंकि आगे के रस्ते पे पहाड़ से बड़ी बड़ी चट्टानें रस्ते पे आकर गिरी है. पूरा रास्ता बंद हो चूका है. रात भर बारिश की वजसे ये हादसा हुआ है. करीब दो दिन लगेंगे इस रस्ते को पूरा साफ होने में.

ये सुनकर सारे बस में बैठे मेरे दोस्त चौक गए. कुछ देर वह रुकने के बाद आखिरकार हमारे मैनेजर ने वापस जानेका फैसला किया. बॉस ने भी वापस आने को कहा. हमारी ट्रिप अब रद हो चुकी थी.

सारे मायूस हो गए. कुछ घंटो बाद बस ने हमें फिर ऑफिस पे लाकर छोडा. सारे लोक घर जाने लगे. में भी ऑटो पकड़ कर घर आ गयी. माँ ने मासी के घर जाने का प्लान किया था. इसलिए मुझे लगा माँ चली गयी होगी.

मेने अपने पास जो घर की चाबी थी वो बैग से निकाली और दरवाजा खोल कर अंदर आ गयी. काफी थक गई थी इसलिए मेने सोचा कमरेमे जाकर थोड़ा आराम कर लेती हु.

लेकिन जैसे ही मेने कमरेका दरवाजा धीरेसे खोला अंदर जो मेने देखा वो देख मेरे तो होश उड़ गए. अंदर बेड पर माँ सोइ हुई थी. माँ का ब्लाउज़ और ब्रा बेड के पास निचे पड़ा हुआ था. उसके बगल में आशिस की टीशर्ट पड़ी थी.

सामने देखा तो माँ के उपर आशीष लेटा हुआ था. और वो माँ के मम्मो को दोनों हातोंसे दबा दबाकर उसके निप्पल को चूस रहा था. माँ की सिसकती हुई आवाज कमरेमे गूंज रही थी. में सहम गई. मेने दरवाजा थोडासा खुला छोड़ अंदर झांककर माँ और मेरे बॉयफ्रेंड को देखने लगी.

मुझे तो कुछ समज नहीं आ रहा था की क्या हो रहा था. मेरे दिमाग ने काम करना ही बंद कर दिया था.

काफी देर तक आशीष मेरी माँ के मम्मे दबा दबाकर चूस रहा था. फिर उसने धीरे धीरे निचे जाना सुरु किया. वो माँ के पेट पर चूमने लगा. जीभ नाभि के ऊपर गोल गोल घुमाकर चाटने लगा. माँ मचलने लगी. सिसकते हुए आवाज करने लगी. अहहह हां अहहह हहहह हहहहह……

देखते ही देखते आशीष ने माँ की साड़ी उतार दी.

माँ अब सिर्फ निक्कर पर सोइ हुई थी. माँ की निक्कर देख आशीष और उत्तेजित हो उठा. वो अपना मुँह माँ की निक्कर पर रख चुत पर रगड़ने लगा.

कुछ देर बाद आशीष ने माँ की निक्कर दोनों हातोंसे पकड़ी और निचे खींच ली. जैसे माँ की निक्कर निकली, माँ अब पूरी नंगी आशीष के आखो के सामने पड़ी हुई थी. आशीष ने एक नजर माँ की चुत को देखा और फिर माँ के दोनों पैर फैलाकर जो उसने माँ की चुत को चाटना सुरु किया. में देखकर चौक गई.

आशीष पागल कुत्ते की तरह माँ की चुत को चाट रहा था. मुझे उसकी जीभ माँ की चुत पर ऊपर से निचे घूमते हुए आखो के सामने दिख रही थी. वो कभी जीभ को चुत के अंदर डालता तो कभी चुत के आस पास घुमाकर चाट रहा था.

वह माँ उत्तेजित होकर अपने हातोंको बेड पर घिस रही थी. माँ के चेहरेपर जो हवस से भरी भावना दिख रही थी, वो देख मेरी चुत ने पानी गिराना शुर कर दिया. में आशीष को मेरी माँ की चुत को चाटते हुए देख उत्तेजित हो उठी. मेरा हात अपने आप मेरे चुत पर चला गया और में माँ और आशीष को देख अपनी चुत को सहलाने लगी.

अहह अहहह… मेरी चुत भी काफी गरम हो चुकी थी. मुझे समज नहीं आ रहा था में क्या करू. में अपनी चुत को सहलाते हुए जो आनंद मिल रहा था. में उसमे बह गयी.

कुछ देर आशीष ने माँ की चुत चाट ली. फिर वो पीछे हटा. तुरंत बेड पर खड़े होकर उसने अपनी बची हुई पैंट और निक्कर भी बदन से हटा दी. माँ के सामने पूरा नंगा होकर लंड को हिलाते हुए वो निचे बैठा. उसने माँ को हात पकड़ कर उठाया और अपने लंड के सामने बिठाया.

जैसे माँ उठी, उसने बिना देरी किये तुरंत आशीष का लंड अपने मुठी में पकड़ लिया और मुँह में लेकर चूसने लगी. में ये सोच कर परशान थी की माँ को जरा भी शर्म नहीं आ रही थी की वो अपने ही होने वाले दामाद का लंड ऐसे चूस रही है.

माँ ने आशीष का तनाहुआ लंड पूरा अंदर लेकर चूसना शुरू कर दिया. जिस तरह वो आशीष के लंड को चूस रही थी. माँ के मुँह में लंड देख मेरे मुँह से पाने आने लगा. क्यूंकि वो मेरा लंड था. वो मेरे मुँह में होना चाहिए था.

माँ के मुँह में लंड देकर आशीष आह भर रहा था. आशीष ने माँ का सर पकड़ उसके मुँह में अपना लंड आगे पीछे करना सुरु किया. मुझसे अभी रहा नहीं गया. मेने तुरंत अपनी सलवार निचे की और निक्कर भी घुटने तर उतारी और मेरी चुत को उंगलियों से रगड़ने लगी. चुत से बहोत ज्यादा पानी निकल रहा था. वो चिप चिपा पानी में चुत पर लगाकर रगड़ने लगी.

माँ ने कुछ देर लंड को चूस चूस कर गिला कर दिया. फिर वो फिर से पीछे लेट गयी. अब आशीष ने माँ के पैर फैलाये और तनेहुए लंड को धीरेसे माँ की चुत में डालना सुरु किया.

अपने बॉयफ्रेंड का लंड माँ की चुत में जाते हुए देख में पानी पानी हो गई. जैसे लंड चुत में जाने लगा. यहाँ मेने अपनी ऊँगली अपने चुत में डालना सुरु किया…. अहहह अहहहहहह… मेरे चुत लंड को देख तड़पने लगी. ऐसे लग रहा था की कोई मुझे भी आकर चोदे. मेरी चुत में लंड डालकर चोदना सुरु करे.

आशीष ने लंड को माँ की चुत में पूरा घुसाकर उसके उपर लेट गया. और फिर कमर आगे पीछे कर वो माँ को चोदने लगा. अहह आह्हः हहहहह …..दोनों होटो पर चुम्बन लेते हुए आनंद ले रहे थे. मेरी आखो के सामने आशीष का लंड माँ की चुत में अंदर तक जा रहा था.

यहाँ में अपनी ऊँगली को जोर जोर से चुत में डाल चुत का आनंद लेने लगी. मेरी सारी उंगलिया चुत के पानी से गीली हो चुकी थी.

आशीष ने कुछ देर माँ को चोदा फिर उसे उल्टा सुलाके माँ की गांड को चाटने लगा. माँ की बड़ी गांड दोनों हातोंसे दबा दबाकर चाट रहा था. फिर माँ की गांड पर बैठ अपना लंड माँ की गांड के बिच डाल घिसने लगा.

आशीष को ऐसा करते हुए देख में एक हात से अपनी चुत मसल रही थी और दूसरे हातोंसे अपनी ही गांड को दबाकर आनंद लेने लगी. अहह अहह… अहहहहह. काफी मजा आ रहा था.

आशीष ने माँ की पीठ पर हात घुमाते हुए गांड को सहलाया और फिर उसने माँ को घोड़ी बनाया. माँ जैसे ही घोड़ी बनी, आशीष ने पीछे से अपना लंड में पकड़ कर धीरेसे माँ की चुत में धकेल दिया. धीरे धीरे आशीष का लंड माँ की चुत में चला गया. पूरा लंड माँ की चुत में डालकर उसने माँ की कमर को दोनों हातोंसे पकड़लिया और पीछे से माँ को चोदने लगा.

माँ चिलाने लगी. अहह हहह……. आशीष बेटा चोद मुझे. आह्हः हहहहहहहह…. मजा आ रहा है….. अहह आह्हः हहह…….

आशीष भी कहने लगा…. हा माँ…. अब तो में तुम्हे जीवन भर चोदने वाला हु. तुम्हारा दामाद तुम्हारी बेटी को और तुम्हे दोनों को साथ चोदेगा.

यह बात सुन में पगला गई. मेने अपनी ऊँगली चुत में घुसाकर जोर जोर से चुत को हिलना सुरु किया. आशीष और माँ की बातो ने मुझे पागल कर दिया. .. दोनों भी खुलकर चुदवा रहे थे.

माँ की चिलानेके की आवाज मेरे कानोंमें बजने लगी. आशीष भी जोर जोर से माँ को चोद रहा था.

पूरा माहौल ऐसा था की तीनो भी हवस से भरे हुए थे और आनंद ले रहे थे. आशीष ने वहा अपनी गति बधाई और मेने यहाँ अपनी चुत को जोर जोर से मसलना सुरु किया. अहह अहह हां हाहाहाहा….

चोदते चोदते आशीष ने अपना लंड बहार निकाला और माँ की गांड पे पूरा पानी उड़ा दिया. उसी वक्त मेरी भी चुत ने अपना पानी छोड दिया….

आशीष के लंड से पानी की बौछार निकली. माँ की गोरी गांड पे मुझे चिप चिपा आशीष का पानी नजर आ रहा था. यहाँ मेने अपना हात देखा तो वो पूरा चुत के पानी से भरा हुआ था.

में धीरे से पीछे हटी और अपनी बैग लेकर घर से बहार चली गई. कुछ देर बहार रहने के बाद मेने बहार से माँ को फोन किया और कहा की में घर आ रही हु. पिकनिक रद हो गई है.

जब में घर आई तो आशीष घर से जा चूका था. सिर्फ माँ घरमे थी. माँ ऐसे बर्ताव कर रही थी जैसे कुछ हुआ नहीं. लेकिन उसे क्या पता की मेने पूरा सिनेमा देख लिया था.

उस दिन मुझे पता चला के मेरे घर पर न होने पर आशीष घर आकर मेरी माँ को चोद रहा था.

Loading

1
0

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

The maximum upload file size: 64 MB. You can upload: image, audio, video, document, spreadsheet, interactive, text, archive, code, other. Links to YouTube, Facebook, Twitter and other services inserted in the comment text will be automatically embedded. Drop file here