दामाद को चोदने के लिए उकसाया

यहाँ घर पे मेरी बेटी की शादी की बात चल रही थी. हमने उसकेलिये एक लड़का धुंध लिया था. १ ही साल में हमने उसकी शादी कर दी. लड़का दीखनेमे काफी अच्छा था. मेरी बहोत इज्जत करता था. बेटी और दामाद शादीकेबाद घर आया जाया करते थे. सबकुछ ठीक होनेके बावजूत.

एक चीज जो मुझे परेशान करती थी वो थी मेरी बढ़ती वासना. मेरे पति को मेरी कोई फ़िक्र नहीं थी. अकेले घर में रहके मेरी चुत मुझे बहोत परेशान करने लगी थी. कितने दिनों से मेने चुदवाया भी नहीं था. समज नहीं आ रहा था की क्या करूँ. रातको चुत को सहलाके, ऊँगली डालके मजा नहीं आता. मुझे एक लंड की जरुरत थी.

कुछ ही हफ्तों बाद मेरी बेटी ने मुझे फोन करके कहा की वो और दामाद घर आ रहे है. इसबार वो ३ से ४ दिन रहने वाले है. में बहोत कुछ हुई. शामको वो लोग आये. हमने बहोत बाते की. मेने उनके लिए अलग सा कमरा साफ करके रखा था. रत हो गई और वो कमरेमे चले गए. में भी अपने कमरे में आई.

मुझे नींद नहीं आ रही थी. करीब १ बजे मुझे पास के कमरेसे आवाज आने लगी. आवाज दामाद की थी. में धीरेसे अपने कमरेके बहार आई वो दामाद और बेटी के कमरेके बहार खड़ी होक सुनने लगी. तभी मुझे दामाद जी की आवाज आने लगी. ऐसा लग रहा था की उसकी सास फूली हुई है. और बेटी के मुँह से ऐसे आवाज आ रही थी. अहाहा अहह अहाहा अहह आहाहा….

तभी में समाज गई. के अंदर दोनों का कार्यक्रम चल रहा है. दामाद के घर सभी एक सात रहते है तो वह पे ये सब करने नहीं मिलता होगा. आज उनको मौका मिला है तो पूरा उपयोग कर ले रहे है. दामाद बहोत जो जोर से मेरी बेटी को चोद रहा है ऐसे मुझे महसुसु हुआ.

में फिर से जाकर अपने कमरे में सो गयी. दूसरे दिन सुबह. में जल्दी उठ गयी थी. मेने नाहा लिया और दामाद और बेटी के लिए चाय नास्ता बना लिया था. कुछ ही देर में दामाद जी कमरेसे बाहर आहे. वो जल्दी उठ गए थे. दामाद ने कहा की में नाहा लेता हु. बेटी अभी सोइ हुई थी.

दामाद नाहने चला गया. दामाद ने अपने कड़पे लिए और बाथरूम में चला गया. कुछ देर बाद मुझे याद आया की बैठूं के दरवाजेकी जो कुण्डी है. उसके निचे का एक पेच निकल गया था. जिस वजसे वह एक गधा हो गया था. बाहेर से अगर देखे तो अंदर का सब दिख जाता था. किसी को इस बात का पता नहीं था.

मेने सोचा यही मौका है देख लेती हु दामाद को नहाते हुए. पहले मेने बहार बेटी के कमरेकी और देखा. वो अभी भी सो रही थी. फिर धीरे से में बाथरूम के पास आई और अंदर झाकने लगी. अंधेर जो दिखा वो दिखाके में बहोत खुश हो गयी. अंदर दामाद पूरा नंगा था. उसने अपने शरीर पे साबुन मलना सुरु किया था. ऊपर से निचे तक वो साबुन मलने लगा. मान कर रहा था की में अंदर जाके खुद उसके शरीर पे साबुन लगा के दे दू.

फिर अपनी पीठ पे और गांड पे साबुन मलने लगा. आखरी में वो अपने लंड पे आया और लंड पे साबुन लगाके लंड को जिसने लगा. उसका लंड लम्बा था. निचे झूल रहा था. दामाद ने अपने लंड को हाट में पकड़ के उसे देखते हुए ठीक से घिसना सुरु किया. घिसते घिसते लंड अपने अपन तन गया और पूरा तनेके बाद वो करीब ७ इंच का दिख रहा था. दामाद का बड़ा लंड देखके मुझे महसुसु हुआ की इसी वजसे मेरी बेटी काल रात को चीख रही थी. उसकी चुत में तो लंड पूरा अंदर तक गया होगा.

मेरे पति का लंड तो काफी छोटा है. दामाद का लंड देखके मुझे कुछ होने लगा. मेरी चुत खुजलाने लगी. मुँह में पानी आने लगा. दामाद ने अपने लंड को रगड़ रगड़ के घिसा फिर पानी डालके उसे ठीक तरसे धो दिया. फिर दामाद पानी डालके नहाने लगे.

बेटी उठ जाये उसके पहले में वह से हट गई और किचेन में एके खाना बनाने लगी. दामाद नहाके बहार निकले और उन्होंने बेटी को उठा दिया. हमने साथ में मिलके नास्ता किया. पुरदीन हम घरपर ही थे. टीवी देख रहे थे. बाते कर रहे थे. जब जब दामाद मेरे सामने आ रहे थे, मेरा ध्यान बार बार उनके लंड की और ही जा रहा था. सुबह देखा हुआ लंड बार बार याद आ रहा था.

ऐसे अपनेही दामाद के बारेमे सोचना साथी नहीं था, लेकिन में भी क्या करती. मेरी चुत को कोण समझाए. वो बार बार मेरा ध्यान भटका रही थी.

कुछ देर बाद बेटी पडोसीके आंटी के घर उनको मिलने गई थी. में किचेन में काम करने लगी. तभी दामाद जी किचेन में पानी की बोतल लेने आये. मेने उनको फ्रिज से लेनेकेलिए कहा.

काम करते समय मेरी नजर पास ही रखे थाली पर पड़ी. उसमे मुझे दिखा पीछे खड़े दामादजी मुझ देख रहे है. दामाद मेरी पीठ को निहार रहे थे. पानी पीते हुए मेरी गांड को निहारहे थे.

मेने सोचा अगर दामाद जी को मुझमे सच में दिलचस्पी है तो एकबार में पुस्टि कर लेती हु.

काम करते हुए मेने दामाद जी को कहा की मुझे गेहू को डिब्बे में भरनेमे मदत करदोगे. दामाद ने तुरंत हा कहा. मेने पास में रखा डिब्बा लिया. दामादजी सामने राखी १० किलो की बोरी को लेके आये. में निचे बैठ गई और दामादजी बोरी को उठाके गेहू डिब्बे में डालने लागले.

तभी मेने अपनी साड़ी का पल्लू जानबूझकर निचे गिरा दिया. मेरे स्तन का ऊपर का भाग दामाद को दिखने लगा. बिच की दरार साफ दिख रही थी. में डिब्बा पकड़ के निचे देखतेहुए ऐसेही बैठी रही ताकि दामाद जी ठीक से मेरे दोने स्तन को देख पाए.

कुछ देर बाद में घुटने पे बैठके और नजदीक आ गयी. मेरे दोनों हाट नजदीक किये जिससे मेरे स्तन बिच में दब गए. में जानबूझकर दामाद को ललचालरी थी . फिर मेने अपना पल्लू पूरा निचे गिरा दिया था.

डिब्बा भरने लगा. कुछ गेहू और बाकि थे बोरी में. उन्हें असेही रखनेकेलिए मेने कहा. डिब्बा बाजुमें खिसकाके में दमदजीके और करीब आ गई. और बोरी को बांधने लगी. . दामाद ने मुझे देखा और वो भी मेरी मदत करने लगे. खीचतान में दामाद की कोहनी मेरे स्तन को रगड़ने लगी. वो जानबूझकर कोहनीसे मेरे स्तन को दबा रहा था.

मुझसे मुलने वाले प्रोत्साहन से उसका आत्मविशव बाद गया वो दामाद ने धीरेसे अपनी उंगलिया स्तन पे लगायी. में ऐसे दिखा रही थी कुछ हुआ ही नहीं. और बोरी को बाँधनेमे व्यस्त थी. दामाद ने पहले तो ऊँगली लगाके स्तन को दबाया. फिर धीरेसे बाया स्तन दबाने लगा. अहहह हहहहह अह्हह्ह्ह्ह…. फिर मेरे दाये स्तन पे भी हात लगाया और दबाने लगे. इस वक्त में मुँह से आवाज करने लगी. अहहहहह ाहाहाःहाहा.. दामाद ने अभी जोर जोर से मेरे बड़े बड़े दूध से भरे मम्मे दबाना सुरु किया. बहोत दिन के बाद किसी जवान मर्द ने मेरे मम्मो को दबाया है. मजा आने लगा.

मेरे चेहरेपे फैली उत्तेजना दामाद ने भाफ ली और नजदीक एके उसने मेरे होठोंको चुम लिया. अमम अमम मममम मममम.. अहहह……दोनो हतोसे मम्मे दबा दबाके होठोंका रस वो पि रहा था.

मुझसे भी रहा नहीं गया तो मेने उसकी पैंट पे हात लगा दिया. सीधा उसका लंड सहलाने लगी. पैंट के ऊपर से महसुन हो रहा की दामाद का लंड खड़ा हो रहा है. इतना आनंद मिल रहा था की मेने अपने आपको उसके तरफ मोड़ लिया. दामाद एक हतोसे मेरे मम्मे दबा रहा था. ऊपर होठोंको चुम रहा था. और दूसरा हात मेरी पीठ से होक मेरी गांड पे ले आया और गांड को दबाने लगा. अहहहह अहहहहहहहहहहह…. मेरे पुरे शरीर को वो इस्तेमाल कर रहा था.

हम दोनों इस पल का आनंद ले ही रहे थे की तभी दरवाजेकी घंटी बजी. हम तुरंत पीछे हो गए. शायद बेटी वापस आ गयी थी. मेने तुरंत अपना पल्लू ठीक किया. और काम करने लगी. दामाद बहार गए और उन्होंने अपने कपडे ठीक करके दरवाजा खोला.

बेटी अंदर आई. हम दोनों ऐसे व्यव्हार कर रहे थे जैसे कुछ हुआ ही नहीं. दामाद और बेटी दोनों टीवी देखने बैठ गए. लेकिन मेरी चुत यहाँ फनफनाने लगी. चुत को अभी दामाद का लंड चाहिये था.

कुछ देर बाद मेरी बेटी किचेन में आई. और बोली माँ में बना देती हु सब्जी. तुम छोड दो. मेने मना करनेके बावजूत वो मानी नहीं. जिद करने लगी. आखिर में मुझेही पीछे हटना पड़ा. बेटी ने कहा की आप बहार जाके टीवी देखो. में भी दामाद के पास जाना चाहती थी. में बहार आई. दामाद मेरी तरफ हवस भरी आखोसे देख रहे थे.

लेकिन अभी कुछ करना बहोत ही ज्यादा जोखिम भरा था. बेटी को पता चला तो बहोत ही बवाल हो जायेगा. इसलिय में दामाद के करब नहीं गयी. उस बजाय मेने हॉल में जो अलमारी थी. उसमे राखी चीजे ठीक से रखना सुरु किया. मुझे वहा से बेटी की पीठ दिख रही थी. में काम में व्यस्त थी.

तभी अचानक दामाद जी अपनी जगसे उठे और मेरी पास एके खड़े हो गए और मेरी गांड दबाने लगे. में दर गारी. हम दोनों की नजर कीचे के अंदर किचेन में थी. जब तक बेटी पीछे मुड़के देखती नहीं तब तक ठीक था.

दामाद ने पूरा फायदा कर लिया. वो भी बहोत तप गए थे. एक हात से गांड दबा रहे थे. बिच बीचमे मेरी मम्मे दबाने लगे. काफी देर तक ये चला फिर वो अंदर किचेन में चले गए.

फिर हमने खाना खा लिया. और कल की तरह सोने चले गए.

मुझे रूम में नींद नहीं आ रही थी. में बेड पे सिर्फ करवट बदल रही थी. वहा दामाद मेरी बेटी को चोद रहा होगा और यहाँ मेरी चुत प्यासी थी.

अभी करीब १२.३० बज गए. अचानक मुझे मेरा दरवाजा खुलनेका बहस हुआ. मेने धीरेसे देखा तो अंधेरेमे कोई चलके आते हुए दिखा, फिर उसनेल लाइट लगाई तो पता चला की वो तो दामाद है. मेने धीरी आवाज में पूछा. दामाद जी आप यहाँ क्या कर रहे हो. बेटी को पता चल जायेगा.

दामाद जी दरवाजेकी कुण्डी लगाते हुए बोले, मेने उसे नींद की गोली दे दी थी. वो अभ सुभहि उठेगी.

वो सुन के में बहोत कुछ हो गयी. दरवाजा बंद करते ही. दामाद तुरंत मेरे बेड पे चढ़ गए और मेरे ऊपर एके मुझे होठोंपे चूमने लगे. दोनों भी बहुत तप गए थे. एकदुसरेको बाहोंमे जकड के हम होठोंको चुम रहे थे. बहोत सालाबाद किसी नवजवान को ऐसे गले से लगाकर मन को ठंडक मिली.

दामाद ने मेरी साड़ी निकलना सुरु किया. पहले उसने मेरे दुपटे को हटाया और मेरे स्तन के बिच की दरार में अपनी जीभ डालके चाटने लगा… फिर चुमतेहुए मेरे ब्लाउज़ को निकल दिया. अंदर ब्रा था. उसे भी चरण हाथ दिया. ऐसी लग रहा था की उसे कही पे चरण पोहचना है. जैसे ही मेरा ब्रा निकल गया. मेरे बड़े बड़े मम्मे उसने चूसना सुरु किये. चूचियों को मुँह में लेके स्तन दबा रहा था और चूस रहा था. मेरे मुँह से आवाज होने लगा. अहह हां अहा हां ाःहाहा हां ाहः हहहहहहह…

कई देर तक दामाद ने मेरे मम्मे चूसे फिर वो निचे की और जाने लगा. मेरे पेट पे चुमतेहुए मेरी नाभि पे आ गया. नाभि पे जीभ घूमने लगा. अहहह हां अहहह हहह हहह अहहहहहहह… मेरा जिस्म नाचने लगा. जीभ नाभि पर गोल गोल घुमा रहा था.

फिर वो और निचे गया और मेरी साड़ी खींच के निकल दी. अब सर मेरी पैंटी थी. दामाद ने मेरी जांघ को चाटना सुरु किया. अहहहह आह्ह्ह्हह्ह अहहहहहहह…. दामाद को चुत के इतने करीब पा कर में बहोत उत्तेजित हो उठी.

बहोत मजा आने लगा. धीरेसे दामाद मेरी पैंटी पर आ गए और हात घूमने लगे. गीली चुत ने पैंटी को भी गिला कर दिया था. दामाद ने पहले अपना टीशर्ट निकाल के फेक दिया.

फिर उसने मेरी पैंटी खींचकर निकाल दी. में अब पूरी नंगी दामाद के सामने सोइ हुई थी. दामाद ने मेरे पैर फैलाये और मेरी चुत पे अपना होठ रखके चाटने लगे. अहहह ाहः हां यह हहहहह हहहहहहहहह… चुत के अंदर जीभ डालके चाटने लगे. ाहाःहाता हा ाःहाहा हहहहहह.. काफी मजा आने लगा. में तो पागल ही हो गयी थी. दामाद बहोत मजे लेके चुत चाट रहे थे. aफिर उसने मेरी चुत में दो ऊँगली डाली और जोर जोर से रगडने लगे. अहह अहह अहह अहःअहः हां अहहह… काफी देर तक चुत को चाटा.

फिर वो पीछे हुए. अब वो मेरे ऊपर ६९ में आये. और मेरे मुँह में लंड घुसेड़ दिया. निचे मेरी चुत को फिर से चाटना सुरु किया. जैसे दामाद का लंड मेरे पास आया. में उससे जोर जोर से हिलके चूसने लगी. मुँह में लेके चाटने लगी. अहहहहह अहहहहहह… जवान आदमी का लंड काफी रसीला होता हे ये मुझे पता चला. ाहाःहाहा हां ाःहाहा हहहहहह अहहहहहह ाहाःहाहा… मजा आने लगा.

मुझे इतना मजा आ रहा था लंड चुसनेमे के में लंड को पूरा अंदर लेके जीभ से चाट रही थी. जितना हो सके उतनी देर मुँह में रख रही थी. लंड के गुलाबी भाग पे जीभ रगड़ रगड़ के चाट रही थी. काफी देर बाद दामाद मेरे ऊपर से उठे. फिर उन्होंने मेरे पैर फैलाये और लंड चुत में डालके मेरे ऊपर सो गए. और चुम्बन लेते हुए निचे से चोदना सुर किया. ाहाःहाहा… लंड पूरा अंदर तक जा रहा था. बहोत मजा आने लगा. ाःहाहा हहहहहहहहहहह… दामाद जोर जोर से धक्के देने लगे. लंड को बहार निकाल रहे थे और जोर से धक्का देते हुए चोद रहे थे. अहहहहह. चुत ने पानी छोड़ना सुरु किया. दामाद जी लेकिन रुके नहीं.. उन्होंने चोदना जारी रखा. ाहाःहाहा हहहह हहहहहहहह

काफी शॉट मरे दामाद ने फिर पीछे हुए. अभी उन्होंने मुझे उल्टा करके घोड़ी बनादिया. घोड़ी बनके उन्होंने गांड पे हात रखके दबाना शुरू किया. दबाते दबाते गांड को चूमने लगे. फिर लंड को फिर से चुत में डालके चोदने लगे. अहहह हहहहहहह….. कमर को पकड़के जोर जोर से चोद रहे थे. अहहह हहहह हहहहहहहहह… काफी मजा आ रहा था. अहहहहहहहहहहह ाहाहाःहाहा

थोड़ देर बाद दामाद झड़ने वाले थे. तो उसने लंड चुत से बहार खींचा और मेरी गांड पे और चुत पे पानी उड़ा दिया. ाहाःहाहा अहहह.. गरम पानी मेरी चुत महसूस होने लगा.

फिर वो पीछे हट गए. और थोड़ी देर मेरी गांड के पास ही पड़े रहे. कुछ देर बाद उठके कपडे पहने और वो दामाद चले गए. मेने भी चड्डी पहनी और मैक्सी पहनी और सो गयी. दूसरे दिन जब बेटी उठकर कमरेसे बहार आई. में और दामाद नास्ता कर रहे थे.

उसे कुछ पता ही नहीं था की क्या हुआ. वो नाहने चली गयी. तभी दामाद मेरे पास आये और मेरे मम्मे दबाके मजे लेने लगे. ४ दिन दामाद और मेने बहोत मजे किये. बेटी को भनक तक नहीं लगनी दी.

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