ऑफिस की दोस्त को दिवाली के दिन चोदा

कुछ दिनों पहले की बात है. ऑफिस में दिवाली का त्यौहार मनाया जाना था. सारे लोगो को हॉल में बुलाया गया. सभी सज दज के ऑफिस आये थे. मेने भी शर्ट और जीन्स पहनी था. में अपने केबिन में काम कर रहा था तभी केबिन में समीक्षा आयी और उसने मुझे आवाज लगाई.

प्रीतम सभी को हॉल में बुलाया है. एचआर कुछ बाट रही है. मेने तुरंत अपना लैपटॉप बंद किया और समीक्षा के साथ हॉल में पोहचे.

हॉल में आते ही देखा तो आगे बहोत ही भीड़ थी. सामने एचआर खड़ी थी और सारे उसे घेरकर खड़े थे. समीक्षा और मुझे पीछे ही खड़ा रहना पड़ा.

समीक्षा मेरे आगे खड़ी हो गयी. हम एचआर की बाते सुनने लगे.

एचआर दिवाली के बारेमे कुछ बताने लगी. सभीको शुबकामनाएं दे रही थी. तभी यहाँ में समीक्षा को पीछे से देख अपनी कामनाये जगा रहा था. समीक्षाने सुनेरी रंग की सलवार कमीज पहनी थी. बहोत ही सुन्दर दिख रही थी. मेरी नजरे उसके कंधो से होकर पीठ से होते हुए उसकी बड़ी गांड पर चली गयी. समीक्षा की गांड बड़ी होने की वजसे बाहर की तरफ निकली हुई थी.

में समीक्षा की गांड को टटोल रहा ही था. की तभी पिछेसे और १० से २० लोग दूसरे टीम से आये. हमारे पीछे भीड़ बढ़ गयी. भीड़ इतनी हुई के मुझे ना चाहते हुए भी सकीशा को पिछेसे अपना शरीर टिकाकर खड़ा रहना पड़ा.

हॉल में शोर गुल चल रहा था. बिच बिच में लोग हस रहे थे. तालिया बज रही थी. यहाँ में अपने बदन को समीक्षा के पीठ पर टीकाकार खड़ा था. उसकी गांड ठीक मेरे लंड पे चिपकी हुई थी. जिस वजसे मेरा लंड तुरंत खड़ा हो गया.

भीड़ का फायदा उठा के मेने अपना लंड समीक्षा की गांड पे दबाये रखा. मेरा ध्यान अब पूरी तरह समीक्षा की और था. एचआर क्या कह रही है वो बाते मेरे कानो तक पहोच ही नहीं रही थी.

मेरी नजरे समीक्षा की गर्दन पे घूमने लगी. गर्दन पे चूमने का मन कर रहा था. तभी भीड़ ने पीछे से धक्का दिया तो मेने समीक्षा को सँभालने की कोशिश में दोनों हातोंसे समीक्षा की बाजु पकड़ली. समीक्षा ने कुछ नहीं कहा. अब मेरा पूरा शरीर समीक्षा की पीठ पर चिपक गया था.

काफी देर तक हम हॉल में ऐसे ही खड़े रहे. मेरा लंड पूरा तन गया था. समीक्षकी मोठी गांड का स्पर्श मुझे उत्तेजित कर रहा था.

फिर एचआर का बोलना बंद हुआ. सभीको लाइन से मिठाई का डिब्बा दिया गया. समीक्षा बाकि लड़कियों के साथ बाते करते हुए भीड़ में गायब हो गयी. मेने अपना डिब्बा लिया और फिर से अपने कोने वाले केबिन में आकर काम करते हुए बैठ गया.

में अकेला ही केबिन में था. बार बार अपने खड़े लंड को हातोंसे से मसल रहा था. मन में अभी भी समीक्षा के कोमल शरीर का स्पर्श ताजा था. एक अमीर लड़की के शरीर का स्पर्श मिला एहि मेरे लिए काफी था.

कुछ देर बाद सभ लोग घर जाने लगे. ऑफिस शांत होने लगा. मेरा लंड मेरे हातोंको बुला रहा था. मेने सोचा सभी लोग जाने के बाद बाथरूम में जाकर आज समीक्षा के नाम से हिला लूंगा.

में अपने ख्याल में ही था के तभी केबिन का दरवाजा खोला और समीक्षा अंदर आयी. में चौक गया. समीक्षा आयी और बोली में जा रही हु घर. मेने उसकी तरफ देखा दोनों एक दूसरे की तरफ अजीब ही नजरोसे देख रहे थे. हमारी आँखे कुछ कह रही थी. मेने सोचा यही मौका है कुछ कर लेते है. में मुस्कुराते हुए खड़ा हुआ. समीक्षा की तरफ बढ़ते हुए मेने समीक्षा को हैप्पी दिवाली कहा और गले लगाने की आशा से अपने हात फैला दिए.

समीक्षा ने मुझे रोका नहीं तो मेने सीधा जाकर समीक्षा को गले लगा लिया और हैप्पी दिवाली कहा. जैसे ही समीक्षा को गले लगाया मेरे दोनो हात उसके पीठ पर टिका दिए. अहःअहः. उफ्फ्फ्फ़ अह्ह्ह्ह…. गले लगातेहि समीक्षा के स्तन मेरे छाती पे लगने लगे. मेने गले लगाते हुए समीक्षा को करीब लिया. समीक्षा ने भी मेरे पीठ पर अपने हात रखे. दोनों ने भी एक दूसरे को जकड लिया.

मेने देखा की समीक्षा मुझे पकडे हुए है तो मेने उसकी पीठ पर अपने हात घूमना सुरु किया. समीक्षा सिसकने लगी. उसकी सिसकनेकी कानो में गूंजती आवाज ने मेरे अंदर के जानवर को जगा दिया. मेने समीक्षा को कसकर पकड़ा और उसकी गर्दन पे कीस कर दिया. मेरे किस करते ही समीक्षा के मुँह से आवाज निकली आहहह अहहहह. उफ्फ्फ्फ़ ष्षहष आअह्ह्ह.

अब में समज गया था की समीक्षा को भी यही चाहिए जो मुझे चाहिए. मेने उसके गर्दन से अपना मुँह उसके गालो पे ले आया. गालोको चूमने लगा. धीरे धीरे उसके होठ सामने आये और दोनों के होठ मिल गए. दोनों एक दूसरे को चूमने लगे. अहहह उसमसंसंस उम्म्म्म अहहह… बहोत ही कोमल थे समीक्षा के होठ. गुलाबी होठोंको चूमने में बहोत ही मजा आ रहा था.

चूमते समय मेरे हात समीक्षा के स्तनों को दबाने लगे. आहहह. काफी मुलायम थे समीक्षा के स्तन. ऐसे लग रहा था के बड़ी दूध से भरी थैली को दबा रहा हु. दोनों हातोंसे स्तन को दबाकर होठोंको चूमने में बड़ा मजा आ रहा था.

निचे मेरे लंड की कठोरता मुझे असहनीय हो रही थी. जैसे ही हमने किस करना रोका, मेने देखा समीक्षा की आँखे नशीली हो गयी थी. मेने समीक्षा की और देखते हुए उसके स्तनों को दबाना सुरु रखा. उसने मेरी तरफ देखते हुएा अपना हात मेरे पैंट पर रखा और मेरे लंड को मसलने लगी. अहहहह शशःशस. शशशश. दोनों को भी पता था की हम क्या कर रहे है. इस वक्त दोनों की भी ये जरुरत थी.

मेने समीक्षा को देखते हुए अपने पैंट का बटन खोला और चैन निचे की. समीक्षा ने एक नजर निचे देखा. फिर दोनों ने आस पास एक बार नजर घुमाई. केबिन कोने में होने की वजसे कोई वह जल्दी से आता नहीं था. हम दरवाजे के पीछे ही खड़े थे तो कोई तुरंत देख भी नहीं सकता था.

समीक्षा ने फिर से मेरे लंड की तरफ हात बढ़ाया. लेकिन इस बार उसका हात सीधा मेरी अंडरवेर पर लगा. अंडरवेर के अंदर तने हुए लंड पर समीक्षा का हात लगते ही मेरी सासे बढ़ने लगी. शरीर की गर्मी चर्म सीमापार पोहच गयी.

समीक्षा ने अंडरवेर के ऊपर से लंड को दबाया. फिर वो निचे बैठी. उसने धीरेसे मेरी पैंट निचे खींची. फिर अंडरवेर को दोनों हातोंसे से पकड़कर निचे खींचा. अहहहहह. लंड बाहर निकलने लगा. जैसे अंडरवेर निचे उतरी और मेरा तना हुआ लंड बाहर निकला मेरे तो होश ही उड़ गए. समीक्षा जो मेरे ऑफिस की लड़की है, जिसके साथ में रोज काम करता हु, आज उसके सामने मेरा लंड देखकर में पागल सा हो गया था.

समीक्षा ने मेरे लंड को मुठी में पकड़ा. उसके कोमल हाथो का स्पर्श लंड पे कहर ढा रहा था. समीक्षा ने कसकर लंड को पकड़ा और हिलाने लगी. आहहहह अह्ह्ह्ह सिश्शश श्श्श श्शश आहहह उफ्फ्फ्फ़

हिलाते हिलाते समीक्षा ने लंड को मुँह में ले लिया. अहहहहह. लंड को मुँह में लेकर चूसने लगी. अहहहहह अहहहह..

में समीक्षा को मेरा लंड चूसते हुए देख खुश हो रहा था. ऐसे लग रहा था की कुछ बड़ा आज हासिल कर लिया है. एक पैसे वाली सुन्दर लड़की जो में सपने भी नहीं सोच सकता था की मेरा लैंड चूसेगी, अभी वो मेरा लंड मुँह में लेकर बैठी है. समीक्षा मेरे से भी ज्यादा पढ़ी लिखी थी. वो मेरा लंड चूस रही थी.

अहहहहह ष्ष्श सुसुसुसुस आहाहा। ……. अह्हह्ह्ह्ह उफ्फ्फफ्फ्फ़

समीक्षा ने मेरी दोनों गोटियों को मसलते हुए लंड को चूसना जारी रखा. पूरा लंड जीभ से चाट चाटकर उसका मजा ले रही थी. काफी देर तक लंड को चूसने के बाद जब वो खड़ी हुयी. मेने थोड़ी भी देर न की, और पास की खुर्सी पे उसे बिठा दिया. में निचे उसके सामने बैठा. उसकी कमीज उठाई, निचेसे उसके स्तन बाहर निकले। मेने तुरंत समीक्षा के निप्पल मुँह में लिए और चूसने लगा. दोनों हातोंसे स्तन को दबा दबा कर चूसने लगा. आहहह. गोरे स्तन का स्वाद ही अलग था. एक अलग सी खुसबू थी स्तनों में.

में अपनी जीभ से स्तनों को चाटने लगा. निप्पल को दातो से दबाकर खींचने लगा. अहाहा उम्म्म्म उम्म्म्म उम्म्म अहहहह. …. समीक्षा भी आह भरने लगी.

फिर में निचे खिसका निचे की और जहा सलवार थी. सलवार निचे खींचने लगा. समीक्षा मना करने लगी. कहने लगी कोई आ जायेगा. मेने कहा, में तुरंत कर लूंगा. ऐसे कहते हुए मेने जब सलवार निचे खींची तो समीक्षा ने अंदर पहनी हुई पैंटी दिखने लगी. काले रंग की झालर वाली पैंटी थी. उसके बगल में मास से भरे दोनों जांग देखकर मेरी आँखे चमकने लगी. ज्यादा वक्त नहीं था.

उसकी जांग पे हात घुमाते हुए मेने तुरंत पैंटी को भी निचे खींचा. समीक्षा की चुत सामने आयी. चुत देखते ही मुजसे रहा नहीं गया और बिना देरी किये मेने सीधा उसके पैर फैलाये और अपनी जीभ चुत पे लगा दी. चुत काफी गरम थी. चिप चिपि भी हो चुकी थी. ऐसा लग रहा था. की चुत को खा ही जाऊ. मेने जीभ को चुत की दरार में डाला और चाटने लगा. उम्म्म उम्म्म उम्म्म्म अम्मामा मम्मा अहहह.

समीक्षा सरसराते हुए अपनी कमर हिलाने लगी. में रुका नहीं और चुत को ऊपर से निचे पूरा चाटने लगा. फिर समीक्षाने मेरे मुँह को अपने चुत पे दबाया और कमर हिलाते हुए चुत को मेरे मुँह पे घिसने लगी. मेने मौका देख अपनी ऊँगली चुत में डाली और चुत को चाटते हुए ऊँगली को चुत में अंदर बाहर करने लगा.

समीक्षा पागल सी हो गयी थी. अभी उसे किसी का भी डर नहीं लग रह था. मुझे पूरी तरह अपने अंदर ले रही थी. काफी देर बाद जब में पीछे हटा मेरा लंड उफान मार रहा था. समीक्षाने मेरे लंड को जैसे देखा उसने सीधा बैठे बैठे लंड को मुँह में ले लिया और फिर से चूसने लगी.

यहाँ में चोदने के बारेमे सोच रहा था साली लंड चूसने लगी. मेने समीक्षा का मुँह दोनों हातो से पकड़ा और मुँह को लंड से चोदने लगा. अहहहह अहाहा उम्म्म्म ामममम अम्मामा। …. आहहहह. लंड को जोर जोर से समीक्षा के मुँह में ड़ालकर चोद रहा था. आहहहह. मुँह चोदने में भी एक अलग ही मजा है.

कुछ देर मुँह चोदने के बाद जब लंड बाहर खींचा, लंड समीक्षा की थूक से गिला हो चूका था.

फिर मेने समीक्षा को खड़ा किया, उसे घुमाकर झुका दिया. समीक्षा बिच के टेबल पर हात रखकर झुकी, पीछे से में उसकी गांड को टटोलने लगा. दोनों हातोंसे से गांड को दबाकर देखा तो काफी मुलायम गांड थी. और इतनी बड़ी लड़की की गांड देख लंड पागल हो गया. मेने अपने लंड को गांड की दरार में डाला, गांड में घिसते हुए लंड को चुत की और ले गया और सीधा चुत में डाल उसे चोदने लगा.

अहहहहहह. अहहह. लंड सीधा चुत में घुस गया. मेने समीक्षा की कमर दोनों हातोंसे पकड़ ली थी और जोर जोर से धक्के देते हुए में उसे चोद रहा था. अहहह अहहह अहःअहः अहहहह उफ्फ्फ्फ़
आहहह अहःअहः अहहह उम्म्म्म

लंड पूरा अंदर तक जाकर बाहर आ रहा था. अहहहह अहहह

समीक्षा अपनी आवाज को दबाये हुए थी. में उसे चोदते जा रहा था. कुछ देर बाद जब पानी निकलने वाला था. मेने लंड को चुत से बाहर खींचा और सारा पानी समीक्षा की गांड पे उड़ा दिया. समीक्षा ने भी राह की सास ली.

लंड छोटा होने लगा. मेने तुरंत अपनी पैंट पहन ली. समीक्षा भी अपने कपडे पहने लगी. कपडे पहनकर जब समीक्षा ने मुझे कहा में जा रही हु. और फिरसे मुझे गले लगाकर होठोंको चूमा.

उस दिन के बाद से में और समीक्षा अच्छे दोस्त बन गए. समीक्षा का बॉयफ्रेंड भी था लेकिन वो मेरे साथ भी चुदवाया करती थी.

कैसी लगी मेरे कहानी कमेंट करके जरूर बताना. आपकी भी ऐसी कोई ऑफिस की दोस्त है तो कमेंट में उसके बारेमे जरूर बताना.

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