भाभी को नंगा नहाते देख लिया

कुछ दिनों पहले की बात है. सुभह का वक्त था. बड़े भैया काम से जल्दी घर से निकल गए थे. माँ और पापा भी मंदिर चले गए थे. में दोस्तों के सात खेलने चला गया था. जब १० बजे घर लौटा तो देखा घर पे कोई नहीं है. मुझे लगा सभी मंदिर चले गए होंगे.

तो मेने सोचा की जाकर नाहा लेता हु. मेने अपना टावल और कपडे लिए और बाथरूम की और निकल पड़ा. बाथरूम हमारा घर में पीछे की तरफ था. में अपनी ही सोच में चले जा रहा था. बाथरूम के पास पोहचा और जैसे ही दरवाजा धकेला, अंदर सामने भाभी को नंगा देख मेरे तो होश ही उड़ गए.

भाभी पूरी नंगी सामने कड़ी थी. उनका एक पैर उन्होंने निचे रखे टेबल पे रखा था. और अपनी जांग पे साबुन रगड़ रही थी. मेरी तुरंत नजर भाभी के बड़े बड़े मम्मो पर पड़ी. अह्ह्ह ह… इतने बड़े मम्मे और उनकी चूचिया। अहह.. नजर मम्मो से हट ही नहीं रही थी. फिर धीरेसे आँखे भाभी की चुत की और मुड़ी। अह्ह्ह। .. भाभी की चुत पे एक भी बाल नहीं था. चुत को देखते ही मुँह में पानी आ गया.

कुछ देर तक भाभी को भी एसास नहीं हुआ की क्या हो रहा है. कुछ देर बाद जब बभी को समज आया. वो सहम गई और उन्होंने अपना एक हात अपने मम्मो को ढकने में लगाया और दूसरे हात से चुत को ढकने लगी.

में भी डर गया और तुरंत दरवाजा बंद कर अपने कमरे की और भागा।

कमरेमे जाकर में खुर्सी पे बैठ गया. मेरी आखो के सामने भाभी का नंगा बदन घूम रहा था. सास फूल रही थी. मुझे समज नहीं आया के ये सब क्या हुआ.

में कुछ देर बैठा ही था की तभी बाहर से भाभी कमरे में आयी. भाभी ने टावल पहनी हुई थी. धीरेसे चलते हुए कमरे में दाखिल हुई. अंदर आते ही भाभी ने दरवाजा अंदर से बंद किया। और मेरी तरफ आने लगी

जैसे जैसे वो करीब आ रही थी।  मेरी सासे बढ़ रही थी. भाभी मेरे एकदम से करीब आ गयी. मुझे एक बार के लिए लगा की भाभी अभी मुझे जोर से चपेट मारेगी।  इसके पहले की भाभी कुछ कहे, मेने भाभी से गिड़गिड़ाते हुए माफ़ी मांगी. हात जोड़े और कहा. गलती से हो गया. मुझे नहीं पता था आप नाहने गयी हो.

मेरे पसीने छूट रहे थे.

तभी भाभी बोली। कोई बात नहीं देवर जी. ये कोई बड़ी बात नहीं के आपने मुझे नहाते हुए देख लिया. तुम्हारी इसमें कोई गलती नहीं थी. में ही दरवाजा बंद करना भूल गई.

भाभी ने मेरे गालो को सहालते हुए कहा. आप मत डरो. में किसी को कुछ नहीं बताउंगी. आप भी किसी को कुछ नहीं बताना.

ये बात सुनकर मेरी जान में जान आयी.

मेरा डर कम होने लगा. मेने भाभी से कहा…. जी में किसे से कुछ नहीं बोलूंगा.

में ऐसे कहकर बाहर निकलने ही वाला था लेकिन तभी भाभी ने कहा.

लेकिन एक काम तुम्हे करना पड़ेगा

मेने पूछा… जी भाभी आप जो कहोगे में करूँगा

मेरी बात सुनतेही भाभी बोली. देखो जैसे तुमने मुझे नंगा नहाते हुए देख लिया. वैसे अब तुम्हे भी नंगा मेरे सामने खड़ा होना पड़ेगा. तभी बात बराबर की होगी.

ये सुन में चौक गया. मुझे समज नयी आ रहा था के इस बात पर में क्या कहु

भाभी ने मेरी तरफ देखते हुए कहा. देखो ज्यादा सोचो मत. कुछ नहीं होगा. एक बार सिर्फ में तुमको पूरा नंगा देख लू जैसे तुमने मुझे देखा था. तो दोनों को भी किसी बात का डर नहीं होगा. हम दोनों भी इस बात को किसी को नहीं बताएँगे।

मुझे भी भाभी की बात ठीक लगी. में खड़ा हो गया और अपनी  टीशर्ट उतारने लगा.

भाभी मुझे टकटकी लगाकर देख रही थी. मेने टीशर्ट उतार कर बेड पर रख दी और भाभी को देखने लगा.

तभी भाभी ने कहा. रुके क्यों…. उतारो सारे कपडे. शर्माओ मत

मुझे बहोत डर लग रहा था. लेकिन अब कोई और उपाय भी नहीं था. तो मेने धीरेसे अपनी पैंट निचे उतारकर पास में टीशर्ट के सात रख दी.

मेरा खड़ा लंड अंडरवेर के अंदर गुदगुदाने लगा. भाभी ने कहा अब इसे भी उतार दो.

मेने धीरसे अंडरवेर को भी उतारा और पूरा नंगा हो गया.

मेरा लंड उछलते हुए बाहर निकला था. जैसे ही भाभी ने मेरा लंड देखा वो चौक गयी. शायद पहली बार इतना बड़ा लंड देख रही थी.

लंड की तरफ देखते हुए भाभी बोली. तुम्हारा तो काफी बड़ा है. में थोड़ा शरमाया.

मेरी तरफ देखते हुए भाभी ने अपना पहना हुआ टावल उतर दिया.

जैसे ही टावल निचे गिरा और जो मेरे सामने दृस्य था…..  अहहह। … मानो अप्सरा आसमान से प्रकट हुयी है.

बड़े मम्मो को देख मेरा लंड ऊपर निचे उछलने लगा. भाभी की जैसे ही हिलते हुए लंड पे नजर पड़ी. उन्होंने अपना हात आगे बढ़ाकर लंड को मुठी में पकड़ लिया. अहह अह्ह्ह अहह.. भाभी का कोमल हात मेरे खड़े लंड को छूते ही मानो मेरे शरीर में बिजली बहने लगी. भाभी ने लंड को मुट्ठी में जकड कर हिलना शुरू किया.

अहा अहह यह.. अहह ाहः. अहह. श्श्श सः अहह…. जोर जोर से लंड को दबा दबा कर हिला रही थी. मेरा तड़पता हुआ बदन देख भाभी नजदीक आई और मेरे होठोंपे अपने होठ रख दिए. फिर क्या, मेरे दिमाग ने सोचना बंद कर दिया. मेने सीधा भाभी को गले से लगाया और चूमने लगा. भाभी की गोरी नंगी पीठ पर हात घुमाते हुए गुलाबी होठोंका रस पि रहा था.

अहह आह… भाभी के कोमल बदन को छूने में बड़ा मजा आ रहा था. भाभी ने लंड छोड़ मुझे कसकर गले लगा लिया. निचे मेरा लंड भाभी की चुत पे घिसे जा रहा था.

भाभी की पीठ पर घूम रहा मेरा हात धीरेसे निचे सरकने लगा. भाभी की कमर से होते हुए जैसे निचे जाने लगा, बड़ी उठी हुई गांड का स्पर्श हातोंको होने लगा. मेने अपने दोनों हात निचे सरकाये और दोनों हातोंसे गांड को दबाने लगा. अहहह अहह… गांड तो और भी लाजवाब थी. कसकर गांड पकड़कर दबाने लगा. गांड इतनी बड़ी थी के मेरे हातोंके पंजे छोटे पड़ रहे थे. गोल मोटी गांड को कसकर दबा दबा कर आनंद लेने लगा.

उसी वक्त आगे की और होठोंसे निचे सरकते हुए मेने भाभी की चूचिया मुँह में ले ली और चूचियों को चूसते हुए हातोंसे गांड दबा रहा था.

कुछ देर गांड से खेलकर दोनों हात आगेकी ओर लिए और दोनों मम्मो को दबाकर भाभी का दूध निकालने लगा. अहा आह. अहह. अहह अहह. भाभी के मम्मे काफी रसीले थे. दबाने में बहुत मजा आ रहा था. ऐसे लग रहा था की दूध की थैले दबा रहा हु. दोनों मम्मो को काफी देर तक में चूसता रहा.

निचे मेरा लंड भाभी को पेलने के लिए तैयार ही था. मेने भाभी को पीछे पलंग पर सुला दिया और में उनके उपर चढ़ गया. होठोंसे चूमते हुए निचे आने लगा. मम्मो को पूरा चाटलिया, धीरे धीरे भाभी के बदन को चूमते हुए निचे आने लगा. भाभी के ढोड़ी पर जैसी ही नजर पड़ी, मेने सीधा अपना मुँह धोड़ी पर रख जीभ से धोड़ी को चाटने लगा. भाभी के मुँह से आह की आवाजे आने लगी. अहह अहह . ष्ष्स हशस.अहह हाहाहा अहह अहह.

धोड़ी का मजा लेकर निचे की और खिसका. निचे जाते ही भाभी की चुत की सीधी दरार दिखने लगी. धीरेसे अपने हात भाभी की दोनों जांग पे रख सहलाने लगा. चुत को देख भाभी की गोरी जांग पे चूमने लगा. धीरे धीरे चुत की और बढ़ने लगा. भाभी अपने पैर फ़ैलाने लगी. धीरेसे चुत मेरे आखो के सामने खुलने लगी अहह अहाहा। क्या नजारा था. भाभी की गोरी चुत खुलते देख मुँह में पानी आनेलगा.

जैसे ही भाभी ने पुरे पैर फैला दिए. मेने सीधा भाभी की चुत पे अपना मुँह टिका दिया. चुत को दोनो हातोंसे से खोलकर जीभ अंदर दाल दी और चुत से निकलने वाला चिप चिपा पानी चाटने लगा. ऐसे लग रहा था मानो शहद चाट रहा हु. उम् उम्म्म अहहह अहहांम अम्म्म ामममम…. भाभी भी कहराने लगी थी. अहहअहह अह्ह्ह्हह .. शहहह अहहह

चुत पर जीभ घुमाते हुए मेने अपनी एक ऊँगली चुत में डाल दी और चुत को रगड़ने लगा. काफी अंदर तक ऊँगली जा रही थी. चुत के दाने पर जैसे में जीभ घुमाने लगा, भाभी मानो तड़पने लगी. कमर ऊपर निचे कर मेरे मुँह पे घिसने लगी. में रुका नहीं और चुत को काफी देर तक चाटता रहा.

काफी देर चुत को चाटने के बाद पीछे हुआ. भाभी के पैर पुरे फैला दिए और बिच में बैठ गया. लंड को हात में पकड़ कर धीरेसे चुत में धकेला. धीरेसे लंड चुत में खिसकने लगा. बड़ा लंड होनेके वजसे भाभी मानो तड़पने लगी थी. उनकी तड़फड़ाहट आखो के सामने दिख रही थी. लेकिन मेने ध्यान नहीं दिया और लंड को धक्के देकर अंदर डालते रहा. कुछ देर बाद जब पूरा लंड चुत में चला गया भाभी ने चैन की सास ली.

लंड चुत में डाल भाभी के ऊपर लेट गया. भाभी की आखो में देख निचेसे कमर हिलाते हुए लंड को चुत में अंदर बाहर करने लगा. अहहह। ..अहहह. लंड गरम चुत में घिसने लगा. अहह अहाहा. …. भाभी भी कहराने लगी…. भाभी के चेहरे पे उठी आह देख मेरा और जोर से चोदने का मन होने लगा. मेने जोर जोर से अपने लंड को चुत में डालना सुरु किया. अहह अहह अहाः अह्ह्ह . भाभी को जोर जोर से चोदने ने में काफी मजा आ रहा था. अहहह अहाहा। …

लंड पूरा अंदर तक जा रहा था. काफी देर तक चुत को चोदने ने बाद जब में पीछे हटा और लंड को देखा तो लंड पूरा चुत के पानी से गिला हो चूका था. तभी मुझे पता चला की भाभी एक बार झड़ चुकी है.

फिर मेने भाभी को पलट कर सुलाया. जैसे भाभी पलटी, आखो के सामने भाभी की बड़ी हिलती हुई गांड सामने आयी. मेने दोनों हातोंसे गांड को दबाना सुरु किया. काफी कोमल थी भाभी की गांड. मेने अपनी जीभ से गांड को ऊपर से निचे तक चाटा फिर भाभी को घोड़ी बनाकर बैठाया. जैसे ही भाभी घोड़ी बनी. गांड ऊपर आगई.

मेने अपने लंड को पकड़ा और गांड पे मारते हुए निचे की और चुत को ढूंढने लगा. चुत के गड्ढे में लंड को धीरेसे सरकाकर चोदना सुर किया. अहा हहह यह.. श्श्श शहस. भाभी भी चिल्लाने लगी… हाहाहा यह अहा.. श्श्श श्श्श. देवर जी धीरे अहह अहहह..अहह अहहह। …

मेने कसकर भाभी की कमर पकड़ ली थी. जोर जोर से चोद रहा था. जैसे जैसे मेरा पानी नजदीक आ रहा था. मेरी चोदने की गति बढ़ रही थी. में सब भूल के सिर्फ सामने दिख रही नंगी औरत को चोदने के बारे में सोच रहा था. अहह अहह. श्श्श शहस. कसकर पकड़कर लंड चुत में धकेल रहा था. अहह अहह यह. श्श्श शश अहाहा.

काफी देर चोदने के बाद मेरे लंड से पानी निकलने वाला था. मेने भाभी को पूछा चुत में पानी छोड़ दू. तो भाभी चिल्लाकर बोली. नहीं देवर जी, बाहर छोड़ो. जैसे ही पानी लंड से निकलने वाला था. मेने तुरंत लंड चुत के बाहर खींचा और उसकी गांड पे उड़ा दिया. गरम सफ़ेद पानी की बौछार भाभी के गांड पे उड़ने लगी.. कुछ वक्त लगा पूरा पानी निकलने में. फिर जब लंड शांत हुआ मे पीछे हट गया और भाभी के बगल में सो गया.

भाभी भी नंगी मेरे पास लेटी रही. कुछ देर बाद भाभी उठी और अपना टावल लपट कर अपने कमरे में चली गयी.

उस दिन के बाद जब जब घर पर कोई नहीं होता था. भाभी मेरे कमरे में आती थी और हम चुदाई करते है.

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